अमेरिका में जारी एच-1बी वीजा को लेकर जारी चर्चा के बीच टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि प्रतिभाशाली भारतीयों से अमेरिका को बहुत फायदा हुआ है. उन्होंने अमेरिका में टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को आकार देने में अप्रवासी प्रतिभाशाली की भूमिका को स्वीकार किया है.
भारतीयों से US को बहुत फायदा हुआ: मस्क
एलन मस्क ने वैश्विक कंपनियों में शीर्ष पद पर भारतीय मूल के लोगों के होने का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, “वेस्टर्न कंपनियों में हमारे सभी भारतीय मूल के सीईओ हैं.” ब्रोकिंग फर्म जीरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ के पॉडकास्ट में मस्क ने कहा, “अमेरिका लंबे समय से दुनिया भर से इंटेलिजेंट लोगों को आकर्षित करता रहा है, जिस वजह से भारत में पलायन की स्थिति भी पैदा हुई. मुझे लगता है कि अमेरिका आए प्रतिभाशाली भारतीयों से अमेरिका का बहुत फायदा हुआ है.”
एच-1बी वीजा और इमिग्रेशन पर ट्रंप की राय
व्हाइट हाउस ने मंगलवार (25 नवंबर 2025) को एच-1बी वीजा पर डोनाल्ड ट्रंप की सोच का बचाव करते हुए कहा कि इस मामले पर राष्ट्रपति का नजरिया संतुलित और सामान्य समझ पर आधारित है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि ट्रंप विदेशी कामगारों को केवल शुरुआती समय में आने देंगे, ताकि बड़ी कंपनियां जब अमेरिका में नए कारखाने लगाएं तो काम शुरू हो सके, लेकिन आगे चलकर उन जगहों पर अमेरिकी कामगार ही रखे जाएंगे.
उन्होंने कहा कि कई लोग राष्ट्रपति की सोच को ठीक से समझ नहीं पाए हैं. ट्रंप ने विदेशी कंपनियों से साफ कहा है कि अगर वे अमेरिका में निवेश कर रही हैं तो उन्हें अमेरिकी लोगों को ही नौकरी देनी होगी. यह बयान ऐसे समय पर आया है जब कुछ दिन पहले ही ट्रंप ने लीगल इमिग्रेशन का समर्थन किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह टेक से जुड़ी इंडस्ट्रीज में अमेरिकी वर्कर्स को ट्रेनिंग देने के लिए विदेश से हजारों लोगों का स्वागत करेंगे.
‘विदेशी वर्कफोर्स अमेरिकी को कंप्यूटर चिप्स बनाना सिखाएगी’
ट्रंप ने उदाहरण देते हुए कहा था कि अरबों डॉलर खर्च करके एरिजोना में बड़ा कंप्यूटर चिप कारखाना खोलने वाली कंपनियां बेरोजगारों की लाइन से लोगों को उठाकर ऐसे कारखाने नहीं चला सकतीं. उन्हें शुरुआत में हजारों विशेषज्ञ लाने पड़ेंगे और वे इसका स्वागत करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि विदेशी वर्कफोर्स हमारे लोगों को कंप्यूटर चिप्स और दूसरी चीजें बनाना सिखाएगी. ट्रंप ने माना कि इस सोच के कारण उन्हें अपने समर्थकों की कुछ आलोचना झेलनी पड़ सकती है.
ट्रंप-मस्क के रिश्तों में पड़ी दरार
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में एलन मस्क ने ट्रंप ने अपनी पूर्ण समर्थन दिया था और कई जगहों पर उनके लिए कैंपेन भी की थी. वो ट्रंप के साथ चुनाव प्रचार अभियान में शामिल हुए और Make America Great Again का नारा देने लगे. ट्रंप प्रशासन के शुरुआती दिनों में मस्क डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का सबसे सार्वजनिक चेहरा बन गए. इसके कुछ दिनों बाद दोनों की दोस्ती में दरार पड़ गई और दोनों सार्वजनिक मंचों पर एक-दूसरे के खिलाफ हमला बोल रहे हैं.


































