किडनी हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक है. यह हमारे ब्लड को साफ करने, शरीर से वेस्ट निकालने और तरल पदार्थ के संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है. इसके अलावा, किडनी हमारे शरीर में कुछ हार्मोन बनाती है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और रेड ब्लड सेल्स को बनाने में मदद करते हैं. लेकिन कई लोगों को तब तक पता नहीं चलता कि उनकी किडनी सही तरीके से काम नहीं कर रही है जब तक कि स्थिति बहुत गंभीर न हो जाए. यह इसलिए है क्योंकि किडनी की समस्या अक्सर शुरुआती चरण में कोई साफ लक्षण नहीं देती है. यही कारण है कि लगभग 90 प्रतिशत लोग यह नहीं जानते कि उन्हें किडनी की बीमारी है. यही वजह है कि समय पर जांच और सावधानी बेहद जरूरी है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि फेल होने से पहले कैसे पता लगाएं किडनी खराब हो रही है और कौन सा टेस्ट पूरी मदद करता है.
फेल होने से पहले कैसे पता लगाएं खराब हो रही किडनी?
1. यूरिन में बदलाव – यूरिन की मात्रा कम होना, बार-बार यूरिन आना, खासकर रात में. यूरिन में झाग या बुलबुले, जो प्रोटीन की उपस्थिति का संकेत देते हैं, यूरिन में ब्लड या अजीब रंग होना किडनी खराब का संकेत हो सकता है.
2. शरीर में सूजन – किडनी जब सही से काम नहीं करती, तो शरीर में टॉक्सिन जमा होने लगते हैं. यह अक्सर आंखों के आसपास, पैरों या हाथों में सूजन के रूप में दिखता है.
3. थकान और कमजोरी – किडनी रेड ब्लड सेल्स बनाने के लिए जरूरी हार्मोन एरिथ्रोपोइटिन बनाती है. किडनी खराब होने पर इसकी कमी से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होती है और व्यक्ति थका हुआ महसूस करता है.
4. सांस लेने में मुश्किल – शरीर में टॉक्सिन जमा होने के कारण फेफड़ों में दिक्कत हो सकती है, जिससे सांस लेने में समस्या आती है.
5. उल्टी और मतली – किडनी खराब होने पर शरीर में टॉक्सिन जमा हो जाते हैं, जिससे भूख कम लगना, उल्टी या लगातार मतली महसूस हो सकती है.
6. सिरदर्द, चक्कर और मानसिक परेशानी – किडनी की समस्या के कारण शरीर में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है, जिससे फोकस करना मुश्किल हो जाता है और कभी-कभी मानसिक परेशानी भी हो सकती है. अगर इनमें से कोई भी लक्षण महसूस करते हैं, तो तुरंत जांच करवाएं.
किडनी की स्थिति जानने के लिए कौन सा टेस्ट पूरी मदद करता है
1. ब्लड टेस्ट – किडनी की स्थिति जानने के लिए क्रिएटिनिन और बी.यू.एन. टेस्ट यह बताता हैं कि आपकी किडनी आपके ब्लड से वेस्ट को कितनी अच्छी तरह निकाल रही है. इसके अलावा ईजीएफआर, यह ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट को दिखाता है. यह टेस्ट बताता है कि आपकी किडनी कितनी अच्छी तरह से ब्लड को फिल्टर कर रही है. 15 से कम eGFR होने पर गंभीर किडनी खराबी या फेलियर की संभावना होती है.
2. यूरिन टेस्ट – यह टेस्ट यूरिन में प्रोटीन, बल्ड या अन्य असामान्य तत्वों की जांच करता है. यूज की मात्रा और रंग की निगरानी भी करता है.
3. इमेजिंग टेस्ट – अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन किडनी की संरचना और साइज को देखने में मदद करता है. इसमें पथरी, ट्यूमर या अन्य बीमारियों की जानकारी मिल सकती है.
4. अन्य टेस्ट – कुछ मामलों में डॉक्टर अलग टेस्ट भी कर सकते हैं जैसे किडनी बायोप्सी, जिससे किडनी की संरचना और क्षति का स्तर पता चलता है.
किडनी खराब होने से पहले बचाव और सावधानियां
किडनी की बीमारी का शुरुआती पता लगाकर हम उसे बढ़ने से रोक सकते हैं. इसके लिए अगर आपका परिवार किडनी रोग से पीड़ित है या आपकी उम्र 60 से ज्यादा है, तो नियमित जांच करवाएं. ब्लड शुगर कंट्रोल रखें. हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके अलावा हेल्दी लाइफस्टाइल, बैलेंस डाइट, ज्यादा पानी पीना, नियमित एक्सरसाइज और धूम्रपान से बचना. दवाइयों का सही यूज, डॉक्टर की सलाह के बिना किसी दवा या सप्लीमेंट का सेवन न करें.


































