हार्ट फेल्योर की घटना अचानक नहीं होती है, यह धीरे-धीरे विकसित होता है. हमारा शरीर इसके लिए पहले से ही संकेत देना शुरू कर देता है, लेकिन हम में से ज्यादातर लोग उस पर ध्यान ही नहीं देते और उसे हल्के में लेते हैं, जो हमारे लिए बाद में घातक साबित होती है. हमारे शरीर से हार्ट फेल्योर को लेकर जो साइन दिखते हैं, उनमें से ज्यादातर साइन रात के समय में हमें दिखाई देते हैं, चलिए आपको इन लक्षणों के बारे में विस्तार से बताते हैं, जिन्हें आप देखकर इग्नोर कर देते हैं.
क्यों होती है हार्ट फेल्योर की घटना?
अगर बात करें कि हार्ट फेल्योर की घटना क्यों बढ़ रही है, तो इसके पीछे कई कारण हैं. जैसे कि खराब खानपान और लाइफस्टाइल, जिंदगी में बढ़ता तनाव और खाने की गलत आदतें. ये ऐसे काम हैं, जो हार्ट फेल्योर की घटना को बढ़ाने में मदद करते हैं. हर इंसान किसी न किसी तरीके से हार्ट की दिक्कत का शिकार जरूर होता है, लेकिन इसमें सबसे बड़ी समस्या हार्ट फेल्योर की है. हालांकि यह अचानक नहीं होती, बल्कि इसके कुछ लक्षण पहले दिखते हैं, जो बाद में जाकर इसका कारण बनते हैं. ये लक्षण हमारे शरीर में हमें पहले से ही दिखने लगते हैं, खासकर उस वक्त पर जब हम सोने जा रहे होते हैं.
कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं?
अगर इसके लक्षणों की बात करें तो इसमें सबसे पहला जो लक्षण है वह यह है कि अगर आप सीधे लेटते हैं और सांस फूलने लगती है या आपको तकिये के सहारे सोना पड़ता है, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपके फेफड़ों में पानी भर रहा है, जो हार्ट फेल्योर का लक्षण है. दूसरा सबसे बड़ा इसका लक्षण यह है कि सोने के दौरान आपको घरघराहट की आवाज आती है और इसके साथ ही आपको खांसी की दिक्कत भी होने लगती है. तीसरा कारण यह है कि जब आप सोने या आराम करने के लिए लेटते हैं, तो उस वक्त पैरों या टखनों में सूजन महसूस होने लगती है. चौथा कारण यह है कि अगर आपका वजन बिना किसी कारण के बढ़ रहा है, खासकर पेट और पैरों में सूजन के साथ तो आपको सावधान होने की जरूरत है. उसके अलावा भी शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जैसे कि पूरी रात करवटें बदलते रहना, ठीक से न सो पाना या सुबह उठने के बाद भी थकान महसूस होना. हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और फैमिली हिस्ट्री भी हार्ट फेल्योर के बड़े कारण हैं.
इससे बचने के उपाय
अगर आप इससे बचना चाहते हैं, तो आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा, जैसे कि स्मोकिंग और तंबाकू छोड़ दें, तेल, घी और फैट कम करें, हेल्दी डाइट लें, तनाव कम करें और पर्याप्त नींद लें. इससे आप इसकी चपेट में आने से बच सकते हैं और अपनी लाइफ को अच्छे से इंजॉय कर सकते हैं.
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


































