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डॉ.राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से की मुलाकात, लखनऊ को भारत की सबसे स्मार्ट और हरित राजधानी बनाने हेतु सौंपा विस्तृत नीति-पत्र, राजधानी लखनऊ के सर्वांगीण विकास को लेकर विधायक डॉ. सिंह का दूरदर्शी प्रस्ताव- “Capital Transformation Policy Note”

डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से की मुलाकात, लखनऊ को भारत की सबसे स्मार्ट और हरित राजधानी बनाने हेतु सौंपा विस्तृत नीति-पत्र, राजधानी लखनऊ के सर्वांगीण विकास को लेकर विधायक डॉ. सिंह का दूरदर्शी प्रस्ताव- "Capital Transformation Policy Note"
  • डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मुलाकात कर लखनऊ को भारत की सबसे स्मार्ट और हरित राजधानी बनाने हेतु विस्तृत नीति-पत्र सौंपा।
  • नीति-पत्र में जलभराव, ट्रैफिक, कचरा प्रबंधन, प्रदूषण और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थायी समाधान योजनाएँ प्रस्तुत की गईं।
  • मुख्यमंत्री से “High-Level Capital Development Review Committee” गठित करने का अनुरोध किया गया, जो हर तीन माह में परियोजनाओं की समीक्षा करेगी।
  • प्रमुख प्रस्तावों में एआई आधारित ट्रैफिक सिस्टम, वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट विस्तार, गोमती नदी पुनर्जीवन 2.0 और ग्रीन लखनऊ मिशन 2030 शामिल हैं।
  • डॉ. सिंह ने मीडिया कर्मियों के लिए राज्य स्तरीय कल्याण कोष और सरोजनीनगर की लंबित परियोजनाओं के शीघ्र निस्तारण की भी मांग की।

लखनऊ : राजधानी लखनऊ को भारत की सबसे सुव्यवस्थित, तकनीकी रूप से उन्नत, स्वच्छ और पर्यावरण-संवेदनशील राजधानी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए सरोजनीनगर विधानसभा के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से भेंट कर एक विस्तृत नीति-पत्र (Policy Note) सौंपा।

इस नीति-पत्र में लखनऊ के सर्वांगीण और सतत विकास के लिए दीर्घकालिक योजनाएँ, तकनीकी नवाचार, नागरिक सहभागिता और पारदर्शी शासन के समन्वित मॉडल को रेखांकित किया गया है।

‘Capital Transformation Policy Note’ का मुख्य उद्देश्य

डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा प्रस्तुत नीति-पत्र का मूल उद्देश्य लखनऊ को भारत की सर्वश्रेष्ठ स्मार्ट, हरित और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन राजधानी के रूप में विकसित करना है।
यह दस्तावेज़ केवल अवसंरचना (Infrastructure) के विकास पर नहीं, बल्कि नागरिक जीवन की गुणवत्ता में सुधार पर केंद्रित है।

इसमें लखनऊ की प्रमुख नागरिक समस्याओं-

  • लगातार बढ़ते जलभराव,
  • ट्रैफिक जाम,
  • कचरा प्रबंधन की जटिलताएँ,
  • प्रदूषण नियंत्रण, तथा
  • स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता
    के स्थायी और तकनीकी समाधान प्रस्तुत किए गए हैं।

डॉ. सिंह ने कहा कि “लखनऊ के विकास की रूपरेखा अब पारंपरिक दृष्टिकोण से हटकर, टेक्नोलॉजी, ट्रांसपेरेंसी और ट्रस्ट के तीन स्तंभों पर आधारित होनी चाहिए।”

मुख्यमंत्री से की ‘High-Level Capital Development Review Committee’ गठन की सिफारिश

बैठक के दौरान डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया कि राजधानी लखनऊ की परियोजनाओं की गति और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक “High-Level Capital Development Review Committee” का गठन किया जाए।

उन्होंने सुझाव दिया कि इस समिति की अध्यक्षता मुख्य सचिव करें और इसमें लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर निगम, पुलिस, ट्रैफिक, लोक निर्माण विभाग, ऊर्जा विभाग, जल निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और शहरी विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हों।

यह समिति प्रत्येक तीन माह में राजधानी की सभी प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा करे और अपनी रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रस्तुत करे।
इस व्यवस्था से जवाबदेही, समयबद्ध क्रियान्वयन और योजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी।

नीति-पत्र के मुख्य प्रस्ताव : ‘स्मार्ट लखनऊ – सतत भविष्य’ की दिशा में कदम

डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा सौंपे गए नीति-पत्र में कई व्यवहारिक, अभिनव और भविष्योन्मुखी प्रस्ताव शामिल किए गए हैं, जो लखनऊ को एक मॉडल कैपिटल सिटी के रूप में स्थापित करने की क्षमता रखते हैं। इनमें प्रमुख हैं –

