क्रोमियम एक नेचुरल तत्व है, जो धरती की सतह, पानी, भोजन और हमारे आस-पास के एटमॉस्फियर में थोड़ी मात्रा में मौजूद रहता है. इसकी दो प्रमुख स्थिति होती है. जिसमें, जो हमारे हेल्थ के लिए सही है वह है ट्राइवैलेंट क्रोमियम, जो बहुत कम मात्रा में शरीर के लिए जरूरी माना जाता है,और हेक्सावैलेंट क्रोमियम, जो बेहद जहरीला होता है और एक साबित मानव कार्सिनोजन माना जाता है।
जब शरीर में खासकर हेक्सावैलेंट क्रोमियम का लेवल बढ़ जाता है, तो यह कई तरह के गंभीर स्वास्थ्य असर पैदा कर सकता है. हेक्सावैलेंट क्रोमियम सेल्स के भीतर आसानी से प्रवेश कर लेता है और अंदर पहुंचकर रिएक्टिव ऑक्सीजन बनने लगता है, जिससे डीएनए को नुकसान होता है. खून में पहुंचने के बाद यह लिवर, किडनी, लंग्स और हड्डियों तक जाकर सेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है और कई बीमारियों की शुरुआत कर सकता है.
खून में क्रोमियम बढ़ने से क्या बीमारियां हो सकती हैं?
कैंसर
National library of medical science के अनुसार, इससे सबसे बड़ा खतरा कैंसर का है. IARC (International Agency for Research on Cancer) ने Cr(VI) यानी हेक्सावैलेंट क्रोमियम को ग्रुप-1 कार्सिनोजन माना है. इसका मतलब इसमें इंसानों में कैंसर पैदा करने के पर्याप्त प्रमाण मौजूद हैं. क्रोमियम-VI को सांस के साथ लेना फेफड़ों, नाक और साइनस के कैंसर से जुड़ा हुआ पाया गया है. क्रोमियम से दूषित पानी पीने पर डाइजेशन सिस्टम से जुड़े कैंसर का जोखिम भी बढ़ सकता है.
खून से संबंधित बीमारियां
तमाम मेडिकल रिपोर्ट्स बताते हैं कि खून में क्रोमियम की मात्रा बढ़ने से ब्लड सेल्स की सामान्य काम करने की क्षमता प्रभावित होती है. कई स्टडीज में माइटोकॉन्ड्रिया को नुकसान, डीएनए डैमेज और रेड ब्लड सेल्स के टूटने जैसे प्रभाव देखे गए हैं. इससे एनीमिया, थकान और शरीर की ऑक्सीजन वहन क्षमता कम हो सकती है.
किडनी और लिवर डैमेज
किडनी और लिवर शरीर के मुख्य डिटॉक्सीफिकेशन ऑर्गन हैं. क्रोमियम की हाई मात्रा, खासकर Cr(VI), इन अंगों में जमा होकर किडनी की ट्यूब्यूल्स को नुकसान पहुंचा सकती है और लिवर की काम करने की क्षमता को कम कर सकती है.
लंग्स पर असर
क्रोमियम के जर्रे या धुएं को सांस के साथ लेने पर वायुमार्गों में जलन, सांस फूलना, अस्थमा का बढ़ना और क्रॉनिक लंग्स की बीमारियां हो सकती हैं. खून में इसका स्तर बढ़ा मिले तो यह शरीर में भारी एक्सपोजर का संकेत है.
क्रोमियम कैसे बढ़ता है?
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- क्रोमियम शरीर में अलग-अलग माध्यमों से अधिक पहुंच सकता है:
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- उद्योगों में क्रोमियम की धूल या धुआं सांस के साथ अंदर जाने से
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- दूषित पानी या भोजन के सेवन से
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- मिट्टी या धातु के संपर्क से
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- कुछ मामलों में त्वचा के जरिए
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


































