इज़रायल और हमास के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को सेना को गाज़ा पट्टी पर तुरंत और ज़ोरदार हमला करने का आदेश दिया। यह फैसला तब लिया गया जब नेतन्याहू ने हमास पर अमेरिका की मध्यस्थता से हुए युद्धविराम (सीजफायर) का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, नेतन्याहू ने सुरक्षा सलाहकारों के साथ बैठक के बाद यह निर्देश दिए।
बंधकों के अवशेष को लेकर विवाद
हमास ने सोमवार को दावा किया था कि उसने 28 में से 16वें बंधक का शव सौंप दिया है। लेकिन इज़रायली जांच में पता चला कि ये अवशेष पहले से लौटाए गए बंधक के ही थे। इसके बाद नेतन्याहू ने हमास पर समझौते का पालन न करने का आरोप लगाते हुए सख्त रुख अपनाया।
हमास पर युद्धविराम तोड़ने का आरोप
इज़रायली सेना का कहना है कि हमास ने दक्षिणी गाज़ा में गोलीबारी की, जिसके बाद नेतन्याहू ने जवाबी कार्रवाई का आदेश दिया। विवाद तब और बढ़ गया जब हमास ने एक बंधक के आंशिक अवशेष लौटाए, जिन्हें इज़रायल पहले ही दो साल पहले बरामद कर चुका था। नेतन्याहू के कार्यालय ने इसे समझौते का उल्लंघन बताया।
हमास की प्रतिक्रिया
नेतन्याहू के हमले के आदेश के कुछ मिनट बाद ही हमास के सशस्त्र संगठन अल-क़सम ब्रिगेड्स ने बयान जारी किया कि वह मंगलवार शाम को तय बंधक का शव सौंपने की प्रक्रिया को रोक रहा है, क्योंकि इज़रायल ने युद्धविराम की शर्तों का उल्लंघन किया है। संगठन ने चेतावनी दी कि अगर इज़रायल ने हमले जारी रखे, तो इससे शवों की खोज और बरामदगी की प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है।
अमेरिका की मध्यस्थता से लागू हुआ यह सीजफायर इज़रायल और गाज़ा के बीच दुश्मनी को रोकने के लिए किया गया था, लेकिन अब दोनों ही पक्ष एक-दूसरे पर उल्लंघन के आरोप लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि नेतन्याहू इस स्थिति पर आगे की कार्रवाई तय करने के लिए सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।


































