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सरोजनीनगर के मंदिरों में भी विकास की बयार: परवर पश्चिम स्थित प्राचीनतम जल साईंनाथ शिवधाम के लिए सरकार ने दी 1 करोड़ की मंजूरी, स्थानीय लोगों ने जताई प्रसन्नता

  • सरोजनीनगर के परवर पश्चिम स्थित प्राचीन जल साईंनाथ मंदिर के सौंदर्यीकरण हेतु उत्तर प्रदेश सरकार ने 1 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की।
  • यह स्वीकृति विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा 23 अप्रैल 2025 को पर्यटन मंत्री को भेजे गए पत्र के प्रयासों से संभव हुई।
  • मंदिर परिसर में झील, बैरीकेडिंग और संरचनात्मक विकास कार्यों को पर्यटन विभाग की योजना में शामिल किया गया है।
  • मंदिर ट्रस्ट और स्थानीय नागरिकों ने इस ऐतिहासिक फैसले पर विधायक के प्रति आभार जताया।
  • डॉ. राजेश्वर सिंह के नेतृत्व में अब तक 125 मंदिरों में सोलर लाइट, 26 मंदिरों का सौंदर्यीकरण और कई करोड़ की योजनाएं संचालित हो चुकी हैं।

लखनऊ, 16 जुलाई 2025 | शिव सागर सिंह चौहान | True News Up ब्यूरो : श्रावण मास के प्रथम सोमवार को सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र को एक बड़ी सौगात मिली है। क्षेत्र के परवर पश्चिम स्थित ऐतिहासिक श्री जल साईंनाथ शिवधाम महादेवन मंदिर के सौंदर्यीकरण एवं पर्यटन विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 1 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। यह उपलब्धि विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की पहल और अथक प्रयासों का प्रत्यक्ष परिणाम है।

प्राचीन मंदिर को मिलेगा आधुनिक स्वरूप, बढ़ेगा धार्मिक पर्यटन

सरोजनीनगर का यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था और आध्यात्मिक चेतना का केंद्र है, बल्कि स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक एकता का भी प्रतीक रहा है। विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा 23 अप्रैल 2025 को राज्य के पर्यटन मंत्री को लिखे गए पत्र के आधार पर यह स्वीकृति प्राप्त हुई। इस पत्र में उन्होंने मंदिर ट्रस्ट की मांग का समर्थन करते हुए मंदिर को पर्यटन विभाग की सूची में सम्मिलित करने, परिसर में स्थित झील के सौंदर्यीकरण, बैरीकेडिंग और आवश्यक बुनियादी संरचनात्मक विकास कार्यों हेतु धनराशि की मांग की थी।

स्थानीय जनभावनाओं को मिला सम्मान

पूर्व में मंदिर में दर्शन करने पहुचे ग्रामीणों ने जताई प्रसन्नता

मंदिर ट्रस्ट ने जताया आभार

जल साईंनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेश सिंह सोमवंशी ने इस निर्णय को क्षेत्र की वर्षों पुरानी मांग की पूर्ति बताया। उन्होंने कहा, “यह केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि परवर पश्चिम की सांस्कृतिक आत्मा है।

इस सौंदर्यीकरण से ना केवल श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि क्षेत्र का सर्वांगीण विकास भी सुनिश्चित होगा।” स्थानीय नागरिकों ने भी विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल सरोजनीनगर को धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह का बयान: मंदिर हमारी संस्कृति और सद्भाव के केंद्र

इस अवसर पर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा, “मंदिर केवल आस्था के स्थल नहीं होते, वे हमारी संस्कृति के गौरव और सामाजिक सद्भाव के आधार स्तंभ हैं। हमारा प्रयास है कि इन धार्मिक स्थलों को श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक और पर्यावरण अनुकूल बनाया जाए।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और जनप्रतिनिधि मिलकर यदि धार्मिक स्थलों के संरक्षण और विकास के लिए गंभीरता से कार्य करें तो धार्मिक पर्यटन को नया आयाम मिल सकता है।

धार्मिक स्थलों के विकास की श्रृंखला में एक और अध्याय

सरोजनीनगर में धार्मिक स्थलों को सशक्त और सुव्यवस्थित करने की दिशा में डॉ. सिंह की यह कोई पहली पहल नहीं है। इससे पूर्व भी उन्होंने धार्मिक संरचनाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु कई ठोस कदम उठाए हैं:

  • CSR फंड के माध्यम से 125 मंदिरों में सोलर लाइट, बेंच और हैंडपंप की स्थापना।
  • 26 मंदिरों के पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण हेतु आर्थिक सहयोग।
  • रेतेश्वर मंदिर के लिए ₹5.33 करोड़ और झाड़ेश्वर शिव मंदिर के लिए ₹1.00 करोड़ की स्वीकृति शासन से प्राप्त।

डॉ. सिंह के नेतृत्व में धार्मिक स्थलों का यह विकास अभियान केवल आध्यात्मिकता नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता, पर्यावरणीय संतुलन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का माध्यम भी बन रहा है।

विकास और संस्कृति का संगम

डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा लाया गया यह 1 करोड़ रुपये का अनुदान न केवल एक मंदिर के स्वरूप को बदलने वाला है, बल्कि पूरे सरोजनीनगर की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन दृष्टिकोण से पहचान को नया विस्तार देने वाला है। भविष्य में इस तरह के प्रयास यदि निरंतर होते रहे, तो यह क्षेत्र धार्मिक पर्यटन का सशक्त केंद्र बनकर उभरेगा।

रिपोर्ट | True News Up | लखनऊ
मुख्य संपादक: शिवसागर सिंह चौहान
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