प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि के कोशिकाओं का असामान्य और घातक विकास है. प्रोस्टेट एक अखरोट के आकार का ग्रंथि है, जो यूरिन सिस्टम के नीचे स्थित होता है और स्पर्म ( बनाने का काम करता है. अधिकांश प्रोस्टेट कैंसर धीरे-धीरे बढ़ते हैं, और शुरुआती चरणों में अक्सर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते. इसलिए शुरुआती पहचान बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे उपचार जल्दी शुरू किया जा सकता है और जीवन की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. चलिए इसके पांच साइन के बारे में आपको बताते हैं.
1. यूरिन में बदलाव
प्रोस्टेट कैंसर का सबसे पहला संकेत अक्सर पेशाब की आदतों में बदलाव के रूप में दिखाई देता है. प्रोस्टेट ग्रंथि यूरिन मार्ग (urethra) को घेरे रहती है, और अगर यह ग्रंथि बढ़ती है तो मूत्र के बहाव में समस्या होती है. पुरुषों को निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं-
- यूरिन शुरू या रोकना मुश्किल होना
- यूरिन का बहाव कमजोर होना या बीच-बीच में रुकना
- यूरिन के अंत में थोड़ी बूंदों का रह जाना
- यूरिट्रा पूरी तरह खाली न होना
- रात में बार-बार यूरिन आना (Nocturia)
ये लक्षण प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने या कैंसर के कारण हो सकते हैं. डॉक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए क्योंकि सामान्य प्रोस्टेट वृद्धि और कैंसर के लक्षण मिलते-जुलते होते हैं.
2. यूरिन या स्पर्म में रक्त
यदि यूरिन या स्पर्म में रक्त दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से मिलना जरूरी है. इसे हिमाचुरिया (hematuria) और हीमाटोस्पर्मिया (hematospermia) कहा जाता है. यह प्रोस्टेट कैंसर या अन्य प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं का संकेत हो सकता है.
3. इरेक्टाइल डिसफंक्शन या दर्दनाक स्खलन
प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती चरण में यौन समस्या भी हो सकती है. इसमें मुख्य रूप से इरेक्टाइल डिसफंक्शन और दर्द के साथ स्खलन शामिल हैं. प्रोस्टेट ग्रंथि और इसके आसपास की नसें यौन क्रियाओं को नियंत्रित करती हैं, और कैंसर इनके कार्य को प्रभावित कर सकता है.
4. पेल्विक क्षेत्र या कमर में दर्द
कुछ मरीजों में पेल्विक क्षेत्र, कमर, कूल्हों और जांघ में लगातार या कभी-कभी दर्द हो सकता है. यह भी प्रोस्टेट कैंसर का प्रारंभिक संकेत हो सकता है. लंबे समय तक या बार-बार होने वाले दर्द की जांच डॉक्टर को दिखाना जरूरी है.
5. रात में बार-बार पेशाब आना
प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना और ट्यूमर से ब्लैडर में दबाव पड़ना रात में बार-बार यूरिन आने का कारण बन सकता है. यह नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करता है और स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालता है.
PSA ब्लड टेस्ट का महत्व
PSA (Prostate-Specific Antigen) ब्लड टेस्ट प्रोस्टेट से निकलने वाले प्रोटीन का स्तर मापता है. उच्च PSA स्तर प्रोस्टेट कैंसर का संकेत दे सकता है, हालांकि यह अन्य गैर-कैंसर प्रोस्टेट समस्याओं जैसे बढ़ी हुई ग्रंथि, सूजन या संक्रमण से भी हो सकता है. PSA टेस्ट से डॉक्टर कैंसर का पता लक्षण दिखने से पहले लगा सकते हैं. डिजिटल रेक्टल एग्ज़ाम के साथ PSA टेस्ट मिलाकर कैंसर का पता जल्दी लगाया जा सकता है. विशेष रूप से 50 साल से ऊपर और जिनके परिवार में प्रोस्टेट कैंसर रहा हो, उन्हें नियमित PSA जांच करवानी चाहिए. प्रोस्टेट कैंसर में शुरुआती पहचान बेहद जरूरी है. यूरिन में बदलाव, रक्त, दर्द, यौन समस्या और रात में यूरिन आने जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. PSA ब्लड टेस्ट कैंसर को जल्दी पहचानने का एक महत्वपूर्ण तरीका है, जिससे समय पर उपचार और जीवन रक्षा संभव हो सकती है.
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.