भारत में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. इनमें ब्रेस्ट कैंसर, लंग कैंसर, कोलन कैंसर समेत और भी कई तरह के कैंसर शामिल हैं. इसी बीच सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इनमें 40 साल से कम उम्र के लोगों की संख्या काफी ज्यादा हो गई है. हाल ही में कैंसर मुक्त भारत की एक स्टडी के अनुसार भारत में मौजूद कैंसर केसेज में से 60 प्रतिशत आदमियों में और 40 प्रतिशत महिलाओं में कैंसर डायग्नोस किया गया है.
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि कैंसर के बढ़ते मामलों के पीछे का कारण आखिर है क्या? क्या दिन-ब-दिन बिगड़ते लाइफस्टाइल के कारण ये केसेज बढ़ रहे हैं? आइए जानते हैं इसके पीछे का असली कारण.
क्या है बढ़ते कैंसर का कारण?
कैंसर के तेजी से बढ़ते मामलों के कई कारण हैं, लेकिन इनमें सबसे बड़ा कारण लाइफस्टाइल में होने वाले बदलाव हैं. दरअसल, भारत के शहरों में रहने वाले लोगों की जिंदगी तेजी से ट्रांसफॉर्म हो रही है. शहरों की भागती दौड़ती जिंदगी में लोगों के पास चैन से बैठकर खाना खाने का समय तक नहीं है. ऐसे में खाने के गलत समय के कारण भी शरीर को नुकसान होता है. साथ ही, जंक और प्रोसेस्ड फूड खाने से लोगों में कोलेस्ट्रॉल, अनहेल्दी फैट, हाई बीपी, मोटापा बढ़ता है. इसके चलते शरीर खराब होता चला जाता है और समय के साथ कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है.
इर्रेगुलर वर्किंग हैबिट्स
कॉरपोरेट ऑफिस के अनहेल्दी वर्क कल्चर के कारण भी कैंसर का खतरा काफी बढ़ गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि शहरों में ऑफिसेज में स्क्रीन के सामने बैठकर दिन भर काम करना होता है, जिसमें फिजिकल मूवमेंट काफी कम होती है और बॉडी कम कैलोरी बर्न करती है. साथ ही, इर्रेगुलर वर्किंग हैबिट्स के चलते लोगों के पास एक्सरसाइज और योग का टाइम नहीं होता, जिससे शरीर का फिजिकल वर्क जीरो हो जाता है. ऐसे में शरीर का मेटाबॉलिज्म रेट काफी कम हो जाता है और इम्यून सिस्टम सही से काम नहीं करता जिससे ब्रेट कैंसर, कोलन कैंसर, पैंक्रिएटिक कैंसर होने के चांसेज ज्यादा रहते हैं.
इंक्रीजिंग पॉल्यूशन
भारत में पॉल्यूशन की समस्या से सभी परेशान हैं. भारत की राजधानी नई दिल्ली दुनिया की सबसे पोल्यूटेड सिटीज में से एक है. ऐसे में यहां की हवा और पानी दोनों ही कार्सिनोजेन से भरी हुई है. हवा और पानी में घुले हुए ये पॉल्यूटेंट्स ऑनकोजेंसिस का कारण बनते हैं. ऐसे में शहर में यंग पॉपुलेशन काफी ज्यादा होती है और उनका लाइफस्टाइल भी अनहेल्दी होता है. इसलिए कैंसर की शिकायत उनमें ज्यादा देखने को मिलती है.


































