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ऊर्जस्वी कुलश्रेष्ठ कुटुम्ब : लखनऊ में 23 अगस्त को होगा क्षत्रिय पत्रकार सम्मेलन, समाज में सुधार और एकजुटता पर जोर

  • उत्तर प्रदेश में क्षत्रिय पत्रकार सम्मेलन होने जा रहा है, जिसमें कई वरिष्ठ पत्रकार शामिल होंगे।
  • सम्मेलन में दिवंगत क्षत्रिय पत्रकारों की स्मृति में पुरस्कार और सम्मान दिए जाएंगे।
  • इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों पर सुधार की दिशा तय करना है।
  • नशामुक्ति और युवाओं को अपराध से दूर रखने का संकल्प सम्मेलन की प्रमुख प्राथमिकता होगी।
  • बेटियों की उच्च शिक्षा और आत्मनिर्भरता को क्षत्रिय समाज के भविष्य का सबसे बड़ा आधार माना गया है।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजनीति और सामाजिक परिदृश्य में क्षत्रिय समाज एक बार फिर सक्रिय उपस्थिति दर्ज करा रहा है। योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद क्षत्रिय राजनीति को नया आयाम मिला है। हाल ही में क्षत्रिय विधायकों का बड़ा सम्मेलन हुआ था और अब उसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए क्षत्रिय पत्रकार सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। इस आयोजन की चर्चा केवल उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दिल्ली और अन्य राज्यों तक भी इसकी गूंज सुनाई दे रही है। पत्रकारिता जगत की कई वरिष्ठ हस्तियों की भागीदारी इसे और भी महत्वपूर्ण बना रही है।

वरिष्ठ पत्रकारों की मौजूदगी – सम्मेलन का बढ़ा महत्व

सम्मेलन में देश के नामचीन पत्रकार शामिल होंगे। संतोष भारतीय और रामकृपाल सिंह जैसे वरिष्ठ पत्रकारों की मौजूदगी आयोजन को नई ऊंचाई प्रदान करेगी। पत्रकारिता में उनके अनुभव और दृष्टिकोण से न केवल गंभीर विमर्श को बल मिलेगा, बल्कि नई पीढ़ी के पत्रकारों को प्रेरणा और मार्गदर्शन भी मिलेगा। वरिष्ठ पत्रकारों के विचार इस सम्मेलन को महज एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि बौद्धिक और सामाजिक विमर्श का मंच बनाएंगे।

दिवंगत पत्रकारों की स्मृति में सम्मान समारोह – परंपरा और आदर्श का संदेश

आयोजन समिति ने यह निर्णय लिया है कि सम्मेलन में उन क्षत्रिय पत्रकारों को भी याद किया जाएगा, जिन्होंने समाज और पत्रकारिता की सेवा करते हुए अपनी अमिट पहचान छोड़ी है। उनकी स्मृति में पुरस्कार और सम्मान प्रदान किए जाएंगे। यह कदम न केवल उनके योगदान को अमर करेगा बल्कि समाज को यह भी संदेश देगा कि अपने पुरखों और वरिष्ठों की विरासत को सम्मान देना ही किसी भी समुदाय की सबसे बड़ी शक्ति है। यह परंपरा आने वाली पीढ़ी के लिए आदर्श का काम करेगी।

सम्मेलन का उद्देश्य – आत्ममंथन और सुधार

यह सम्मेलन केवल पहचान या जुटान का मंच नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य आत्ममंथन और सकारात्मक बदलाव है। इसमें इस बात पर चर्चा होगी कि बदलते दौर में क्षत्रिय समाज किन चुनौतियों से जूझ रहा है और उनके समाधान के रास्ते क्या हो सकते हैं। आयोजकों का मानना है कि जब शिक्षित और जागरूक लोग एक साथ बैठकर दिशा तय करेंगे, तो उसका लाभ आने वाली पीढ़ी को भी मिलेगा और समाज मजबूती की ओर बढ़ेगा।

