
- “क्षितिज 2025” खेल महोत्सव का भव्य उद्घाटन।
- खेलों के माध्यम से अनुशासन, नेतृत्व और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन।
- भारत की अंतरिक्ष, रक्षा और फार्मा क्षेत्रों में अभूतपूर्व उपलब्धियों का उल्लेख।
- मेधावी छात्रों को टैबलेट वितरित कर डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा।
- युवाओं को बदलते भविष्य की नौकरियों के लिए नवाचार और तकनीकी शिक्षा अपनाने की सलाह।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा – “खेल अनुशासन, संकल्प और विकास का आधार है”

लखनऊ, बीकेटी: सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने अंबकेश्वर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस (AGI) में “क्षितिज 2025” खेल महोत्सव का उद्घाटन करते हुए युवाओं को डिजिटल शिक्षा एवं तकनीकी उन्नति के प्रति प्रेरित किया। इस अवसर पर उन्होंने मेधावी छात्रों को टैबलेट वितरित कर डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
खेलों से अनुशासन, नेतृत्व और विकास का निर्माण

डॉ. राजेश्वर सिंह ने खेलों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि –
- खेल न केवल शारीरिक और मानसिक मजबूती प्रदान करते हैं, बल्कि अनुशासन, संकल्प और विकास का आधार भी होते हैं।
- स्पोर्ट्स से लीडरशिप, टीम वर्क और आत्मनिर्भरता जैसे महत्वपूर्ण गुण विकसित होते हैं।
- नियमित खेलों से मानसिक संतुलन बना रहता है, जिससे निर्णय लेने की क्षमता भी बेहतर होती है।
टैबलेट वितरण: डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा

डॉ. सिंह ने छात्रों को प्रेरित करते हुए तकनीकी शिक्षा की अनिवार्यता पर बल दिया और कहा कि –
- 2030 तक 85 प्रतिशत नई नौकरियां अलग प्रकार की होंगी, इसलिए छात्रों को तकनीकी शिक्षा, नवाचार और रचनात्मकता को अपनाने की जरूरत है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में टैबलेट वितरण योजना युवाओं के ज्ञान और तकनीकी विकास का प्रवेश द्वार है।
- डिजिटल लर्निंग से छात्रों की पढ़ाई आसान होगी, जिससे वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो सकेंगे।
युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने की प्रेरणा

डॉ. राजेश्वर सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के विचारों का उल्लेख करते हुए छात्रों से कहा कि –
- “सपना वह नहीं जो आप सोते समय देखते हैं, बल्कि वह है जो आपको सोने नहीं देता।”
- सफलता के लिए लक्ष्य निर्धारित करना और उस दिशा में निरंतर मेहनत करना आवश्यक है।
- आज भारत तकनीक, रक्षा और अंतरिक्ष विज्ञान में नई ऊंचाइयों को छू रहा है, जिसमें युवाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों पर चर्चा
विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने भारत की वैश्विक उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि –
- 98 प्रतिशत चंद्रयान और मंगलयान इंजीनियर छोटे शहरों और क्षेत्रीय कॉलेजों से आए थे, जो दर्शाता है कि नई पीढ़ी ही भारत का भविष्य गढ़ रही है।
- तेज गति वाली ब्रह्मोस मिसाइल के निर्माण में लखनऊ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
- भारत का फार्मा सेक्टर आज दुनिया में अग्रणी बन चुका है, जिससे करोड़ों लोगों को फायदा हुआ है।
उल्लेखनीय व्यक्तियों की उपस्थिति
इस अवसर पर डॉ. राजेश्वर सिंह ने आयोजन समिति की सराहना करते हुए राघवेन्द्र प्रताप, स्वीटी मिश्रा, जितेन्द्र मिश्रा, अंजलि पांडे, करुणेश तिवारी, विप्लव, अजय वर्मा, अमरीश वर्मा और अनुराग दवे समेत पूरी टीम का आभार व्यक्त किया।
इसके साथ ही एजीआई के निदेशक डॉ. आर.पी. पांडे, लखनऊ चिड़ियाघर के उप निदेशक डॉ. उत्कर्ष शुक्ला, अंबालिका ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष अंबिका मिश्रा समेत अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही।
विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा किया गया यह प्रयास न केवल छात्रों के बौद्धिक और तकनीकी विकास में सहायक होगा, बल्कि उन्हें अपने सपनों को साकार करने की दिशा में प्रेरित भी करेगा।


































