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भारत-पाक सीजफायर पर ट्रंप से आसिम मुनीर ने क्या बातचीत की? बड़ा खुलासा सामने आया

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि मई महीने में उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने में अहम भूमिका निभाई थी. ट्रंप ने कहा कि उनकी दखलअंदाजी ने एक बड़े संघर्ष को बढ़ने से रोका और पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने उन्हें बताया कि उन्होंने लाखों लोगों की जान बचाई. ट्रंप ने इसे ‘बेहद खूबसूरत कदम’ बताया.

ट्रंप के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख उनसे मिलने आए थे. उस दौरान मुनीर ने कहा, “इस शख्स ने लाखों जिंदगियां बचाई हैं क्योंकि इन्होंने युद्ध को रोक दिया.” ट्रंप ने आगे कहा कि उस वक्त हालात बेहद गंभीर थे और संघर्ष चार दिन तक चला, जिसमें सात लड़ाकू विमानों को मार गिराए जाने की खबरें थीं.

क्या बोले ट्रंप?

उन्होंने कहा, “भारत और पाकिस्तान आमने-सामने थे. मैंने दोनों को फोन किया और कहा कि अगर युद्ध शुरू किया तो व्यापार बंद कर दूंगा. आप दो परमाणु राष्ट्र हैं, ऐसा नहीं हो सकता. मैंने इस युद्ध को रोका.” हालांकि ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि सात विमानों का नुकसान किस देश को हुआ.

भारत ने बार-बार ठुकराया है ट्रंप का दावा

भारत ने ट्रंप के इस दावे को बार-बार खारिज किया है. भारत का कहना है कि पाकिस्तान के साथ युद्धविराम को लेकर समझौता सीधे दोनों देशों के डीजीएमओ (Directors General of Military Operations) के बीच हुई बातचीत से हुआ था, न कि किसी बाहरी हस्तक्षेप से. इस बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण देते हुए दावा किया कि उनकी वायुसेना ने मई की झड़प के दौरान सात भारतीय लड़ाकू विमान गिराए. उन्होंने कहा, “हमारे फाल्कन्स ने उड़ान भरी और 7 भारतीय जेट्स को कबाड़ बना दिया.”

हालांकि सैटेलाइट तस्वीरों ने पाकिस्तान की इस कहानी को गलत साबित कर दिया. इमेजरी से पता चलता है कि भारतीय हमलों ने पाकिस्तान के एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचाया था, जहां हैंगर और रनवे तबाह हुए, जबकि पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई नाकाम रही.

ट्रंप ने इस घटना का जिक्र करते हुए नाराजगी जताई कि शायद उन्हें इसके लिए नोबेल शांति पुरस्कार न मिले, जबकि यह सम्मान किसी ऐसे व्यक्ति को दिया जा सकता है “जिसने कुछ भी नहीं किया”. हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता व्यक्तिगत पहचान नहीं बल्कि देश का हित है.

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