HomeDaily NewsKarwa Chauth 2025: राजस्थान में है भारत का अकेला करवा माता मंदिर,...

Karwa Chauth 2025: राजस्थान में है भारत का अकेला करवा माता मंदिर, जहां हर मनोकामना होती है पूरी

इस बार करवाचौथ का त्योहार 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। सुहागिन महिलाओं के लिए यह व्रत बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती है। पति की लंबी आयु और उत्तम स्वास्थ्य के लिए करवा चौथ का व्रत रखा जाता है, इससे वैवाहिक जीवन में सुख प्रदान होता है। इस दिन करवा माता की पूजा की जाती है। आज हम आपको इस लेख में भारत का एकमात्र करवा चौथ माता मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। क्या मंदिर की खासियत आपको बताते हैं।

कहां पर स्थित है करवा माता मंदिर

राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के बरवाड़ा गांव में करवा माता का मंदिर स्थित है। इस मंदिर की मान्यता काफी दूर-दूर से प्रचलित है। करवा माता मंदिर अरावली पर्वत पर करीब एक हजार फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है। इस मंदिर के आसपास की सुंदरता देखकर आपक मन भी मोह लेगी। अस्था केंद्र के साथ ही यह एक पर्यटक स्थल भी है।

करवा माता मंदिर की खास बातें

इस मंदिर में पहुंचने के लिए आपको 700 सीढ़िया चढ़नी पड़ती हैं। करवा माता मंदिर में माता करवा की मूर्ति के साथ ही भगवान गणेश और भैरव की मूर्तियां विरााजित है। इतना ही नहीं,  इस मंदिर में करवा चौथ, भाद्रपद चौथ, माघ चौथ और लक्खी मेला भी लगता है,जिसका नजारा देखने में बड़ा आनंद आता है। मेला में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इसके अलावा, नवरात्र के दौरान यहां विशेष आयोजन होते हैं। इन अवसरों पर मंदिर की सुंदरता और भव्यता देखने को मिलती है।

मंदिर का इतिहास

इस मंदिर का निर्माण सन 1451 में महाराजा भीम सिंह चौहान ने करवाया था, जो कि माता के परम भक्त थे। वहीं, 1452 में मंदिर का कायाकल्प किया गया था। मंदिर के मार्ग पर बिजल की छतरी और तालाब का निर्माण सन 1463 में कराया था। इस मंदिर में राजपूताने शैली की अनोखी झलक देखने को मिलती है। करवा माता का मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है।

क्या मान्यता है

माना जाता है कि करवा माता मंदिर में देवी मां से सच्चे मन से मांगी गई हर एक इच्छा पूरी होती है। इसके साथ ही यहां दर्शन और पूजा करने से महिलाएं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। करवा चौथ वाले दिन इस मंदिर में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments