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न्याय और शौर्य के संकल्प के साथ सरोजनीनगर में संस्कृति और परंपराओं का उत्सव: विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने किया अम्बेडकर और उदा देवी की प्रतिमाओं का निरीक्षण

  • डॉ. राजेश्वर सिंह ने अंबेडकर और उदा देवी की प्रतिमाओं का निरीक्षण किया।
  • प्रतिमाएं आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा की धरोहर बताई गईं।
  • रहीमनगर पड़ियाना के ऐतिहासिक राधाकृष्ण मेले में विधायक ने सहभागिता की।
  • डॉ. सिंह ने मेलों को संस्कृति और सामाजिक एकता का दर्पण बताया।
  • सरोजनीनगर को न्याय, शौर्य और परंपराओं के साथ विकास की राह पर अग्रसर बताया गया।

लखनऊ: सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने बुधवार को खंड विकास कार्यालय परिसर में भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और अमर वीरांगना उदा देवी पासी की भव्य प्रतिमाओं के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का संघर्ष समाज को समानता और न्याय का मार्ग दिखाता है और वह आज भी हर पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

उन्होंने वीरांगना उदा देवी के बलिदान को नमन करते हुए कहा कि उनका शौर्य और मातृभूमि के प्रति भक्ति भाव आने वाली पीढ़ियों को साहस और कर्तव्यनिष्ठा का संदेश देता रहेगा। डॉ. सिंह ने विश्वास जताया कि ये प्रतिमाएं भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और गौरव का प्रतीक बनकर अमिट धरोहर सिद्ध होंगी। इस अवसर पर ब्लॉक प्रमुख सुनील रावत, मंडल अध्यक्ष के. के. श्रीवास्तव, पार्षद कौशलेंद्र द्विवेदी, पार्षद प्रतिनिधि लवकुश रावत, खंड विकास अधिकारी रीता सिंह सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

रहीमनगर पड़ियाना में ऐतिहासिक राधाकृष्ण मेले में सहभागिता

विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह बुधवार को पूर्व केन्द्रीय मंत्री कौशल किशोर के साथ रहीमनगर पड़ियाना के ऐतिहासिक राधाकृष्ण मेले में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने क्षेत्रवासियों के साथ आत्मीय संवाद किया और मेले के महत्व को रेखांकित किया। डॉ. सिंह ने कहा कि मेले हमारी संस्कृति और परंपराओं का जीवंत प्रतीक हैं, जो समाज में समरसता और आपसी अपनत्व को मजबूत करते हैं। उन्होंने बच्चों की मासूम मुस्कान, वृद्धजनों के आशीर्वाद, मातृशक्ति की सहभागिता और युवाओं के उत्साह को इस मेले की असली आत्मा बताया।

संस्कृति और परंपराओं का दर्पण बने मेले

डॉ. सिंह ने सोशल मीडिया पर साझा किए अपने संदेश में कहा कि मेले समाज में ऊर्जा का संचार करते हैं और विविधता में एकता की अद्भुत मिसाल पेश करते हैं। उन्होंने राधाकृष्ण मेले को क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर बताते हुए कहा कि ऐसे आयोजन सामाजिक सद्भाव और एकता को नई ऊँचाइयों तक ले जाते हैं। सरोजनीनगर का यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक सहभागिता और सामूहिक चेतना का भी दर्पण है।

सामाजिक एकता और विकास का संकल्प

डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि सरोजनीनगर क्षेत्र संस्कृति और परंपराओं की समृद्ध धरोहर के साथ-साथ विकास की नई राह पर अग्रसर है। महापुरुषों और वीरांगनाओं की प्रेरणा से समाज को न्याय और शौर्य का संदेश मिलता है, वहीं मेलों के माध्यम से सामाजिक एकता और भाईचारे की भावना और प्रगाढ़ होती है। उन्होंने कहा कि सरोजनीनगर का हर नागरिक इस सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना को आगे बढ़ाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहा है, जिससे यह क्षेत्र विकास और सांस्कृतिक गौरव की नई पहचान बना रहा है।

कार्यक्रम में गणमान्य लोगों की उपस्थिति

इस कार्यक्रम और मेले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री कौशल किशोर, मेला प्रबंधक कमल किशोर शुक्ला, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष (उन्नाव) साधना दीक्षित, मंडल अध्यक्ष विवेक राजपूत, राजकुमार सिंह, राकेश सिंह ‘बबलू’, सुभाष पासी, भुवनेंद्र सिंह ‘मुन्ना’, शंकरी सिंह, मनोज सिंह, ब्लॉक प्रमुख सुनील रावत, पार्षद कौशलेंद्र द्विवेदी, जिला मंत्री रेनू सिंह, पार्षद प्रतिनिधि लवकुश रावत, मनीष द्विवेदी, ज्ञानेंद्र सिंह ‘पप्पन’, दल बहादुर सिंह, विनोद मौर्य, शिव कुमार सिंह चच्चू, आशीष सिंह सेंगर, पवन सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधि, कार्यकर्ता और गणमान्य नागरिक शामिल हुए। सभी ने मिलकर क्षेत्र की सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समृद्धि को मजबूती प्रदान करने का संकल्प दोहराया।

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