1. एआई-आधारित ड्रेनेज और ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली

सिंगापुर और लंदन मॉडल के आधार पर लखनऊ में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से संचालित स्मार्ट ड्रेनेज एवं ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव है। यह प्रणाली वर्षा जल निकासी, ट्रैफिक फ्लो और सड़क जाम की स्थिति को रीयल-टाइम सेंसर और डिजिटल मॉनिटरिंग नेटवर्क के माध्यम से नियंत्रित करेगी। इससे जलभराव और जाम की समस्या में उल्लेखनीय कमी आएगी।

2. शिवरी वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट का विस्तार और ‘स्वच्छ लखनऊ पॉइंट्स’ योजना

वर्तमान में कार्यरत शिवरी वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट की क्षमता 700 MT/Day है, जिसे 1200 MT/Day तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है। साथ ही, ‘स्वच्छ लखनऊ पॉइंट्स’ नागरिक पुरस्कार योजना शुरू करने की सिफारिश की गई है, जिसके तहत नागरिकों को कचरा पृथक्करण, स्वच्छता और रीसाइक्लिंग में योगदान के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

3. गोमती नदी पुनर्जीवन 2.0 (Gomti River Revival 2.0)

इस योजना में गोमती नदी की जल गुणवत्ता सुधार हेतु रीयल-टाइम सेंसर सिस्टम, वॉटर क्वालिटी डैशबोर्ड, और ऑक्सीजन पार्कों का निर्माण प्रस्तावित है। साथ ही नदी किनारे जैव विविधता संरक्षण और हरित क्षेत्र के विकास पर भी बल दिया गया है।

4. ग्रीन लखनऊ मिशन 2030

लखनऊ को हरित राजधानी बनाने हेतु ‘ग्रीन लखनऊ मिशन 2030’ प्रस्तुत किया गया है।
इस मिशन के अंतर्गत –

  • 10 अर्बन फॉरेस्ट (Urban Forests),
  • 50 ऑक्सीजन पार्क, तथा
  • रूफ-टॉप गार्डन परियोजनाएँ शुरू की जाएँगी।

यह मिशन नागरिकों, स्कूलों, उद्योगों और संस्थानों की सहभागिता से संचालित होगा, ताकि पर्यावरण संरक्षण एक सामूहिक जनांदोलन बन सके।

5. एआई-आधारित Health Watch Portal और मोबाइल क्लिनिक

राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी और पहुँच सुधारने के लिए AI आधारित Health Watch Portal विकसित करने का प्रस्ताव है। यह पोर्टल नागरिकों की स्वास्थ्य रिपोर्ट, अस्पताल बेड स्थिति, एम्बुलेंस लोकेशन और रोग प्रबंधन की रीयल-टाइम जानकारी प्रदान करेगा, साथ ही मोबाइल क्लिनिक यूनिट्स के माध्यम से झुग्गी बस्तियों और ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाई जाएँगी।

मीडिया कर्मियों और सरोजनीनगर की विकास परियोजनाओं पर विशेष आग्रह

बैठक के दौरान डॉ. सिंह ने मीडिया कर्मियों के लिए राज्य स्तरीय कल्याण कोष (Media Welfare Fund) गठित करने का भी प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज का दर्पण हैं और उनके कल्याण के लिए संरचित योजना आवश्यक है, साथ ही उन्होंने सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र की लंबित विकास परियोजनाओं जैसे सड़क, जलनिकासी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और शिक्षा संस्थानों के उन्नयन का विषय भी मुख्यमंत्री जी के समक्ष रखा और शीघ्र निस्तारण का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री की सकारात्मक प्रतिक्रिया और दीपावली शुभकामनाएँ

डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ भी दीं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने नीति-पत्र में उल्लिखित सभी प्रस्तावों पर अत्यंत सकारात्मक, प्रेरक और व्यवहारिक प्रतिक्रिया दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ के सर्वांगीण विकास के लिए ऐसी योजनाएँ नीति-निर्माण में निश्चित रूप से सहायक सिद्ध होंगी और इनके कई पहलुओं पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी।

डॉ. राजेश्वर सिंह का वक्तव्य

“योगी आदित्यनाथ जी के दूरदर्शी, अनुशासित और जन-केन्द्रित नेतृत्व में उत्तर प्रदेश आज सुशासन और विकास का राष्ट्रीय मॉडल बन चुका है। इसी गति और दृष्टिकोण के साथ हम लखनऊ को भी देश की सबसे स्मार्ट और हरित राजधानी बना सकते हैं। यह नीति-पत्र उसी दिशा में एक सशक्त कदम है।”- डॉ. राजेश्वर सिंह, विधायक (170) सरोजिनी नगर, लखनऊ

डॉ. राजेश्वर सिंह का यह पहल न केवल राजधानी लखनऊ के भौतिक विकास की दिशा में एक ठोस योजना प्रस्तुत करता है, बल्कि यह प्रशासनिक पारदर्शिता, तकनीकी नवाचार और नागरिक सहयोग पर आधारित एक “नए लखनऊ मॉडल” की शुरुआत भी करता है। यदि नीति-पत्र के प्रस्तावों को राज्य सरकार द्वारा स्वीकार कर क्रियान्वित किया जाता है, तो लखनऊ निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में भारत की सबसे स्मार्ट और सतत राजधानी के रूप में अपनी पहचान बनाएगा।

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