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सरोजनीनगर में “शक्ति का शंखनाद” : नारी अस्मिता की गूंज, तुष्टिकरण की राजनीति पर प्रहार

लखनऊ, 01 अगस्त 2025 | विशेष रिपोर्ट – True News UP: हाथों में तिरंगा और भगवा ध्वज, तख्तियां, तलवारें और बेलन लिए हज़ारों महिलाओं का सैलाब, नारी अस्मिता के जयघोष और राष्ट्रभक्ति की गरिमा… शुक्रवार को सरोजनीनगर विधानसभा एक ऐतिहासिक जनजागरण का साक्षी बनी। विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह के नेतृत्व में निकली “शक्ति का शंखनाद” पदयात्रा बंगला बाज़ार चौराहे से ग्रैंड इंपीरियल बैंक्वेट लॉन तक पहुँची, जिसमें महिलाओं ने पूरे जोश और सामूहिक चेतना के साथ तुष्टिकरण और नारी विरोधी मानसिकता के खिलाफ आवाज बुलंद की।

यह पदयात्रा एक मौलाना द्वारा समाजवादी पार्टी की सांसद के परिधान (साड़ी) पर की गई अपमानजनक टिप्पणी और विपक्ष की चुप्पी के खिलाफ आयोजित हुई। महिलाओं के हाथों में तिरंगा और भगवा ध्वज था, और उनकी आवाज़ में एक ही संदेश गूंज रहा था – “नारी सम्मान ही राष्ट्र सम्मान है!”

डॉ. राजेश्वर सिंह का ओजस्वी संबोधन

सभा को संबोधित करते हुए विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा:

“भारत की नारी शक्ति निर्बल नहीं, वह सृजन, संस्कार और संस्कृति की जीवंत प्रतीक है। जो उसकी परंपराओं और गरिमा का अपमान करते हैं, वे न तो संस्कृति के साधक हैं और न ही राष्ट्र के सेवक। मौलाना की टिप्पणी हो या विपक्ष की खामोशी, यह सिर्फ विचारधारा की दरिद्रता नहीं, बल्कि राष्ट्र विरोध है।”

उन्होंने आगे कहा कि सरोजनीनगर का आक्रोश केवल एक रैली नहीं, बल्कि “नारी चेतना का शंखनाद” है। भारत की बेटियाँ आज राफेल उड़ा रही हैं, चंद्रयान मिशन का नेतृत्व कर रही हैं, और प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री तक बन रही हैं।

डॉ. सिंह ने तुष्टिकरण की राजनीति पर प्रहार करते हुए कहा:

“अगर मौलाना को महिलाओं की साड़ी पसंद नहीं, तो क्या हम कहें कि हमें उनकी दाढ़ी पसंद नहीं?”
उन्होंने कहा कि “जननी और जन्मभूमि हमारे लिए स्वर्ग से बढ़कर हैं, और उनका अपमान कभी सहन नहीं किया जाएगा।”

भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी का संबोधन

लखनऊ भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने मातृशक्ति के सम्मान और सशक्तिकरण को भारतीय संस्कृति की पहचान बताते हुए कहा: “हमारी परंपराओं में मातृशक्ति को देवी स्वरूप माना गया है। मोदी और योगी सरकारों ने उज्ज्वला योजना, पीएम आवास, बिजली कनेक्शन और राशन योजना जैसी पहलों से मातृशक्ति सशक्तिकरण के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।” उन्होंने कहा कि डॉ. राजेश्वर सिंह भी “तारा शक्ति रसोई”, “तारा शक्ति सिलाई केंद्र”, डिजिटल लाइब्रेरी, स्मार्ट पैनल, गर्ल्स यूथ क्लब और सरोजनीनगर स्पोर्ट्स लीग के माध्यम से बेटियों को अवसर और सम्मान प्रदान कर रहे हैं।

25 होनहार छात्राओं को लैपटॉप सम्मान

कार्यक्रम में सरोजनीनगर की 25 प्रतिभाशाली छात्राओं को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों पर लैपटॉप देकर सम्मानित किया गया। डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा: “बेटियों को डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनने से कोई नहीं रोक सकता, यदि हम तालिबानी मानसिकता को भारत में पनपने न दें।” इस पहल ने न केवल बेटियों का मनोबल बढ़ाया, बल्कि नारी सशक्तिकरण और शिक्षा को बढ़ावा देने के उनके संकल्प को भी मजबूत किया।

कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएं

  • हजारों महिलाओं ने हाथों में तिरंगा, भगवा ध्वज, तलवार और बेलन लेकर नारी अस्मिता का शंखनाद किया।
  • डॉ. राजेश्वर सिंह ने नारी गरिमा, राष्ट्रवाद और तुष्टिकरण की राजनीति के खिलाफ ओजस्वी संदेश दिया।
  • 25 मेधावी छात्राओं को लैपटॉप देकर शिक्षा और सशक्तिकरण का प्रतीक स्थापित किया गया।
  • भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने मातृशक्ति को सशक्त बनाने में केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित किया।
  • कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि, भाजपा कार्यकर्ता और क्षेत्रवासी बड़ी संख्या में शामिल हुए।

“शक्ति का शंखनाद” पदयात्रा केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं थी, बल्कि नारी चेतना, राष्ट्रभक्ति और सांस्कृतिक अस्मिता का विराट संगम थी। डॉ. राजेश्वर सिंह ने स्पष्ट संदेश दिया कि भारत में नारी विरोधी और तुष्टिकरण की राजनीति को कोई स्थान नहीं मिलेगा, और मातृशक्ति का सम्मान ही राष्ट्र का सम्मान है।

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