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डॉ. राजेश्वर सिंह की अगुवाई में सरोजनीनगर में उमड़ी एकता की अभूतपूर्व लहर: सरदार @150 एकता यात्रा’ सरोजनीनगर में गूंजे एक भारत, श्रेष्ठ भारत के नारे

  • 562 रियासतों को एक सूत्र में पिरोने का पटेल दृष्टिकोण – आज की पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक: डॉ. राजेश्वर सिंह
  • साइबर, सामाजिक और सीमाई युद्ध, युवाओं को तीनों मोर्चों पर होना होगा तैयार: डॉ. राजेश्वर सिंह
  • युवा लाइबिलिटी नहीं, भारत की सबसे बड़ी एसेट हैं -अपनी स्किल, अपनी शक्ति पहचानें”: डॉ. राजेश्वर सिंह
  • एकता के विरुद्ध किसी भी ताकत को बर्दाश्त नहीं करेगी युवा पीढ़ी: डॉ. राजेश्वर सिंह का स्पष्ट संदेश
  • विकसित भारत @2047 सिर्फ सपना नहीं, यह युवाओं का राष्ट्रीय दायित्व है”: डॉ. राजेश्वर सिंह
  • नेहरु से अधिक योग्य थे सरदार पटेल, लन्दन में पढ़ाई के दौरान रहे थे गोल्ड मेडलिस्ट- संजय राय

लखनऊ: भारत की अखंडता के शिल्पी, भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में रविवार को सरोजनीनगर में भव्य ‘सरदार @150 एकता यात्रा’ का आयोजन किया गया। यह ऐतिहासिक यात्रा स्कूटर इंडिया चौराहे से प्रारंभ होकर सैनिक इंटर कॉलेज ग्राउंड तक आयोजित हुई, जिसमें सैकड़ों नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। करीब ढाई किलोमीटर लंबी इस पदयात्रा में आम नागरिकों, व्यापारियों, सामाजिक संगठनों और भाजपा कार्यकर्ताओं की व्यापक सहभागिता देखने को मिली। तिरंगा-झंडों, देशभक्ति गीतों और सरदार पटेल के संदेशों से वातावरण को राष्ट्रभाव की ऊर्जा से भर उठा। “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” और “सरदार पटेल अमर रहें” के नारों ने पूरे मार्ग को गूंजायमान कर दिया।

विधयाक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा आयोजित पदयात्रा के इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय राय, लखनऊ भाजपा जिलाध्यक्ष विजय मौर्या, भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी की उपस्थिति रही, जिन्होंने सरदार पटेल के आदर्शों और राष्ट्र को उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। पदयात्रा की समाप्ति पर बड़ी संख्या में मौजूद जन समूह को सम्बोधत करते हुए विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने सरदार पटेल को आधुनिक भारत का वास्तुकार बताते हुए कहा, जब देश आज़ाद हुआ तब 562 रियासतें थीं, हर एक का अपना संविधान और अपना झंडा था। सरदार पटेल के दृढ़ निश्चय और नीति-कौशल ने ही अखंड भारत की नींव रखी।

सरोजनीनगर विधायक ने हैदराबाद रियासत के विलय का उदाहरण देते हुए कहा, जब हैदराबाद रियासत भारत में शामिल होने को तैयार नहीं थी और रज़ाकारों का आतंक चरम पर था, तब सरदार पटेल लौह पुरुष के रूप में डटकर खड़े हुए। उनके नेतृत्व में 30,000 जवानों ने बिना एक भी गोली चलाए हैदराबाद का भारत में विलय कराया। सरदार पटेल ने भारतीय सिविल सर्विसेज की नीव भी रखी जिसे देश के ‘स्टील फ्रेम’ कहा जाता है। सरकारें बदलती रहेंगी, लेकिन देश का संचालन मजबूत प्रशासनिक व्यवस्था से ही संभव है, यह उनकी दूरदर्शी सोच थी।

डॉ. सिंह ने भारत के सामने बाहरी और आंतरिक खतरों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा:

