
लखनऊ/ नई दिल्ली: सहारा समूह के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 11 अगस्त 2025 को गाज़ियाबाद, लखनऊ, श्रीगंगानगर और मुंबई में 9 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई। जिन परिसरों पर छापे मारे गए, वे सहारा समूह की भूमि और शेयर लेनदेन से जुड़ी संस्थाओं से संबंधित बताए गए हैं।
तीन राज्यों की एफआईआर पर हुई कार्रवाई
ईडी ने यह जांच तीन एफआईआर के आधार पर शुरू की थी, जिन्हें ओडिशा, बिहार और राजस्थान पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 120बी के तहत दर्ज किया था। ये एफआईआर हुमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (HICCSL) और अन्य सहारा समूह की संस्थाओं के खिलाफ दर्ज हैं। अब तक सहारा की विभिन्न कंपनियों पर 500 से अधिक एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें से 300 से ज्यादा मामलों में PMLA के तहत अनुसूचित अपराधों के आरोप हैं।
पोंजी स्कीम से करोड़ों की ठगी
जांच में सामने आया कि सहारा समूह ने HICCSL, SCCSL, SUMCS, SMCSL, SICCL, SIRECL, SHICL समेत अन्य संस्थाओं के माध्यम से पोंजी स्कीम चलाई। इसमें जमाकर्ताओं और एजेंटों को ऊंचे मुनाफे और कमीशन का लालच देकर पैसे जमा कराए गए।
मच्योरिटी राशि लौटाने के बजाय निवेशकों पर दबाव बनाकर या गुमराह करके दोबारा निवेश कराया गया। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि कंपनी ने आर्थिक संकट के बावजूद नई जमा राशि लेना जारी रखा और इसका इस्तेमाल संदिग्ध शेयर सौदों, बेनामी संपत्तियों और निजी खर्चों में किया गया।
ईडी ने कुर्क की कीमती संपत्तियां
ईडी ने इस मामले में पहले ही तीन अस्थायी कुर्की आदेश जारी किए हैं। इनमें—
- अंबी वैली में 707 एकड़ जमीन (मूल्य लगभग ₹1460 करोड़)
- सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड की 1023 एकड़ जमीन (मूल्य लगभग ₹1538 करोड़)
- सीमांत रॉय की पत्नी चंदनी रॉय की चल-अचल संपत्ति (मूल्य लगभग ₹14.75 करोड़) को कुर्क किया जा चुका है।
गिरफ्तारियां और न्यायिक हिरासत
ईडी ने पहले सहारा समूह के चेयरमैन कोर मैनेजमेंट (CCM) ऑफिस के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनिल वैलापरमपिल अब्राहम और लंबे समय से जुड़े ब्रोकर जितेंद्र प्रसाद वर्मा को गिरफ्तार किया था। दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
आगे की जांच जारी
अधिकारियों ने बताया कि हालिया छापों में कई आपत्तिजनक दस्तावेज और रिकॉर्ड बरामद हुए हैं। साथ ही अहम गवाहों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। ईडी ने साफ किया है कि सहारा समूह की मनी लॉन्ड्रिंग और निवेश घोटाले की परतें अभी और खुलनी बाकी हैं।