
लखनऊ के सरोजनीनगर विधानसभा में शनिवार को विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने 10 नए ‘ताराशक्ति सिलाई केंद्र’ मातृशक्ति को समर्पित किए। आशियाना स्थित उनके आवास पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में नीलमथा, चंद्रावल, रानियापुर, कूढ़ा ईंटगांव, बिजनौर, आशियाना, किला गांव, अंबेडकर पुरम और गौर सहित कई क्षेत्रों की महिलाएं शामिल हुईं। इन केंद्रों के लोकार्पण के साथ सरोजनीनगर में अब तक 162 ‘ताराशक्ति सिलाई केंद्र’ स्थापित हो चुके हैं, जो महिला स्वावलंबन और सामाजिक सशक्तिकरण की नई मिसाल बन रहे हैं।
17,000 सिलाई मशीनों से आत्मनिर्भर बनी 10,000 महिलाएं

ताराशक्ति केंद्रों पर मैन्युअल, ऑटोमैटिक, पीको और इंटरलॉकिंग सहित 17,000 से अधिक सिलाई मशीनें उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। इन केंद्रों के माध्यम से 10,000 से ज्यादा महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं, बल्कि सामाजिक रूप से भी संगठित हो रही हैं। डॉ. राजेश्वर सिंह का कहना है कि ये केंद्र सिर्फ प्रशिक्षण स्थल नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण और रोजगार सृजन का प्रभावी माध्यम हैं।
मां तारा सिंह की स्मृति से जुड़ा महिला सशक्तिकरण अभियान

डॉ. राजेश्वर सिंह ने बताया कि उनकी मां स्वर्गीय श्रीमती तारा सिंह जी की स्मृति में शुरू किए गए ये ताराशक्ति केंद्र महिलाओं के जीवन में बदलाव ला रहे हैं। यहां सिलाई प्रशिक्षण के साथ-साथ सरकारी योजनाओं की जानकारी, लाभ और सामाजिक सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाती है। इन केंद्रों के माध्यम से महिलाएं संगठित होकर छोटे-छोटे उद्यम चला रही हैं और अपनी आय के साथ परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही हैं।
प्रबुद्धजनों से संवाद, युवाओं में जोश

लोकार्पण कार्यक्रम के बाद डॉ. सिंह ने क्षेत्र के प्रबुद्ध नागरिकों से भी संवाद किया। उन्होंने गंभीरता से क्षेत्रीय समस्याएं सुनीं और उनके त्वरित समाधान का आश्वासन दिया। कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में मौजूद युवा उनके साथ फोटो और सेल्फी लेने के लिए उत्साहित दिखाई दिए। यह संवाद न केवल विधायक और जनता के बीच भरोसे को मजबूत करता है बल्कि उनकी जमीनी सक्रियता की मिसाल भी पेश करता है।
162 केंद्र बने महिला स्वावलंबन और सामाजिक बदलाव की धुरी

162 ताराशक्ति केंद्र अब सरोजनीनगर में महिला स्वावलंबन, सामाजिक संगठन और सामुदायिक विकास का प्रभावी आधार बन चुके हैं। ये केंद्र केवल सिलाई तक सीमित नहीं हैं बल्कि एक बड़े सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक बन गए हैं। आने वाले समय में डॉ. सिंह का लक्ष्य 200 केंद्र स्थापित कर सरोजनीनगर की मातृशक्ति को देशभर में आत्मनिर्भरता का उदाहरण बनाना है।