शिक्षा – समाज की प्रगति की रीढ़

शिक्षा हर समाज की प्रगति की आधारशिला है। सम्मेलन में इस पर खास जोर रहेगा कि क्षत्रिय समाज शिक्षा को प्राथमिकता बनाए। युवाओं को उच्च शिक्षा दिलाना अनिवार्य है ताकि वे प्रतिस्पर्धी दौर में पीछे न रहें। बेटियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देकर उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना समय की मांग है। साथ ही तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देकर रोजगारपरक अवसरों को खोला जाएगा, ताकि युवा स्वरोजगार और उद्योग की दिशा में भी आगे बढ़ सकें।

स्वास्थ्य और नशामुक्ति – युवाओं के भविष्य की सुरक्षा

क्षत्रिय समाज के सामने आज सबसे गंभीर चुनौती युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति है। यह न केवल स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है, बल्कि अपराध की ओर भी धकेल रही है। सम्मेलन में इस पर गंभीर विमर्श होगा कि सामूहिक प्रयासों से इस समस्या का समाधान कैसे निकाला जाए। स्वास्थ्य जागरूकता अभियान, खेलकूद और व्यायाम की संस्कृति का पुनर्जीवन और नशामुक्ति केंद्रों की मदद से युवाओं को नई दिशा देने की रणनीति बनाई जाएगी।

रोजगार और आत्मनिर्भरता – समय की मांग

रोजगार किसी भी समाज की स्थिरता और विकास का सबसे बड़ा आधार है। सम्मेलन का एक प्रमुख विषय युवाओं के लिए रोजगार और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना होगा। इसमें स्टार्टअप, स्वरोजगार और उद्यमिता की दिशा में युवाओं को प्रेरित करने की योजनाओं पर चर्चा होगी। सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए रणनीति बनेगी। साथ ही निजी क्षेत्र में अवसर तलाशने और कौशल विकास कार्यक्रमों को गति देने पर भी विचार होगा।

ऐतिहासिक कमजोरी को समाप्त करने की कोशिश

क्षत्रिय समाज के इतिहास की सबसे बड़ी कमजोरी आपसी मतभेद और संघर्ष रहे हैं। यही कारण रहा कि समाज अपनी सामूहिक शक्ति का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाया। सम्मेलन का एक बड़ा उद्देश्य इस कमी को दूर करना है। भाईचारे और सहयोग की भावना को मजबूत कर समाज की एकजुटता को बढ़ावा देने का संकल्प लिया जाएगा। आंतरिक मतभेद समाप्त होने पर समाज शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास जैसे बड़े मुद्दों की ओर अधिक मजबूती से बढ़ सकेगा।

बेटियों का सशक्तिकरण – विकास की नई धुरी

आज के युग में कोई भी समाज तब तक आगे नहीं बढ़ सकता जब तक वह अपनी बेटियों को बराबरी का अवसर न दे। क्षत्रिय समाज इस दिशा में गंभीरता दिखाने जा रहा है। सम्मेलन में बेटियों को उच्च और तकनीकी शिक्षा देकर आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष जोर दिया जाएगा। महिला सुरक्षा और सम्मान को प्राथमिकता देने की आवश्यकता बताई जाएगी। सशक्त और आत्मनिर्भर बेटियां न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे समाज को प्रगति की नई दिशा देंगी।

नई सोच और बदलाव की पहल

क्षत्रिय पत्रकार सम्मेलन केवल पत्रकारों का जुटान नहीं, बल्कि समाज के लिए नई सोच और बदलाव की शुरुआत है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, नशामुक्ति, बेटियों का सशक्तिकरण और आपसी एकजुटता जैसे मुद्दों पर होने वाला सामूहिक चिंतन समाज को नई दिशा देगा। अगर यह पहल सच्चाई और ईमानदारी के साथ आगे बढ़ी, तो यह न केवल क्षत्रिय समाज बल्कि पूरे प्रदेश और देश के लिए प्रेरणादायी उदाहरण साबित होगी।

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