
- सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की 48वीं रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा का हुआ सफल आयोजन।
- आशियाना सेक्टर-K के श्री जगदम्बेश्वर महादेव मंदिर से हुई यात्रा की शुरुआत।
- निःशुल्क बस सेवा के जरिए सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे अयोध्या धाम।
- यात्रा में भोजन, जलपान और प्रसाद की रही विशेष व्यवस्था।
- डॉ. राजेश्वर सिंह ने यात्रा को अनवरत परंपरा बनाने का लिया संकल्प।

लखनऊ/अयोध्या। सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा 27 सितंबर 2022 को शुरू की गई “रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा” अब सरोजनीनगर से अयोध्या धाम को जोड़ने वाली एक आध्यात्मिक धारा बन चुकी है। शनिवार को इस यात्रा का 48वां आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु भावविभोर होकर अयोध्या नगरी पहुंचे।

श्री जगदम्बेश्वर महादेव मंदिर, सेक्टर-K, आशियाना से रवाना हुई यह यात्रा भगवान श्रीराम की जन्मस्थली तक श्रद्धालुओं को लेकर गई। इस अवसर पर भक्तों ने अयोध्या के मंदिरों में दर्शन-पूजन कर आत्मिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव किया।
सेवाभाव से परिपूर्ण यात्रा
यात्रा के दौरान विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की टीम ने स्वयं को रामदूत मानकर श्रद्धालुओं की सेवा की। घर से लाने-ले जाने की व्यवस्था, आरामदायक बस यात्रा, भोजन-जलपान और प्रसाद वितरण जैसी व्यवस्थाएँ निष्ठा और समर्पण के साथ संपन्न की गईं। श्रद्धालुओं का कहना था कि यह सेवा उन्हें केवल दर्शन तक ही नहीं, बल्कि भगवान श्रीराम के आदर्शों से भी जोड़ती है।
सामाजिक और धार्मिक महत्व
रामरथ यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक विरासत को संजोने का भी एक माध्यम है। निःशुल्क बस सेवा से वे लोग भी अयोध्या दर्शन कर पा रहे हैं, जो आर्थिक कारणों से अब तक वंचित थे। इस पहल ने सरोजनीनगर के लोगों के बीच एकता और परस्पर सहयोग की भावना को और मजबूत किया है।
विधायक का संकल्प
डॉ. राजेश्वर सिंह ने इस यात्रा को एक सतत परंपरा बनाने का संकल्प लिया है। उनका मानना है कि आस्था और सेवा का यह संगम समाज में नैतिक मूल्यों और आध्यात्मिक चेतना को पुनर्जीवित करेगा। यह पहल न सिर्फ सरोजनीनगर बल्कि पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है।
आगे की राह
डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि आने वाले समय में भी यह यात्रा अनवरत जारी रहेगी, ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु अयोध्या धाम के दर्शन कर सकें।
उन्होंने इसे “माता तारा सिंह जी के आशीर्वाद और श्रद्धालुओं के विश्वास से पोषित सेवा अभियान” बताते हुए कहा कि यह यात्रा सरोजनीनगर को सदैव भगवान श्रीराम के दिव्य लोक से जोड़ती रहेगी। रामरथ यात्रा अब केवल बस सेवा नहीं, बल्कि आस्था, सेवा और सामाजिक एकता का जीवंत प्रतीक बन चुकी है।