वॉशिंगटन स्थित सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) की रिपोर्ट के अनुसार, नॉर्थ कोरिया का चीन की सीमा के बेहद पास एक गुप्त मिसाइल अड्डा मौजूद है। यह अड्डा सिर्फ 27 किलोमीटर दूर है और इतना बड़ा है कि इसका क्षेत्रफल न्यूयॉर्क के JFK एयरपोर्ट से भी अधिक है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस अड्डे में 9 परमाणु-सक्षम इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBMs) और उनके मोबाइल लॉन्चर हो सकते हैं। इसकी भौगोलिक स्थिति इसे और अधिक खतरनाक बनाती है, क्योंकि अमेरिका जैसे देशों को इसे निशाना बनाने से पहले चीन के साथ भी टकराव की संभावना पर विचार करना होगा।
परमाणु कार्यक्रम और अंतरराष्ट्रीय चिंता
किम जोंग उन के नेतृत्व में नॉर्थ कोरिया ने हथियार कार्यक्रम में तेजी लायी है। हाल के वर्षों में नए हथियार विकसित किए गए, ICBM परीक्षण हुए और बार-बार अमेरिका और दक्षिण कोरिया को परमाणु हमले की धमकी दी गई। संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के बावजूद, नॉर्थ कोरिया ने रूस के साथ सहयोग बढ़ाया है। यूक्रेन युद्ध में रूस का समर्थन लेकर नॉर्थ कोरिया तकनीकी सहायता और हथियार आपूर्ति में मदद हासिल कर सकता है। यह पूर्वी एशिया की सुरक्षा के लिए गंभीर संकट की स्थिति मानी जा रही है।
सैन्य रणनीति और चीन का दबाव
सिनपुंग-डोंग अड्डे की चीन के करीब होने की स्थिति रणनीतिक महत्व रखती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि नॉर्थ कोरिया जानबूझकर चीन की सीमा के पास ऐसे ठिकाने बना रहा है ताकि अमेरिका या उसके सहयोगी देशों को कार्रवाई से रोका जा सके। हालांकि यह रणनीति बीजिंग के लिए असुविधाजनक हो सकती है। यह अड्डा नॉर्थ कोरिया के मिसाइल बेल्ट का हिस्सा है, जो उसके परमाणु निवारण और हमले की रणनीति को दर्शाता है।
सैटेलाइट इमेज से खुलासा
सैटेलाइट इमेज के अनुसार इसका निर्माण 2004 में शुरू हुआ और 2014 से यह सक्रिय है। अड्डे में एंट्री पोस्ट, गोदाम, मुख्यालय भवन, मिसाइल सपोर्ट सुविधाएं और आवासीय ढांचे मौजूद हैं। अड्डे को छिपाने के लिए कई इमारतों के एंट्री गेटों को पेड़ों और झाड़ियों से ढक दिया गया है। संकट की स्थिति में मिसाइल लॉन्चर को बेस छोड़कर नए प्री-सर्वे किए गए स्थानों से दागा जा सकता है।
संभावित मिसाइलें और परमाणु क्षमता
अड्डे में कौन-सा मिसाइल मॉडल मौजूद है यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह ह्वासोंग-15 या ह्वासोंग-18 ICBM से लैस हो सकता है, जो अमेरिकी जमीन तक पहुंचने की क्षमता रखते हैं। अनुमान है कि नॉर्थ कोरिया के पास पहले से ही 40-50 परमाणु हथियार हैं, जिनका उपयोग दक्षिण कोरिया और पूर्वी एशिया में भारी तबाही मचाने के लिए किया जा सकता है।