
- माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया।
- नए शैक्षिक सत्र में नामांकन अभियान चलाकर कक्षा-08 पास छात्रों को जोड़ा जाएगा।
- विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब, ICT लैब और स्मार्ट क्लास जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
- 635 विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा और 315 स्कूलों को प्रोजेक्ट प्रवीण से जोड़ा गया है।
- अप्रयुक्त भूमि पर खेल मैदान, पुस्तकालय, वेधशाला व डिजिटल केंद्र बनाए जाएंगे।
लखनऊ, 11 अप्रैल 2025 : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की ओर अग्रसर करने की दिशा में माध्यमिक शिक्षा विभाग एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में कार्य कर रहा है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आधारभूत ढांचे का विकास, डिजिटल नवाचार, व्यावसायिक शिक्षा तथा स्किल डेवलपमेंट जैसे बहुआयामी प्रयासों के माध्यम से विभाग प्रदेश की युवा शक्ति को आत्मनिर्भरता और राष्ट्रनिर्माण से जोड़ने के लिए सक्रिय है।
इसी क्रम में शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, लखनऊ में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती गुलाब देवी ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और नवाचार को प्राथमिकता देते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि राज्य का कोई भी छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित न रह जाए।
प्रत्येक विद्यार्थी तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना सर्वोच्च प्राथमिकता
मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि 01 अप्रैल, 2025 से आरंभ हुए नए शैक्षिक सत्र के साथ ही यह अत्यंत आवश्यक है कि माध्यमिक स्तर पर सभी छात्र-छात्राओं का नामांकन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने मंडलीय और जनपदीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्यालयों का नियमित निरीक्षण और अनुश्रवण गंभीरता से किया जाए। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर से साप्ताहिक व मासिक समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाए ताकि योजनाओं की प्रगति पर निरंतर निगरानी बनी रहे।
उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग केवल शैक्षिक व्यवस्था का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह प्रदेश की सामाजिक और आर्थिक समृद्धि की नींव है। इसीलिए यह सुनिश्चित किया जाए कि कक्षा-08 पास कोई भी छात्र माध्यमिक शिक्षा से वंचित न रहे, इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग से भी समन्वय बनाया जाए।
अवसंरचना विकास की दिशा में ठोस कार्ययोजना
मंत्री ने बताया कि प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों की अप्रयुक्त भूमि का उपयोग अब खेल के मैदान, मिनी स्टेडियम, बागवानी केंद्र, डिजिटल पुस्तकालय, कौशल विकास केंद्र, ऑडिटोरियम और वेधशाला जैसे नवाचारी ढांचों के निर्माण में किया जाएगा। इससे विद्यार्थियों को समग्र विकास के अवसर मिलेंगे और शिक्षा अधिक व्यावहारिक और उपयोगी सिद्ध होगी।
उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश के 101 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की जा चुकी है, और अन्य विद्यालयों में चरणबद्ध कार्य चल रहा है। साथ ही, 578 विद्यालयों में आईसीटी लैब की स्थापना से विद्यार्थियों को डिजिटल साक्षरता से जोड़ा गया है।
व्यावसायिक शिक्षा को मिल रहा बढ़ावा
राज्य में 635 विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा संचालित की जा रही है। प्रोजेक्ट प्रवीण के अंतर्गत 315 विद्यालयों को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों से जोड़ा गया है। साथ ही राजकीय आईटीआई को स्किल हब के रूप में विकसित कर उन्हें निकटवर्ती माध्यमिक विद्यालयों से जोड़ा जा रहा है। गोरखपुर में कौशल प्रयोगशालाओं का सुदृढ़ीकरण किया जा चुका है।
तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु 1236 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। विज्ञान शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए प्रथम चरण में 303 विद्यालयों में विज्ञान प्रयोगशालाओं और द्वितीय चरण में 18 विद्यालयों में नई प्रयोगशालाओं का निर्माण किया जा रहा है। 488 विद्यालयों में पुस्तकालय कक्षों के निर्माण की योजना पर कार्य प्रगति पर है।
मूल्यांकन और मान्यता प्रक्रिया भी जारी
विद्यार्थियों की सीखने की दक्षता का मूल्यांकन यूनिट टेस्ट के माध्यम से किया जा रहा है, जिससे उनकी शैक्षिक प्रगति की प्रभावी निगरानी सुनिश्चित हो सके। साथ ही, प्रदेश के निजी विद्यालयों से प्राप्त प्रत्यावेदनों के परीक्षण और मान्यता की प्रक्रिया भी संचालित की जा रही है।
शिक्षा से आत्मनिर्भर और समृद्ध उत्तर प्रदेश का निर्माण
बैठक के समापन पर मंत्री गुलाब देवी ने दोहराया कि शिक्षा से ही आत्मनिर्भर और समृद्ध उत्तर प्रदेश का निर्माण संभव है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की भूमिका इस दिशा में निर्णायक है। उन्होंने सभी अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा, पारदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ करें।
उपस्थित अधिकारीगण
इस महत्वपूर्ण बैठक में विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा के.के. गुप्ता, उमेश चंद्र, महानिदेशक स्कूल शिक्षा सुश्री कंचन वर्मा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. महेंद्र देव, अपर शिक्षा निदेशक सुरेंद्र कुमार तिवारी, अजय कुमार द्विवेदी, सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद भगवती सिंह सहित प्रदेश के सभी मंडलों के संयुक्त शिक्षा निदेशक एवं उप शिक्षा निदेशक उपस्थित रहे।


































