पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ISI की आतंकियों के साथ गठजोड़ की सार्वजनिक रुप से पोल खुलने के 2 महीने बाद बुधवार को खैबर पख्तूनख्वाह के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर को जेल में बंद इमरान खान ने पद से हटा दिया. अब अली अमीन गंडापुर की जगह इमरान खान ने सोहेल अफरीदी को खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया है, जो पहली बार 2024 में विधायक बन कर खैबर पख्तूनख्वाह की विधानसभा में पहुंचे हैं.
खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में चल रही आतंकी गतिविधियों पर जुलाई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके खैबर पख्तूनख्वाह के तत्कालीन मुख्यमंत्री अली अमीन ने बताया था कि जब उनकी पुलिस ने खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में तहरीक ए तालिबान के आतंकियो को पकड़ कर इलाके को आतंक से मुक्त करने का अभियान चलाया था तो पाकिस्तानी ख़ुफिया एजेंसी ISI और सेना की खुफिया एजेंसी मिलिट्री इंटेलिजेंस ने इन आतंकियों को छुड़वाकर जानकारी दी थी.
अली अमीन के बयान से संस्थाएं नाराज
अली अमीन ने बताया, उन्होंने कहा था कि जिन आतंकियों को पुलिस ने पकड़ा है, वो असल में ISI और मिलिट्री इंटेलिजेंस के पोषित आतंकी थे और ISI और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने जानकारी दी थी कि वो इन आतंकियों का इस्तेमाल करती है.
अली अमीन गंडापुर के इस बयान के बाद पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) की हर तरफ आतंकियों को पोषित करने के मामले पर आलोचना भी हुई थी और पाकिस्तान को चलाने वाली ये दोनों संस्थाएं अली अमीन गंडापुर से नाराज भी हुई थी.
अली अमीन पर ISI से मिलने का लगा आरोप
उसके बाद जानकरी आई थी कि अली अमीन गंडापुर के सेना और ISI के साथ संबंध ठीक हुए हैं, जिसकी वजह से खैबर पख्तूनख़्वाह की तिराह घाटी में जब पाकिस्तानी एयरस्ट्राइक में 30 से अधिक लोगों की मौत हुई थी तो गंडापुर ने सेना और ISI के खिलाफ कुछ नहीं बोला था. साथ ही PTI के कई निर्वासित नेताओं ने अली अमीन गंडापुर पर इमरान खान को छोड़कर सेना और ISI के मिल जाने के भी आरोप लगाए थे.
अली अमीन गंडापुर को हटाने और सोहेल अफरीदी को मुख्यमंत्री बनाने के इमरान ख़ान के फैसले की जानकारी इमरान ख़ान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) ने अपने आधिकारिक ‘X’ अकाउंट पर भी साझा की है, जिसके बाद अली अमीन गंडापुर ने अपने फेसबुक अकाउंट पर इमरान खान के फ़ैसले को स्वीकार करने की पोस्ट भी की थी, जिसे फिलहाल अली अमीन गंडापुर ने डिलीट कर दिया है. इसके बाद फिर से चर्चा का बाजार पाकिस्तान की सियासत में गर्म हो गया है.
आतंक के ऑपरेशनल बेस से कम नहीं खैबर पख्तूनख़्वाह
पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ISI के लिए खैबर पख्तूनख़्वाह प्रांत इस वक्त भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए किसी ऑपरेशनल बेस से कम नहीं है. पिछले महीने ही इस बात के पुख्ता सबूत भी मिले हैं कि ऑपरेशन सिंदूर में आतंक के कैम्प ध्वस्त होने के बाद लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन अपने ट्रेनिंग कैम्प पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी की मदद से खैबर पख्तूनख़्वाह में शिफ्ट कर रही है. ऐसे में देखना होगा कि खैबर पख्तूनख़्वाह में सियासत किस ओर जाती है.


































