
- खराब बूंदी के लड्डू खाने से बीमार हुई एडीजे व उनकी बहन सहित नौकरानी
- चार दिन में अस्पताल में 62 हजार खर्च, नीलकंठ स्वीट्स के खिलाफ दर्ज़ हुआ मुकदमा
लखनऊ: शहर की नामचीन मिठाई की दुकान से बूंदी के लड्डू खरीदना एक ग्राहक को ही भारी पड़ गया। खराब गुणवत्ता का बेचा गया बूंदी का लड्डू खाने से ग्राहक बीमार पड़ गए और ईलाज में उनका करीब 62 हजार रूपये खर्च हो गया। इस घटना के बाद आरोपी दुकानदार के खिलाफ केस दर्ज़ कराया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गोमती नगर के विवेकखंड स्थित नीलकंठ मिठाई के मलिक वीरेंद्र कुमार गुप्ता व उनके कर्मचारियों पर खराब गुणवत्ता की मिठाई बेचने का आरोप लगा है। लखनऊ जिला न्यायालय में तैनात एडिशनल जिला जज मंजुला सरकार की तहरीर पर नीलकंठ मिष्ठान के मालिक समेत कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एडीजे मंजुला सरकार का आरोप है कि नीलकंठ के खराब बूँदी के लड्डू खाने से उन्हें व उनकी बहन सहित नौकरानी के पेट में इंफेक्शन हो गया। जिससे 7 दिनों तक जज व उनकी बहन सहित नौकरानी बीमार रही। सेहत सुधार के लिए किये गए उपचार में 62 हजार का खर्चा आया। पुलिस ने एडीजे की तहरीर पर आरोपी दुकान मालिक व कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज करते हुए मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
लड्डू खाने के आधे घंटे के बाद शुरू हुआ पेट में दर्द
एडिशनल डिस्ट्रिक जज मंजुला सरकार ने गोमतीनगर पुलिस को दी गई तहरीर में कहा है कि उन्होंने बीती 31 जुलाई को शाम साढ़े छह बजे गोमती नगर के विजय खंड स्थित नीलकंठ मिठाई की दुकान से ढाई सौ ग्राम बून्दी के लड्डू, दो छोटे घेवर, अंदरसा, समोसे और पानी के बताशे खरीदे थे। आरोप है कि घर पहुंचने पर उन्होंने व उनकी बहन और नौकरानी अनीता ने बूंदी के लड्डू खाए। जिसके आधे घंटे में बाद ही दोनों के पेट में दर्द शुरू हो गया। एडीजे दूसरे दिन जब जिला न्यायालय पहुंची। तो उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें नशा हो रहा है। जिसके बाद तीन अगस्त को एडीजे की तबियत और बिगड़ गई। जिससे न्यायालय में लंच के बाद वह अपने विश्राम कक्ष में अचानक से बेहोश हो गयी। आनन-फानन में न्यायालय के एडीजीसी कृष्ण कांत शुक्ला, पैरोकार गीता रानी व चालक अंकित शुक्ला उन्हें बेहोशी की हालत में गोमतीनगर विस्तार स्थित हेल्थ सिटी अस्पताल लेकर पहुंचे।
गैस्ट्रोएंट्रिक इन्फेक्शन होनें से खर्च हुए 62 हजार
यहां डक्टर राकेश श्रीवास्तव ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए अस्पताल में भर्ती कर लिया। यहां डॉक्टर ने उन्हें बताया कि आपको पेट में गेस्ट्रोएंटेरिक इन्फेक्शन हो गया है। अस्पताल में चले तीन दिनों के उपचार के बाद घर आने पर भी उनका उपचार जारी है। जिसमे अबतक 62 हजार रुपये का खर्च आया है। वहीं लड्डू खाने से बीमार पड़ी घर की नौकरानी अनीता भी गैस्ट्रोएंट्रिक इन्फेक्शन का शिकार हुई जिसका उपचार कराया गया है। इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक गोमती नगर राजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि एडीजे की तहरीर पर नीलकंठ स्वीट्स के मालिक व कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच पड़ताल कर आवश्यक विधिक कार्रवाई की जाएगी।
मानको का पालन तक नही
करीब चार वर्ष पहले एफएसएसएआई यानी भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा मिठाई की दुकानों में परातों, डब्बों में बिक्री के लिए रखे गये मिठाई के लिए ‘निर्माण की तारीख’ और ‘उपयोग की उपयुक्त अवधि’ जैसी जानकारी प्रदर्शित करना अनिवार्य किया था। इसके बावजूद मानकों का कड़ाई से पालन करना तो दूर सही खाद्य पदार्थों की बिक्री को लेकर भी मनमानी की जा रही है। मुनाफाखोरों के बढ़ते लालच में आम ग्राहक के जीवन को ख़तरा पहुँचाने के प्रयास के बावजूद जिला प्रशासन की ओर से प्रभावी कार्रवाई की बजाय महज जुर्माना तक ही कार्रवाई सीमित कर दी जाती है। यही कारण है कि बिक्री के लिए रखी मिठाई के कंटेनर और ट्रे पर ‘निर्माण की तारीख’ और ‘उपयोग की अवधि’ जैसी जानकारियों के तय मानकों को प्रदर्शित करने की बजाय नजरअंदाज किया जा रहा है।
गुणवत्ता सही न पाये जाने पर पूर्व में लगा था जुर्माना
खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सही न पाये जाने पर वर्ष 2022 के अप्रैल माह में एडीएम पूर्वी की कोर्ट द्वारा 71 कारोबारियों पर करीब 15.02 लाख का जुर्माना लगाया गया था। हालांकि इस दौरान नीलकंठ स्वीट्स विभूतिखंड पर 80 हजार रूपये बतौर जुर्माना लगा था।


































