कोविड महामारी के बाद से न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर में आयुर्वेद के इलाज को काफी ज्यादा प्राथमिकता मिलने लगी है। घरेलू उपायों और जड़ी बूटियों से मिलने वाले फायदों के बारे में हर कोई जानने का प्रयास करता है। आयुर्वेद में बहुत सारी जड़ी बूटियां शामिल हैं, जिनमें सर्पगंधा भी है। यह आमतौर पर सांप को भगाने वाला पौधा माना जाता है, क्योंकि इसकी खूशबू के कारण इस पौधे से सांप दूर भागते हैं। आयुर्वेद में इसको एक औषधीय पौधा माना जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको सर्पगंधा से मिलने वाले फायदे, नुकसानों और इलाज के तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं।
सर्पगंधा के फायदे
सर्पगंधा के इस्तेमाल से हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में काफी मदद मिलती है। यह नर्वस सिस्टम पर प्रभाव डालकर बीपी को कम करने में सहायता करता है।
बता दें कि यह नेचुरल नींद लाने वाली औषधि के रूप में भी काम करती हैं। यह दिमाग की उत्तेजना को शांत करके नींद लाने में सहायता करती है। सर्पगंधा खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है, जोकि अनिद्रा की समस्या से पीड़ित हैं।
इसके साथ ही सर्पगंधा को कुछ हद तक ब्रेन टॉनिक के रूप में भी जाना जाता है। क्योंकि यह घबराहट, तनाव, बेचैनी और चिड़चिड़ेपन को शांत करने में सहायता करता है।
इस औषधि को सिजोफ्रेनिया, साइकोसि और अन्य मानसिक समस्याओं में भी फायदेमंद माना जाता है। इसका इस्तेमाल हमेशा डॉक्टर की सलाह पर करना चाहिए।
माना जाता है कि सर्पगंधा पुरुषों के लिए काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि यह तनाव की वजह से होने वाली यौन दुर्बलता को कम करने के साथ ही अनिद्रा की वजह से होने वाली थकावट को भी दूर करता है।
सर्पगंधा के नुकसान
अगर किसी व्यक्ति का बीपी कम है, तो सर्पगंधा का सेवन करने से मरीज का स्थिति अधिक खराब हो सकती है। इसका सेवन करने से बेहोशी, चक्कर आने जैसी स्थिति आ सकती है।
माना जाता है कि यदि लंबे समय तक सर्पगंधा को एक्सट्रैक्ट फॉर्म में लिया जाता है, तो यह निगेटिव सोच को बढ़ावा दे सकता है। खासकर मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित लोगों को सावधानी से इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
लंबे समय तक और अधिक मात्रा में सर्पगंधा के इस्तेमाल से फेफड़ों पर निगेटिव असर पड़ सकता है। जोकि फेफड़ों की काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
अधिक मात्रा में सर्पगंधा का सेवन करना लिपिड लॉस का कारण बन सकता है, जोकि पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या को बढ़ा सकता है।
किसे नहीं करना चाहिए सर्पगंधा का इस्तेमाल
जिन लोगों का बीपी कम होता है, उनको सर्पगंधा का उपयोग नहीं करना चाहिए।
रात में अगर सांस लेने में समस्या होती है, तो इन लोगों को भी इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
दिल से जुड़ी बीमारी होने पर भी सर्पगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए।
प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
बच्चों और बुजुर्गों को बिना डॉक्टर के सलाह के सर्पगंधा देने से बचना चाहिए।
कैसे करें सर्पगंधा का सेवन
बता दें कि आप कई तरीके से सर्पगंधा का सेवन कर सकते हैं। लेकिन डॉक्टर की सलाह के बिना इसके इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। आप चूर्ण या फिर टैबलेट के रूप में इसको मरीज को खिला सकते हैं। सर्पगंधा चूर्ण को शहद या गुनगुने पानी के साथ लेना अधिक फायदेमंद होता है। ध्यान रखें कि एक दिन में सिर्फ 500 mg से 1 ग्राम या फिर दिन में एक या दो बार इसको दे सकते हैं।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।