
- विधायक निधि से परिषदीय विद्यालयों के आधारभूत ढांचे और सुविधाओं के विकास के लिए सहायता।
- पहाड़पुर, अमौसी और लतीफनगर के विद्यालयों में रोबोटिक्स लैब, स्टेम लैब, प्लेनेटोरियम और डिजिटल क्लासरूम जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की गईं।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की पहल से परिषदीय विद्यालयों की तस्वीर बदल रही है, नामांकन दर 66.8% तक पहुंची।
- डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए 50% से अधिक बच्चे स्मार्टफोन से पढ़ाई कर रहे हैं, जिससे तकनीकी दक्षता को बल मिलेगा।

शिक्षा के विकास में नया अध्याय, परिषदीय विद्यालयों में झूले, डिजिटल क्लासरूम और स्मार्ट सुविधाओं का विस्तार

लखनऊ, सरोजनीनगर: शिक्षा के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सरोजनीनगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने ब्लॉक स्तरीय संगोष्ठी एवं उन्मुखीकरण कार्यशाला में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने क्षेत्र के 193 परिषदीय विद्यालयों के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के विस्तार के लिए विधायक निधि से 10 लाख रुपये देने की घोषणा की। साथ ही, प्राथमिक विद्यालय, भटगांव के नव-निर्मित गेट का उद्घाटन भी किया।
परिषदीय विद्यालयों के विकास को लेकर विधायक की प्रतिबद्धता
विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान अर्जन का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता की आधारशिला है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में चल रहे मिशन प्रेरणा और मिशन कायाकल्प की सराहना करते हुए बताया कि इन योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं का तेजी से विकास हो रहा है।
विधायक ने आंकड़ों के आधार पर बताया कि प्रदेश के 6 से 14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों का नामांकन अनुपात बढ़कर 66.8% तक पहुंच गया है। साथ ही, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के कक्षा 1 में पढ़ने की प्रवृत्ति में कमी आई है, जो अब 16.7% के न्यूनतम स्तर पर है। इसके अलावा, पूर्व-प्राथमिक शिक्षा में भी प्रगति दर्ज की गई है, जहां 79.3% बच्चे अब स्कूल या आंगनबाड़ी केंद्रों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
विद्यालयों में झूले और आधुनिक सुविधाओं का विस्तार
शिक्षा के प्रति बच्चों की रुचि बढ़ाने के लिए अब तक सरोजनीनगर के 60 परिषदीय विद्यालयों में 5 प्रकार के झूले लगाए गए हैं। विधायक ने घोषणा की कि जल्द ही सभी परिषदीय विद्यालयों में झूले उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे बच्चों में स्कूल जाने की प्रेरणा बढ़ेगी।
डिजिटल शिक्षा और तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने बताया कि सरोजनीनगर के पहाड़पुर, अमौसी और लतीफनगर के बेसिक स्कूलों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इन विद्यालयों में रोबोटिक्स लैब, स्टेम लैब, प्लेनेटोरियम, डिजिटल क्लासरूम और मल्टी प्ले स्टेशन जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
डिजिटल साक्षरता की ओर बढ़ता कदम
भविष्य में डिजिटल साक्षरता की बढ़ती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए विधायक ने बताया कि 14 से 16 वर्ष के 50% से अधिक बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के डिजिटलीकरण से न केवल छात्रों को नई तकनीकों से अवगत कराया जा रहा है, बल्कि उन्हें आधुनिक नौकरियों के लिए भी तैयार किया जा रहा है।
कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य व्यक्ति
इस महत्वपूर्ण संगोष्ठी में ग्राम प्रधानों, स्थानीय प्राधिकरणों, प्रधानाचार्यों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला में BEO आर. पी. यादव, ब्लॉक प्रमुख सुनील रावत, नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि रंजीत रावत, मंडल अध्यक्ष विवेक राजपूत, राजेश सिंह चौहान, भटगांव ग्राम प्रधान तारा, प्रधान प्रतिनिधि विपिन कुमार पीनू, पार्षद गीता, पार्षद के. एन. सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख राम विलास, रमा शंकर त्रिपाठी, कृपा शंकर शुक्ला, गंगा राम भारती, जिला मंत्री रेनू सिंह, पूर्व प्रधान नटकुर पवन सिंह, पूर्व प्रधान बिजनौर सोनू माली, नगर पंचायत सभासद हुकुम सिंह, आशीष गौतम, अतुल रावत, हंशराज रावत, श्रीकृष्ण रावत, सौरभ पासी, ADO समाज कल्याण शिव कुमार वर्मा, ADO पंचायत कौशल कुमार, अधिवक्ता महेंद्र रावत, राम बाबू, शिव कुमार ‘चच्चू’, संचालक प्रकाश चन्द्र तिवारी, प्रधानाचार्या पुष्पा यादव, उप-प्रधानाचार्य राजकुमार गौतम समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
सरोजनीनगर में शिक्षा क्षेत्र में निरंतर विकास
सरोजनीनगर में परिषदीय विद्यालयों को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने और छात्रों को डिजिटल युग के लिए तैयार करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण पहल है। विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि उनकी प्राथमिकता सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक माहौल उपलब्ध कराना है। इस दिशा में मिशन प्रेरणा और मिशन कायाकल्प जैसी योजनाओं के माध्यम से ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
यह पहल सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, छात्रों को आधुनिक संसाधनों से जोड़ने और डिजिटल युग की आवश्यकताओं को पूरा करने में मील का पत्थर साबित होगी।


































