
- सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने लखनऊ में ‘नेक्स्ट जेनरेशन GST रिफॉर्म्स कॉन्क्लेव’ का भव्य आयोजन किया।
- वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बोले – जीवन बीमा, रोटी-ब्रेड पर जीएसटी शून्य, आमजन को बड़ी राहत मिली।
- डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा – व्यापारी हैं भारत की साइलेंट इकोनॉमिक आर्मी, जीएसटी ने पारदर्शिता बढ़ाई।
- उत्तर प्रदेश का जीएसटी कलेक्शन ₹1.35 लाख करोड़ पार, विकास दर 11.6% तक पहुँची।
- ‘वन नेशन, वन टैक्स’ से ‘वन विज़न, वन ग्रोथ’ की ओर बढ़ा भारत, योगी मॉडल बना भरोसे का प्रतीक।

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के आर्थिक परिदृश्य के लिए मंगलवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ, जब सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने शहीद पथ, फीनिक्स पलासियो मॉल के समीप होटल मर्क्योर में ‘नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स कॉन्क्लेव’ का भव्य आयोजन किया।
मुख्य अतिथि के रूप में वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना उपस्थित रहे, जबकि प्रदेश के उद्योग जगत, व्यापारिक संगठनों और कर विशेषज्ञों की भागीदारी ने इसे एक ऐतिहासिक विमर्श का रूप दिया।

इस आयोजन का उद्देश्य केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लागू ऐतिहासिक जीएसटी सुधारों पर चर्चा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि व्यापारियों, कर विशेषज्ञों और उद्यमियों के बीच इसके व्यावहारिक उपयोग, पारदर्शिता और आमजन पर पड़े सकारात्मक प्रभाव को साझा करना भी रहा।
व्यापार संगठनों का सम्मान और संवाद

कार्यक्रम के दौरान डॉ. राजेश्वर सिंह ने अमौसी, खजाना मार्केट, गौरी, आशियाना अवध, तेलीबाग, उतरठिया आदर्श और नीलमथा आदर्श व्यापार मंडल सहित कई संस्थाओं के पदाधिकारियों को सम्मानित किया। इसके पश्चात मंत्री सुरेश खन्ना ने उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल, लखनऊ सराफा एसोसिएशन, सरोजनीनगर इंडस्ट्रियल एरिया मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन, ट्रांसपोर्ट नगर व्यापार मंडल, पंडित खेड़ा व्यापार मंडल समेत कई संगठनों को सम्मानित किया।
उद्योगपति अनिल धीमानी, सीए ऋषभ मिश्रा, सीए रीना भार्गव, उद्योगपति शिवशंकर सिंह ‘शंकरी’ और शिवशंकर अवस्थी ने जीएसटी के भविष्य, डिजिटल ट्रांजिशन और औद्योगिक सरलीकरण पर विचार साझा किए।
डॉ. राजेश्वर सिंह बोले – व्यापारी हैं भारत की साइलेंट इकोनॉमिक आर्मी
विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपने संबोधन में कहा –
“व्यापारी बंधु राष्ट्र की साइलेंट आर्मी हैं। इन्हीं के योगदान से भारत आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 17 राज्यीय कर कानून और 13 सेस समाप्त कर एकल GST व्यवस्था लागू हुई, जो भारत के कर इतिहास की सबसे बड़ी प्रशासनिक क्रांति है। जहां पहले चार टैक्स स्लैब हुआ करते थे, अब उन्हें दो श्रेणियों में सीमित किया जा रहा है ताकि छोटे व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों को राहत मिले।
‘इंस्पेक्टर राज’ से ‘पोर्टल राज’ की ओर भारत का परिवर्तन
डॉ. सिंह ने कहा –
“मोदी, योगी और खन्ना जी का साझा विज़न है कि इंस्पेक्टर राज और लाइसेंस राज का अंत हो, और भारत ‘पोर्टल राज’ की ओर बढ़े जहाँ हर व्यापारी को Self Declaration का सम्मान मिले।”
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में Ease of Doing Business रैंकिंग 14वें से दूसरे स्थान पर पहुँच चुकी है। राज्य का GST कलेक्शन ₹1.35 लाख करोड़ पार कर चुका है, जो 2017 की तुलना में लगभग दोगुना वृद्धि दर्शाता है। उन्होंने बताया कि करदाताओं की संख्या 65 लाख से बढ़कर 1.5 करोड़ तक पहुँच गई है और यूपी की विकास दर 11.6% तक पहुँच चुकी है, यह ‘योगी मॉडल’ की पारदर्शिता का परिणाम है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बोले – जीएसटी सुधार सिर्फ टैक्स नहीं, ट्रस्ट की कहानी है
मुख्य अतिथि सुरेश कुमार खन्ना ने कहा –
“व्यापारी समाज की वर्षों पुरानी मांग थी कि ‘वन नेशन, वन टैक्स’ व्यवस्था लागू हो। प्रधानमंत्री मोदी जी ने यह कर दिखाया। GST सिर्फ टैक्स नहीं, यह ट्रस्ट की कहानी है।”
उन्होंने बताया कि अब तक GST Council की 56 बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें राज्यों को पूरा अवसर मिला। जीवन बीमा, रोटी और ब्रेड पर टैक्स शून्य किया गया है, जबकि 36 जीवनरक्षक दवाओं को टैक्स-फ्री किया गया है। उन्होंने बताया कि ₹7,500 तक के होटल कमरों पर 5% टैक्स, और खाने-पीने की वस्तुओं पर कर दरों में कमी की गई है, ताकि आमजन को राहत मिले।
खन्ना ने कहा कि डीजल, पेट्रोल, सोना, हीरा और अफोर्डेबल हाउसिंग पर उत्तर प्रदेश देश में सबसे कम टैक्स दरें लागू कर रहा है।
उन्होंने कहा –
“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनोन्मुख आर्थिक नीति ने उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए सबसे भरोसेमंद गंतव्य बना दिया है।”
‘One Nation, One Tax’ से ‘One Vision, One Growth’ की ओर भारत
कॉन्क्लेव में भाजपा के वरिष्ठ नेता पुष्कर शुक्ला, पवन धवन, वीरेंद्र तिवारी, विजय मौर्य, आनंद स्वरूप, रीना चौधरी, शंकरी सिंह, अनिल सिंह गहलोत, अजीत शुक्ला, राकेश सिंह सहित अनेक गणमान्य मौजूद रहे।
लखनऊ में यह आयोजन केवल जीएसटी नीति की चर्चा नहीं थी, बल्कि यह “वन नेशन, वन टैक्स” से “वन विज़न, वन ग्रोथ” की दिशा में बढ़ते भारत की एक नई आर्थिक एकता का संदेश भी था।
सरोजनीनगर से शुरू हुआ यह संवाद अब एक राष्ट्रीय विमर्श का रूप ले रहा है – जहाँ GST सिर्फ एक टैक्स सिस्टम नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता और विश्वास की नई पहचान बन चुका है।