
- सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने शिक्षक दिवस पर 15 शिक्षकों को सम्मानित किया।
- श्री रघुनाथ अकैडमी में सीएसआर फंड से डिजिटल लाइब्रेरी का लोकार्पण किया गया।
- अब तक सरोजनीनगर में 32 डिजिटल लाइब्रेरी और 31 स्मार्ट पैनल बोर्ड स्थापित किए जा चुके हैं।
- डॉ. सिंह ने सरोजनीनगर को Educational Power House और Digital Constituency बनाने का संकल्प दोहराया।
- शिक्षा और डिजिटल तकनीक के संगम से युवाओं को भविष्य की वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने पर जोर दिया गया।

लखनऊ: शिक्षक दिवस पर सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने शिक्षा और तकनीक के संगम से क्षेत्र के भविष्य की दिशा तय करने का संकल्प दोहराया। दरोगाखेड़ा स्थित श्री रघुनाथ अकैडमी में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होकर उन्होंने 15 वरिष्ठ अध्यापकों को सम्मानित किया और विद्यालय में डिजिटल लाइब्रेरी का लोकार्पण किया।

डॉ. सिंह ने इस अवसर पर कहा कि “मेरा संकल्प है कि सरोजनीनगर को Educational Power House और Digital Constituency बनाया जाए। शिक्षा और तकनीक का यह संगम ही युवाओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा और क्षेत्र को प्रगतिशील पहचान प्रदान करेगा।”
शिक्षा से राष्ट्रनिर्माण की यात्रा

अपने संबोधन में डॉ. सिंह ने कहा कि यदि आज भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुँचने में सफल हुआ है, दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सैन्य शक्ति बना है, विश्वविद्यालयों की संख्या 50 से बढ़कर 1500 तक पहुँची है और साक्षरता दर 18% से बढ़कर 75% तक हुई है, तो इसके पीछे शिक्षकों का अपार योगदान है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की यह उपलब्धियाँ हमारे गुरुजनों की तपस्या और समर्पण का परिणाम हैं, और शिक्षक दिवस इस योगदान को स्मरण करने का सर्वोत्तम अवसर है।
डिजिटल लाइब्रेरी का लोकार्पण

डॉ. सिंह ने कहा कि वर्तमान समय डिजिटल युग का है, जहाँ कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी तकनीकें आने वाले समय में मानव क्षमता से भी आगे बढ़ सकती हैं। ऐसे दौर में युवाओं को डिजिटल कौशल से लैस करना ही सबसे बड़ी आवश्यकता है। इसी सोच के तहत उन्होंने श्री रघुनाथ अकैडमी में सीएसआर फंड से स्थापित डिजिटल लाइब्रेरी का उद्घाटन किया।
उन्होंने गर्व के साथ बताया कि सरोजनीनगर में अब तक 32 विद्यालयों और महाविद्यालयों में डिजिटल लाइब्रेरी तथा 31 कॉलेजों में डिजिटल स्मार्ट पैनल बोर्ड स्थापित किए जा चुके हैं। यह प्रयास केवल तकनीकी संसाधन उपलब्ध कराना ही नहीं, बल्कि युवाओं को ज्ञान से जोड़ने और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने का एक सतत अभियान है।
सरोजनीनगर का रूपांतरण
डॉ. सिंह ने स्पष्ट किया कि शिक्षा और तकनीक का संगम ही सरोजनीनगर को उत्तर प्रदेश के विकास में विशेष पहचान दिलाएगा। उन्होंने कहा कि “सरोजनीनगर को शैक्षणिक शक्ति केंद्र और डिजिटल संसदीय क्षेत्र बनाना मेरा संकल्प है। यह क्षेत्र शिक्षा और नवाचार का आदर्श मॉडल बनेगा और आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश की प्रगतिशील पहचान को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।”
शिक्षक सम्मान और प्रेरणा
कार्यक्रम में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 15 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इनमें सेवा लाल यादव, राम सनेही मिश्रा, विद्याधर दीक्षित, वेदपाल सिंह, गंगा बक्श सिंह, जय प्रकाश सिंह, राम बहादुर सिंह, मुरली मनोहर सिंह, कमलेश दीक्षित, राम प्रताप सिंह, नरसिंह, ब्रजपाल सिंह, राजेश सिंह, लाल बहादुर सिंह और रमा शंकर त्रिपाठी शामिल रहे।
इस अवसर पर संस्थापक जय सिंह चौहान, विजय सिंह चौहान, बी. सिंह (पूर्व डिप्टी कमिश्नर, नवोदय विद्यालय समिति), मंडल अध्यक्ष के. के. श्रीवास्तव, शंकरी सिंह, राजेंद्र सिंह राजू, पार्षद सौरभ सिंह मोनू, पूर्व ब्लॉक प्रमुख राम गोपाल सिंह सहित क्षेत्र के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
शिक्षक दिवस के अवसर पर डॉ. राजेश्वर सिंह की यह पहल केवल सम्मान तक सीमित नहीं रही, बल्कि शिक्षा और डिजिटल सशक्तिकरण के संगम से सरोजनीनगर को नई दिशा देने का संकल्प भी लेकर आई। शिक्षक सम्मान से लेकर डिजिटल लाइब्रेरी के लोकार्पण तक, यह कार्यक्रम सरोजनीनगर को Educational Power House और Digital Constituency बनाने की ठोस शुरुआत साबित हुआ।


