युवाओं ने भारत–पाक युद्ध, सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक और दोकलाम विवाद देखा है। भारत पर हमले इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि हमारे पूर्वजों ने देश को पुनः ‘सोने की चिड़िया’ बनाने की दिशा में अग्रसर किया है। मोदी जी ने जब पदभार संभाला, भारत 11वीं अर्थव्यवस्था था, आज हम चौथी अर्थव्यवस्था हैं। 2027 तक तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेज़ी से अग्रसर हैं। विकसित भारत @2047 को पूरा करना युवा पीढ़ी की जिम्मेदारी है।

डॉ. सिंह ने जातिवाद, सामाजिक विभाजन और आतंकवाद पर चिंता जताते हुए कहा:

हम इतिहास की गलतियों से सीखें। मात्र 2 लाख अंग्रेज़ों ने हमें 200 वर्षों तक इसलिए शासित किया क्योंकि हम जाति, भाषा और प्रांतों में बंटे रहे। आज फिर कुछ शक्तियाँ समाज को बाँटने की कोशिश कर रही हैं, जातिवाद जहर है, इसे जड़ से उखाड़ फेंकना होगा। उन्होंने साइबर युद्ध, सोशल मीडिया युद्ध और सीमा पर चल रही चुनौतियों का भी उल्लेख किया देश में प्रतिदिन 3,000 साइबर अटैक होते हैं। युवाओं को साइबर योद्धा, सामाजिक योद्धा और सीमाओं के रक्षक, तीनों बनना होगा। देश आपका है, समाज आपका है, भारत आपके कंधों पर आगे बढ़ेगा।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में मौजूद महिलओं की प्रशंसा करते हुए डॉ. सिंह ने कहा, “मातृशक्ति के कारण ही भारत नई ऊँचाइयों को छू रहा है। यह उनकी क्षमता, समर्पण और नेतृत्व का ही परिणाम है कि आज देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी, प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल जी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी जैसी प्रेरक महिलाएँ राष्ट्र का नेतृत्व कर रही हैं। बच्चों और युवाओं को मातृशक्ति के त्याग और राष्ट्रभाव से प्रेरणा लेनी चाहिए।”

मुख्य अतिथि संजय राय का संबोधन:

मुख्य अतिथि ने विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा यात्रा के दौरान सरदार पटेल के चित्र को आगे रखने पर विशेष ध्यान दिया और कहा कि, अब से जो भी यात्राएं होंगी उनमें इस बात का ध्यान रखा जाएगा। संजय राय ने बताया की सरदार पटेल ने पढ़ाई के दौरान नौकरी भी की ताकि वे आलगे की पढ़ाई लन्दन से कर सकें, लेकिन उन्होंने बड़े भाई के आग्रह पर लन्दन जाने का विचार त्याग दिया और अपने वीजा पर बड़े भाई को लन्दन जाने दिया। सरदार पटेल लन्दन से पढ़ाई के दौरान गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले छात्र थे, ये सम्मान न गांधी जी को मिला न नेहरु को।

इस दौरान भाजपा नेता राजेश चौहान, शंकरी सिंह, रमा शंकर त्रिपाठी, आशू शुक्ला, राजेन्द्र बाजपेई, उमेश तिवारी, भुवनेंद्र सिंह ‘मुन्ना’, पीके मिश्रा, परविंदर सिंह, केके श्रीवास्तव, शिव बक्श सिंह, विवेक राजपूत, मोहित तिवारी, शिव शंकर विश्वकर्मा, विनोद मौर्या, मुकेश शर्मा, सौरभ सिंह ‘मोनू’, कौशलेन्द्र द्विवेदी, लवकुश रावत, हिमांशु अम्बेडकर, कमलेश सिंह, के. एन. सिंह, सुभाष पासी, संजय गुप्ता, धीरू पाण्डेय, अमन सिंह चौहान, संजीव मिश्रा, सुभम अवस्थी, नेहा सिंह, नीता दीक्षित, मधु सिंह, मनोज रावत, रजनीश गुप्ता व अन्य मौजूद रहे।

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