कल्पना कीजिए आप डॉक्टर के क्लिनिक में बैठे हैं. नर्स आपका ब्लड प्रेशर चेक करती है और अचानक मशीन पर 150/95 नंबर आ जाता है. वहीं, घर जाने पर ब्लड प्रेशर 120/80 मिलता है. यानी एकदम नॉर्मल. क्या आपने कभी सोचा है कि डॉक्टर के सामने मरीज या सही सलामत इंसान का ब्लड प्रेशर क्यों बढ़ जाता है? इसकी असली वजह क्या है?
असलियत में क्या है यह दिक्कत?
बता दें कि डॉक्टर के सामने अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ जाना कोई जादू नहीं, बल्कि व्हाइट कोट हाइपरटेंशन है. इसका मतलब है कि डॉक्टर का सफेद कोट देखते ही ब्लड प्रेशर चढ़ जाता है. यह समस्या आजकल इतनी कॉमन हो गई है कि हर 5 में से 1-2 लोग इससे जूझ रहे हैं. नई रिसर्च बताती है कि ये सिर्फ घबराहट की बात नहीं, बल्कि दिल की बीमारी का खतरा भी दोगुना कर सकती है.
यह प्रॉब्लम कितनी खतरनाक?
अमेरिकन हार्ट असोसिएशन की 2024 की एक स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों का बीपी डॉक्टर के सामने बढ़ता है, उनमें हार्ट अटैक का रिस्क नॉर्मल लोगों से दोगुना होता है. पेन मेडिसिन के रिसर्चर्स ने 60 हजार से ज्यादा मरीजों पर स्टडी की और बताया कि अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो यह साइलेंट किलर बन सकता है. ICMR की 2024 रिपोर्ट के मुताबिक, 21 करोड़ से ज्यादा लोग हाई बीपी से परेशान हैं और इनमें 20-30 पर्सेंट को व्हाइट कोट हाइपरटेंशन की वजह से गलत दवा दी जा रही है.
क्यों होती है यह दिक्कत?
व्हाइट कोट हाइपरटेंशन बीमारी के नाम से साफ है कि डॉक्टर के सफेद कोट, इंजेक्शन, सुई और बीमारी का डर. जब हम क्लिनिक या अस्पताल पहुंचते हैं तो डॉक्टर का कोट देखते ही दिल की धड़कन तेज हो जाती है. इसकी वजह से ब्लड प्रेशर अचानक ऊपर चढ़ जाता है. यह कोई नई बीमारी नहीं है. इसे 1980 के दशक में पहचान लिया गया था, लेकिन 2025 तक कई रिसर्च ने इसके पीछे के राज खोल दिए हैं.
जापान में हुई स्टडी में सामने आई यह बात
जापान के ओहासामा में 2023 के दौरान 153 लोगों पर एक स्टडी पूरी की गई थी. करीब चार साल तक चली इस स्टडी में देखा गया कि इस बीमारी का असर काफी समय तक रहता है और यह दिक्कत बार-बार होती है. अगर आपका बीपी ऑफिस में 140/90 से ज्यादा रहता है, लेकिन 24 घंटे की मॉनिटरिंग में 130/80 से कम मिलता है तो यह व्हाइट कोट ही है. यह दिक्कत महिलाओं, बुजुर्गों और तनावग्रस्त लोगों में ज्यादा होती है.
ये टिप्स आएंगे काम
अब सवाल उठता है कि व्हाइट कोट हाइपरटेंशन से कैसे बचा जा सकता है. आइए आपको इसके तरीके भी बताते हैं.
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- सुबह-शाम 2-2 बार घर पर बीपी चेक करें. अगर बीपी 3 दिन तक लगातार ऑफिस में हाई आता है तो ABPM करवाएं.
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- डॉक्टर के पास जाते वक्त गहरी सांस लें. 5 मिनट शांत बैठें. म्यूजिक सुनें या प्राणायाम करें.
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- खाने में नमक कम करें. फल-सब्जी ज्यादा खाएं. रोजाना 30 मिनट वॉक करें. धूम्रपान-शराब छोड़ें.


































