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लखनऊ स्थित केजीएमयू में पहली बार सफलतापूर्वक हुआ रोबोटिक सर्जरी द्वारा हर्निया ऑपरेशन: मरीज स्वस्थ होकर दूसरे दिन हुआ डिस्चार्ज

लखनऊ स्थित केजीएमयू में पहली बार सफलतापूर्वक हुआ रोबोटिक सर्जरी द्वारा हर्निया ऑपरेशन: मरीज स्वस्थ होकर दूसरे दिन हुआ डिस्चार्ज
  • केजीएमयू में 9 मई को पहली बार रोबोटिक हर्निया सर्जरी सफल रही।
  • मरीज एक दिन में पूरी तरह ठीक होकर 10 मई को डिस्चार्ज हुआ।
  • सर्जरी में प्रो. पाहवा, डॉ. पाल, डॉ. हर्ष और डॉ. विनोद शामिल रहे।
  • ‘मंत्रा’ रोबोटिक सिस्टम देशी तकनीक से बना और कम लागत वाला है।
  • शुरुआत में इलाज मुफ्त, आगे रियायती दरों पर किया जाएगा।

लखनऊ, 10 मई 2025: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के लिए 9 मई 2025 का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब संस्थान में पहली बार Robot Assisted Repair of Inguinal Hernia (रूग्ण हर्निया का रोबोटिक सर्जरी से उपचार) सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। यह प्रदेश की सरकारी चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में तकनीकी प्रगति और जनकल्याणकारी चिकित्सा का सशक्त उदाहरण बन गया है।

इस ऐतिहासिक सर्जरी को प्रोफेसर डॉ. हरविंदर सिंह पाहवा की अगुवाई में किया गया, जिनके साथ डॉ. अजय कुमार पाल (अतिरिक्त प्रोफेसर), डॉ. हर्ष (रेजीडेंट डॉक्टर), एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. विनोद श्रीवास्तव और उनकी टीम शामिल रही। यह पूरी प्रक्रिया अत्यंत सूक्ष्म तकनीक और विशेषज्ञता के साथ सम्पन्न की गई।

ऑपरेशन के अगले ही दिन यानी 10 मई को मरीज पूरी तरह स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। ऑपरेशन के बाद मरीज की सभी लक्षणों से राहत मिली है और अब आगे उसे नियमित रूप से OPD में फॉलोअप किया जाएगा।

कम लागत वाली भारतीय रोबोटिक तकनीक “मंत्रा” से सुसज्जित हुआ केजीएमयू

इस अत्याधुनिक रोबोटिक सर्जरी की सफलता केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यनंद के दूरदर्शी नेतृत्व और उनकी विशेषज्ञ टीम के प्रयासों का प्रतिफल है। यह सर्जरी भारतीय कंपनी SSI Mantra द्वारा विकसित Low-Cost Indian Robotic Surgical System – MANTRA की सहायता से की गई, जो कि Cardiothoracic Surgeon द्वारा स्थापित एक स्वदेशी कंपनी है।

यह भी उल्लेखनीय है कि यह रोबोटिक सिस्टम CDSCO (Central Drugs Standard Control Organization) से टेली-सर्जरी के लिए स्वीकृत है, जो भविष्य में दूरस्थ क्षेत्रों में भी विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं सुलभ बनाने में मददगार सिद्ध होगा।

अब सरकारी अस्पतालों में भी रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत

वर्तमान में रोबोटिक सर्जरी का उपयोग मुख्यतः बड़े निजी अस्पतालों और कुछ गिने-चुने सरकारी संस्थानों में ही होता है, वह भी अधिक खर्चीली होने के कारण। ऐसे में केजीएमयू द्वारा इस तकनीक को आम जनता के लिए सुलभ बनाना एक क्रांतिकारी पहल है।
शुरुआती कुछ मामलों में यह सर्जरी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के की जा रही है, जबकि भविष्य में अत्यंत रियायती दरों पर यह सुविधा आम जनमानस के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।

रोबोटिक सर्जरी के फायदे

इस तकनीक के कई महत्वपूर्ण लाभ हैं:

  • ऑपरेशन के दौरान अधिक सटीकता (Enhanced Precision)
  • 3D विजन के माध्यम से बेहतर दृश्य
  • सर्जन के लिए बेहतर एर्गोनॉमिक्स और कार्यक्षमता
  • कम चीरा (Minimal Invasive Surgery) जिससे कम दर्द, कम रक्तस्राव और जल्द रिकवरी
  • मरीज की अस्पताल में कम समय की आवश्यकता

मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान में भी लाभकारी

केजीएमयू के अधिकारियों का कहना है कि इस तकनीक से न केवल मरीजों को अत्याधुनिक चिकित्सा मिलेगी, बल्कि पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थियों की प्रशिक्षण प्रक्रिया में भी यह उपयोगी सिद्ध होगी। इसके माध्यम से युवा सर्जनों को भविष्य की तकनीकों के साथ प्रशिक्षित किया जा सकेगा और चिकित्सा अनुसंधान को भी नई दिशा मिलेगी।

केजीएमयू की उपलब्धि — सस्ती चिकित्सा, अत्याधुनिक तकनीक

यह उपलब्धि न केवल केजीएमयू के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह सस्ती और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा की दिशा में एक नई शुरुआत है। केजीएमयू की लम्बी शैक्षणिक और सेवा परंपरा में यह तकनीकी प्रगति एक मील का पत्थर साबित होगी।

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