
- उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत आगरा में दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन।
- भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव पंकज यादव ने कार्यशाला की अध्यक्षता की।
- उत्तर प्रदेश सहित आठ राज्यों के प्रतिनिधियों ने कौशल विकास और रोजगार के नए अवसरों पर मंथन किया।
- DDU-GKY 2.0 और RSETI 2.0 के तहत युवाओं को मुफ्त प्रशिक्षण और आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।
- ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

लखनऊ, 30 जनवरी 2025: उत्तर प्रदेश के ग्रामीण युवाओं को हुनरमंद और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तत्वावधान में आगरा में दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इस कार्यशाला का आयोजन दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) 2.0 और RSETI 2.0 के अंतर्गत किया गया, जिसमें आठ राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और कौशल विकास के नए आयामों पर गहन विचार-विमर्श किया।
कौशल विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाने पर विशेष जोर
इस कार्यशाला की अध्यक्षता भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव पंकज यादव ने की। इस अवसर पर मिशन निदेशक अभिषेक सिंह, एमडी/सीईओ, एसआरएलएम/एसएसडीएम, आरएसईटीआई और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यशाला में उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और लद्दाख के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस दौरान ग्रामीण युवाओं को अधिक रोजगारपरक कौशल से जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के तरीकों पर गहन चर्चा की गई।
ग्रामीण युवाओं को मुफ्त कौशल प्रशिक्षण और बेहतर अवसर
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) 2.0 के तहत ग्रामीण युवाओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण, आधुनिक कक्षाएं, लैब सुविधाएं, आवास, भोजन, प्रशिक्षण सामग्री और यूनिफॉर्म जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। कार्यशाला का उद्देश्य युवाओं को उद्योगों की जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षित कर उन्हें अधिक रोजगारपरक अवसर उपलब्ध कराना है।
इस पहल से उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के ग्रामीण युवाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन रोजगार अवसर मिलेंगे। साथ ही, स्थानीय स्तर पर स्टार्टअप और उद्यमिता को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
यह कार्यशाला उत्तर प्रदेश के युवाओं को अपने कौशल से देश और दुनिया में पहचान दिलाने का एक बड़ा अवसर प्रदान करेगी। इससे युवाओं को अधिक रोजगारपरक प्रशिक्षण मिलेगा, उनकी आजीविका के नए अवसर खुलेंगे और वे आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देंगे।


































