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PoK में जैश के ध्वस्त मरकज़ को फिर से बनाने की तैयारी — पाक मंत्री ने वहां का किया दौरा

7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना की कार्रवाई में तबाह हुए आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के पीओके (PoK) की राजधानी मुजफ्फराबाद में स्थित मरकज बिलाल कैंप को पाकिस्तान फिर से बनाने की तैयारी कर रहा है।

हाल ही में पाकिस्तान की सरकार में पीओके मामलों के मंत्री राणा मोहम्मद कासिम नून ने मुजफ्फराबाद की शवली रोड पर स्थित जैश के मरकज सैयदना बिलाल का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों से कैंप की स्थिति और उसके पुनर्निर्माण से जुड़ी जानकारी ली। बताया गया कि पाकिस्तान सरकार इस कैंप को जल्द ही दोबारा बनवाने की योजना पर काम शुरू करने वाली है।


भारत की स्ट्राइक में 9 आतंकी ठिकाने ध्वस्त

7 मई को भारत की स्ट्राइक में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के कुल नौ ठिकाने नष्ट किए गए थे। इस कार्रवाई में सौ से अधिक आतंकी मारे गए थे। इसके बाद पाक सरकार ने मारे गए आतंकियों के परिवारों को मुआवजा देने और ध्वस्त ठिकानों को दोबारा बनाने का ऐलान किया था।

इसके बाद लश्कर-ए-तैयबा को मुरीदके स्थित अपने मुख्यालय के पुनर्निर्माण के लिए करोड़ों रुपये दिए गए, जिससे वहां निर्माण कार्य फिर शुरू हो गया।


अब जैश को भी मिलेगी आर्थिक सहायता

अब तक जैश-ए-मोहम्मद को बहावलपुर, मुजफ्फराबाद, कोटली और सरजल स्थित उसके ध्वस्त कैंपों के लिए कोई मदद नहीं मिली थी, लेकिन हाल के मंत्री दौरे के बाद संकेत मिले हैं कि पाकिस्तान सरकार जल्द ही जैश के ध्वस्त ट्रेनिंग कैंप के लिए भी फंड जारी करेगी।


FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर होने का असर

यह पहला मौका है जब पाकिस्तान सरकार का कोई मंत्री खुले तौर पर किसी ध्वस्त आतंकी अड्डे पर पहुंचा। सूत्रों के अनुसार, हाल ही में FATF की बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में शामिल न किए जाने के बाद वहां की सरकार अब आतंकियों से खुले तौर पर जुड़ाव दिखाने से नहीं हिचक रही है।


भारत की स्ट्राइक में मारे गए टॉप आतंकी

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जैश के दो टॉप आतंकी हसन खान और वकास खान मारे गए थे। इसके बाद पीओके के मंत्रियों ने उनके परिवारों को मुआवजे के रूप में करोड़ों रुपये के चेक दिए। इसी साल फरवरी में पीओके के प्रधानमंत्री ने ‘जिहाद की संस्कृति’ को फिर से लागू करने की बात कही थी।


प्रचार के लिए झूठा दावा

हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने एक प्रचार कार्यक्रम के तहत यह दिखाने की कोशिश की कि ध्वस्त हुआ यह कैंप दरअसल धार्मिक शिक्षा का केंद्र था। इसके लिए नज़दीकी स्कूल के बच्चों को वहां बुलाया गया, ताकि इसे “मदरसा” के रूप में पेश किया जा सके।


साबित हुआ आतंकियों की ट्रेनिंग का अड्डा

वास्तविकता यह है कि मरकज बिलाल का इस्तेमाल आतंकियों की ट्रेनिंग के लिए किया जाता था। स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों की तस्वीरें इस बात की पुष्टि करती हैं कि वहां हथियार चलाने और लड़ाई की ट्रेनिंग दी जाती थी। इस कैंप में प्रशिक्षित आतंकी रिहान हैदर भी पिछले साल भारतीय सेना के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।

इन सबके बीच साफ है कि पाकिस्तान अब भी आतंकवाद को बढ़ावा देने की अपनी नीति से पीछे नहीं हटा है और खुद ही अपनी पोल खोल रहा है।

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