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Health Tips:दिल्ली में सांस लेने पर खतरा! बढ़ते प्रदूषण से खुद को बचाएं, जानें फेफड़ों को सुरक्षित रखने के उपाय

दिवाली के बाद से दिल्ली का AQI एक बार फिर “बहुत खराब” श्रेणी में पहुंच गया है, जिससे शहर में सांस संबंधी बीमारियों में तेजी से बढ़ती जा रही है। अभी तक एयर क्वालिटी इनडेक्स (PM2.5 और PM10) पहुंचा है। वायु की गुणवत्ता खराब होने से फेफड़ों पर असर पड़ता है और अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, एलर्जिक राइनाइटिस और गले के संक्रमण को बढ़ा देता है। जिन लोगों को फेफड़ों की बीमारी उनके लिए यह प्रदूषण नुकसान पहुंचा सकता है। आइए आपको बताते हैं कैसे अपनी सेहत का ध्यान रखें।

डॉक्टर को कब दिखाएं

– कुछ दिनों से अधिक समय तक लगातार खांसी या घरघराहट हो।

– सीने में जकड़न, सांस लेने में तकलीफ, या आराम करते समय भी सांस लेने में कठिनाई हो।

– गले में जलन या खराश, नाक बहना, या आंखों में जलन जो ठीक न हो।

– अस्थमा या सीओपीडी जैसी पहले से ही फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित मरीजों को जरुरत पड़ने पर डॉक्टर को जरुर दिखाएं।

खुद को सुरक्षित कैसे करें

– जब बाहर प्रदूषण ज्यादा हो तो (सुबह या देर शाम) के दौरान घर के अंदर ही रहें।

– बाहर निकलते समय मास्क पहनें।

– घर में एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करें और खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें।

– साइकिल चलाने या जॉगिंग जैसे बाहरी एक्सरसाइज से बचें; इसके बजाय इनडोर वर्कआउट चुनें।

– पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, पानी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।

– फेफड़ों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए हल्दी और तुलसी जैसे एंटीऑक्सीडेंट रिच फूड्स का सेवन करें और अपने आहार में खट्टे फल शामिल करें।

सबसे अधिक खतरा किसे हुआ

– बच्चे और बुज़ुर्ग: कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण उनमें संक्रमण का फैलन का खतरा ज्यादा होता है।

– अस्थमा और सीओपीडी के मरीज: प्रदूषित हवा लक्षणों को बढ़ा सकती है या उन्हें बदतर बना सकती है।

– गर्भवती महिलाएं: प्रदूषित हवा के लगातार संपर्क में रहने से मानसिक स्वास्थ्य और भ्रूण के विकास पर असर पड़ सकता है।

– हृदय रोग या डायबिटीज से पीड़ित लोग: खराब वायु गुणवत्ता हृदय और मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है।

घर पर करें ये घरेलू उपाय

– स्टीम लें: स्टीम लेने से नाक का रास्ता साफ होने लगता है और गले की जलन कम करता है।

– गर्म नमक के पानी से गरारे करना: गले की खराश को कम करता है और कीटाणुओं को खत्म करने में मदद करता है।

– अदरक या तुलसी की चाय के साथ शहद: बंद नाक से राहत और खांसी से राहत दिलाने के लिए एक प्राकृतिक कफ निचोड़ने के रूप में कार्य करता है।

– अपने घर को साफ रखें: घर के अंदर प्रदूषण को कम करने के लिए नियमित रूप से एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और धूल साफ करें।

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