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विश्व हिंदू महासंघ के राष्ट्रीय सम्मेलन में उठी मांग : योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री और महंत अवेद्यनाथ को भारत रत्न देने की आवाज़ बुलंद, राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र नाथ महाराज की मौजूदगी में मातृ शक्ति अध्यक्ष एडवोकेट रीना एन. सिंह ने रखा तीन प्रस्ताव, देशभर के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से दिया समर्थन

नई दिल्ली : सनातन धर्म और हिंदुत्व के मूल्यों के प्रसार के लिए कार्यरत विश्व हिंदू महासंघ के महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट रीना एन. सिंह ने रविवार को दिल्ली स्थित इस्कॉन मंदिर प्रांगण में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान तीन ऐतिहासिक प्रस्ताव रखे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र नाथ महाराज ने की, जिसमें देशभर से आए हुए प्रदेशाध्यक्षों, जिलाध्यक्षों, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और धर्माचार्यों ने भाग लिया।

तीन प्रस्तावों से गूंजी सम्मेलन की आवाज़

एडवोकेट रीना एन. सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत आज ऐसे नेतृत्व की अपेक्षा कर रहा है, जो निडर, निष्पक्ष और राष्ट्रहित के प्रति पूर्णतः समर्पित हो। उन्होंने मंच से तीन प्रस्ताव रखे जिन्हें उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने एक स्वर में स्वीकार किया-

  1. योगी आदित्यनाथ जी को प्रधानमंत्री बनाया जाए – देश के हित में निडर, निष्पक्ष और राष्ट्रवादी नेतृत्व की आवश्यकता है, जिसे केवल योगी आदित्यनाथ जैसा कर्मयोगी ही निभा सकता है।
  2. महंत अवेद्यनाथ जी को भारत रत्न प्रदान किया जाए – जिन्होंने सामाजिक समरसता, सनातन संस्कृति और राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए अपना जीवन समर्पित किया।
  3. देशभर में गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए – ताकि सनातन परंपरा, धार्मिक आस्था और गौसंवर्धन की भावना को संवैधानिक बल मिले।

रीना एन. सिंह ने कहा कि यह केवल प्रस्ताव नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की चेतना की पुकार है। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मठ की विरासत को न केवल जीवित रखा बल्कि उसे जनसेवा, राष्ट्रसेवा और हिंदुत्व की शक्ति में परिवर्तित किया है।

गोरखनाथ परंपरा और राम मंदिर आंदोलन की आत्मा

रीना एन. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि गोरखनाथ मठ की परंपरा ही राम मंदिर आंदोलन की आत्मा रही है। उन्होंने बताया कि महंत दिग्विजयनाथ, महंत अवेद्यनाथ और योगी आदित्यनाथ ने जिस त्याग, संघर्ष और समर्पण से इस आंदोलन को आगे बढ़ाया, वह भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेगा। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन केवल अयोध्या तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे हिंदू समाज की आस्था, संस्कृति और स्वाभिमान का प्रतीक बन चुका है।

रीना एन. सिंह – संघर्षशील अधिवक्ता और लेखिका

एडवोकेट रीना एन. सिंह सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाली जानी-मानी अधिवक्ता हैं, जो भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा विवाद और ज्ञानवापी प्रकरण में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य अदालतों से लेकर समाज तक हिंदू आस्था के मुद्दों को वैचारिक और संवैधानिक रूप से स्थापित करना है।

उनकी चर्चित पुस्तक “योगी आदित्यनाथ : लोक कल्याण के पथ पर” ने गोरखनाथ मठ, योगी आदित्यनाथ और राम मंदिर आंदोलन के वैचारिक एवं ऐतिहासिक पक्ष को गहराई से उजागर किया है। इस पुस्तक में उन्होंने तथ्यात्मक शोध, दस्तावेज़ और ऐतिहासिक साक्ष्यों के माध्यम से दिखाया है कि गोरखनाथ परंपरा केवल धार्मिक धारा नहीं, बल्कि भारत की सामाजिक चेतना का स्तंभ है।

देशभर में कार्यशालाएँ और सेमिनार

रीना एन. सिंह के लेखन और शोध कार्यों के आधार पर देशभर में कई कार्यशालाएँ और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं, जिनमें शिक्षाविद्, समाजसेवी, धर्माचार्य और शोधकर्ता भाग लेते हैं। इन मंचों पर गोरखनाथ परंपरा, राम जन्मभूमि आंदोलन और राष्ट्रवाद की भूमिका पर गहन चर्चा होती है। रीना एन. सिंह ने कहा कि भारत के युवाओं को इस गौरवशाली परंपरा से जोड़ना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है, क्योंकि यही राष्ट्र की आत्मा और भविष्य की दिशा तय करेगी।

महिला प्रकोष्ठ की भूमिका और राष्ट्रीय एकता

महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में रीना एन. सिंह ने कहा कि मातृ शक्ति राष्ट्र की सबसे बड़ी ऊर्जा है। उन्होंने कहा, “भारत माता की रक्षा के लिए न केवल पुरुष, बल्कि महिलाएँ भी समान रूप से प्रतिबद्ध हैं। जब नारी जागेगी, तभी राष्ट्र जागेगा।” उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वे सामाजिक और धार्मिक आंदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें ताकि सनातन संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुँचाया जा सके।

समर्थन और संकल्प

कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र नाथ महाराज ने कहा कि योगी आदित्यनाथ और महंत अवेद्यनाथ दोनों ही राष्ट्र और समाज के ऐसे स्तंभ हैं, जिनकी सेवाओं को सर्वोच्च सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि रीना एन. सिंह के तीनों प्रस्तावों पर संगठन शीघ्र ही देशव्यापी अभियान शुरू करेगा, ताकि जनता की आवाज़ केंद्र सरकार तक पहुँचाई जा सके। सम्मेलन के समापन पर उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से प्रस्तावों का समर्थन किया और “भारत माता की जय”, “हर हर महादेव” और “जय श्रीराम” के उद्घोष से वातावरण गूंज उठा।

विश्व हिंदू महासंघ का यह सम्मेलन केवल प्रस्तावों का मंच नहीं, बल्कि एक नए वैचारिक आंदोलन का आरंभ बन गया, जहाँ राष्ट्रवाद, हिंदुत्व और सामाजिक समरसता का संगम दिखाई दिया। रीना एन. सिंह ने जिस स्पष्टता, निडरता और शोधपूर्ण दृष्टिकोण से योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री और महंत अवेद्यनाथ को भारत रत्न दिए जाने की मांग की, उसने संगठन और सनातन समाज में नई ऊर्जा का संचार किया है।

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