
लखनऊ, 01 अक्टूबर 2024: सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर में आज आयोजित 8वें दीक्षांत समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 58,161 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की। इस समारोह में 36 कुलाधिपति स्वर्ण पदक, 9 डोनर स्वर्ण पदक और 30 पीएचडी उपाधियां शामिल थीं। इसके साथ ही सभी उपाधियों और 187,108 अंक-पत्रों को डिजीलॉकर में भी अपलोड किया गया। राज्यपाल ने इस दौरान 220 आंगनबाड़ी किटों का भी वितरण किया और राष्ट्र निर्माण में युवाओं के योगदान पर जोर दिया।
राज्यपाल ने डिजिटल शिक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अवसरों पर दिया जोर

उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत समारोह के दौरान छात्र-छात्राओं को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि जीवन में निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए, और कुछ अंकों की कमी से हार मानने की जरूरत नहीं है। राज्यपाल ने विशेष रूप से इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उपाधि और मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या अधिक थी। उन्होंने छात्रों को भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और कहा कि सभी मिलकर राष्ट्र की उन्नति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय से अपील की कि वे अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू (सहयोग समझौता) करें, ताकि अभावग्रस्त परिवारों के बच्चों को भी अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल सके। इसके साथ ही, उन्होंने युवाओं से न केवल रोजगार के लिए, बल्कि समाज के उत्थान के लिए भी समर्पित भाव से कार्य करने का आह्वान किया।
उच्च शिक्षा और कौशल विकास के लिए सरकारी प्रयास

राज्यपाल ने उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के बजट में शिक्षा हेतु 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो अब तक का सर्वाधिक आवंटन है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के लिए 19,025 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विभिन्न योजनाओं के तहत छात्रों के लिए आर्थिक सहायता के साथ-साथ रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना और मॉडल कौशल ऋण योजना।
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के विकास के लिए दिशानिर्देश

राज्यपाल ने सिद्धार्थ विश्वविद्यालय को अगले 10 वर्षों के लिए एक स्पष्ट योजना तैयार करने का निर्देश दिया, ताकि विश्वविद्यालय की रैंकिंग में सुधार हो और इसे अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हो सके। उन्होंने विश्वविद्यालय में संरक्षित दुर्लभ पांडुलिपियों का जिक्र करते हुए कहा कि ये पांडुलिपियां हमारी धरोहर हैं और उनका संरक्षण किया जाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कृषि शिक्षा पर विशेष ध्यान

राज्यपाल ने सिद्धार्थनगर क्षेत्र के कृषि प्रधान होने के कारण कृषि शिक्षा पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि यहां के छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करेंगे, तो उन्हें रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे। कृषि को आज के परिवेश में एक महत्वपूर्ण रोजगार क्षेत्र के रूप में देखा जा रहा है, और छात्रों को इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए।
मुख्य अतिथि और अन्य वक्ताओं के विचार
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर वांगचुक दोरजी नेगी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्र और समाज के विकास के लिए युवाओं को व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर काम करना चाहिए। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने छात्रों से एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपनी भूमिका निभाने का आह्वान किया, जिससे भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना साकार हो सके।
आंगनबाड़ी किट और स्मारिका विमोचन
समारोह में राज्यपाल ने आंगनबाड़ी केन्द्रों को सशक्त बनाने के लिए 220 आंगनबाड़ी किटों का वितरण किया। इसके साथ ही, विश्वविद्यालय की स्मारिका ‘उत्कर्ष’ का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर डॉ. राजा गणपति आर, जिलाधिकारी श्रावस्ती अजय कुमार द्विवेदी, मुख्य विकास अधिकारी जयेन्द्र कुमार और कई अन्य अधिकारी व विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।


































