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महाकुम्भ 2025 के लिए केंद्र से 2100 करोड़ का ‘उपहार’: योगी सरकार के प्रयासों को मिली मजबूती

महाकुम्भ 2025 के लिए केंद्र से 2100 करोड़ का 'उपहार

13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होगा विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन

  • केंद्र से 2100 करोड़ की सहायता, पहली किस्त में 1050 करोड़ जारी।
  • उत्तर प्रदेश सरकार का 5435 करोड़ का निवेश।
  • 421 परियोजनाओं पर काम, 3461 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति।
  • डिजिटल कुम्भ म्यूजियम, रिवर फ्रंट और स्वच्छता मिशन पर जोर।
  • प्रयागराज को स्मार्ट सिटी में बदलने की योजना।

प्रयागराज/लखनऊ, 03 दिसम्बर 2024: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले भव्य महाकुम्भ 2025 के लिए केंद्र सरकार ने 2100 करोड़ रुपये की विशेष अनुदान सहायता राशि मंजूर की है। इस धनराशि की पहली किस्त के रूप में 1050 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। महाकुम्भ का आयोजन 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक होगा। यह आयोजन न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व का प्रतीक है। केंद्र सरकार से यह सहायता योगी सरकार के प्रयासों का नतीजा है, जो इसे दिव्य, भव्य और डिजिटल महाकुम्भ के रूप में आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

योगी सरकार पहले ही खर्च कर चुकी है 5435 करोड़ से अधिक
उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुम्भ के सफल आयोजन के लिए पहले ही 5435.68 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। इस धनराशि का उपयोग कुल 421 परियोजनाओं पर किया जा रहा है। इनमें से 3461.99 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति विभिन्न परियोजनाओं के लिए निर्गत की जा चुकी है। साथ ही, लोक निर्माण विभाग, पर्यटन विभाग, सिंचाई विभाग, नगर निगम प्रयागराज, सेतु निगम सहित विभिन्न विभागों ने अपने बजट से 1636 करोड़ रुपये की लागत वाली 125 परियोजनाओं को लागू किया है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर और विकास कार्यों को दी जा रही प्राथमिकता
महाकुम्भ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अवसंरचनात्मक विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। रेलवे ओवरब्रिज, रेलवे अंडरब्रिज, सड़कों के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण, नदी किनारे कटाव रोकने के उपाय, इंटरलॉकिंग सड़क मार्ग, और रिवर फ्रंट का निर्माण प्रमुख कार्यों में शामिल हैं। इसके अलावा, प्रयागराज को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए थीम बेस्ड चौराहों का सौंदर्यीकरण और आईटी आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित किए जा रहे हैं।

स्वच्छता और पर्यावरण के लिए विशेष कदम
महाकुम्भ 2025 को स्वच्छ और ग्रीन महाकुम्भ बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। नगर निगम प्रयागराज और अन्य एजेंसियां सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और 100 प्रतिशत सीवरेज ट्रीटमेंट की दिशा में काम कर रही हैं। श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ पेयजल व्यवस्था और शहर की सफाई के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग सुनिश्चित किया गया है।

डिजिटल और अभिनव प्रयोगों की झलक
महाकुम्भ 2025 को डिजिटल महाकुम्भ के रूप में विकसित करने के लिए कई अभिनव प्रयोग किए जा रहे हैं। इसमें डिजिटल कुम्भ म्यूजियम और पर्यटन रूट सर्किट (प्रयागराज-अयोध्या-वाराणसी-चित्रकूट-विन्ध्याचल) का निर्माण शामिल है। श्रद्धालुओं के आवागमन को सरल बनाने के लिए विशेष परिवहन व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।

भव्य आयोजन के साथ सुरक्षा और सुविधा पर जोर
महाकुम्भ को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। स्मार्ट निगरानी प्रणाली और इमरजेंसी सेवाओं को प्रभावी बनाने के लिए आईटी आधारित उपाय किए जा रहे हैं। इसके अलावा, यातायात प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग होगा।

सार्वजनिक भागीदारी के साथ बन रहा है ‘दिव्य महाकुम्भ’
महाकुम्भ 2025 को दिव्य, भव्य, स्वच्छ, ग्रीन और डिजिटल बनाने का सपना साकार करने के लिए योगी सरकार और केंद्र सरकार ने मिलकर काम करने की योजना बनाई है। यह आयोजन न केवल भारत की आध्यात्मिक धरोहर को सहेजने का एक प्रयास है बल्कि इसे वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर भी है।

महाकुम्भ 2025: विश्व को भारतीय संस्कृति की भव्यता का अनुभव कराने का अवसर
इस भव्य आयोजन के जरिए न केवल करोड़ों श्रद्धालु पुण्य स्नान और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करेंगे, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक प्रगति का अद्वितीय संगम देखने को मिलेगा। केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल से यह आयोजन और अधिक सुव्यवस्थित और भव्य बनने जा रहा है।

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