सीरिया में दशकों की तानाशाही और एक लंबे गृहयुद्ध के बाद अब लोकतांत्रिक प्रक्रिया की नई शुरुआत होने जा रही है. सरकारी समाचार एजेंसी साना (SANA) ने रविवार को पुष्टि की कि देश में 5 अक्टूबर को पहली बार नए प्रशासन के तहत संसदीय चुनाव होंगे. यह चुनाव बेहद अहम माने जा रहे हैं क्योंकि पिछले 50 वर्षों से अधिक समय तक असद परिवार ने देश पर कठोर शासन किया था और पिछले दस वर्षों से गृहयुद्ध ने सीरिया को तबाह कर दिया था.
चुनावी प्रक्रिया की शुरुआत
चुनावी प्रक्रिया का पहला चरण सुप्रीम इलेक्टोरल कमेटी द्वारा शुरू किया गया है. इस कमेटी ने उप-समितियों का गठन किया है जो चुनावी निकायों का चुनाव करेंगी. यही निकाय उम्मीदवारों के आवेदन स्वीकार करेंगे और फिर प्रारंभिक सूची तैयार करेंगे. इसके बाद नागरिकों को इन उम्मीदवारों पर आपत्ति दर्ज करने का अधिकार होगा. आपत्तियों की समीक्षा के बाद अंतिम उम्मीदवार सूची तैयार की जाएगी. इसके बाद चुनावी निकायों के सदस्य मतदान करेंगे, जो पूरी तरह से प्रत्यक्ष और गुप्त तरीके से होगा. मतगणना की जिम्मेदारी उप-समितियों की होगी और उसके बाद प्रारंभिक नतीजे घोषित किए जाएंगे.
संसद की नई संरचना
चुनाव के बाद कुल 210 सदस्यों की पीपल्स असेंबली यानी संसद का गठन होगा. इनमें से एक-तिहाई सदस्य राष्ट्रपति द्वारा सीधे नियुक्त किए जाएंगे, जबकि बाकी सदस्य चुनावी प्रक्रिया से चुनकर आएंगे. अंतिम परिणाम राष्ट्रपति के डिक्री के जरिए अधिसूचित किए जाएंगे और इसके बाद नई संसद का पहला सत्र आयोजित होगा.
असद परिवार के शासन का अंत
यह परिवर्तन सीरिया के राजनीतिक इतिहास में एक बड़ा मोड़ है. असद परिवार के पांच दशकों से भी अधिक लंबे शासन के अंत के बाद, दिसंबर में विद्रोहियों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल कर दिया था. इसके बाद अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने देश की बागडोर संभाली और एक संक्रमणकालीन सरकार बनाई.
लोकतंत्र की ओर पहला कदम
इन चुनावों को सीरिया की जनता के लिए लोकतंत्र और स्थिरता की दिशा में पहला ठोस कदम माना जा रहा है. लंबे समय से तानाशाही, विद्रोह और युद्ध से जूझते रहे इस देश में अब उम्मीद की जा रही है कि राजनीतिक ढांचा स्थिर होगा और नागरिकों को नई सरकार में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का अवसर मिलेगा.