
- डॉ. राधाकृष्णन की जयंती पर शिक्षा और संस्कार का संकल्प
- विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश के निर्माण में शिक्षकों की अहम भूमिका
- शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले शिक्षकों को किया गया सम्मानित
- छात्रों के भविष्य और राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की निर्णायक भूमिका

लखनऊ/प्रयागराज : उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य शुक्रवार को प्रयागराज के जिला पंचायत सभागार में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित “वर्तमान परिवेश में शिक्षकों की भूमिका” गोष्ठी और सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण कर की। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले 513 शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। 5 सितंबर को हम डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं, जो हमें शिक्षा के महत्व और राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान भगवान से भी ऊपर माना गया है। शिक्षक ही वे दीपक हैं जो स्वयं जलकर समाज और देश को प्रकाश देते हैं।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश के संकल्प को पूरा करने में शिक्षा और शिक्षकों की अहम भूमिका है। नई शिक्षा नीति के माध्यम से परंपरागत ज्ञान और आधुनिक तकनीक का समन्वय किया गया है ताकि नई पीढ़ी आत्मनिर्भर और राष्ट्रनिर्माण में सक्षम बन सके।
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज शिक्षा के क्षेत्र में पूरब का ऑक्सफोर्ड कहलाता है। यहां की प्रतिभाएं पूरे देश और दुनिया में अपनी पहचान बना चुकी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार नकल माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और अब हमारा मुकाबला केवल देश के राज्यों से नहीं बल्कि दुनिया के शीर्ष देशों से है। उन्होंने गर्वपूर्वक कहा कि आज अंतरिक्ष तक में भारत का तिरंगा लहरा रहा है और हमारे वैज्ञानिकों ने पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
उन्होंने इस अवसर पर ग्रुप कैप्टन सुभ्रांशु शुक्ला की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षक ही वे मार्गदर्शक हैं जिनकी शिक्षा और आशीर्वाद से विद्यार्थी हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन करते हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा और शिक्षक हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य है, जिसमें शिक्षकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने शिक्षकों से छात्रों को स्वदेशी उत्पादों के उपयोग और मोबाइल का सकारात्मक प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में देश और प्रदेश तेजी से विकास कर रहा है। सरकार का उद्देश्य गरीब को शिक्षित बनाना और राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ना है। भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 2027 तक इसे तीसरे स्थान पर लाने का लक्ष्य है। इसमें भी शिक्षकों की भूमिका निर्णायक होगी।
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ने प्रयागराज के विकास को लेकर भी शिक्षकों और जनता से सुझाव मांगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार सभी समस्याओं के समाधान और भ्रष्टाचार मुक्त परीक्षाओं के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वी.के. सिंह, विधायक फूलपुर दीपक पटेल, विधायक फाफामऊ गुरू प्रसाद मौर्य, विधान परिषद सदस्य सुरेन्द्र चौधरी, पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. नरेन्द्र सिंह गौर समेत बड़ी संख्या में शिक्षक और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।


































