पूरी दुनिया में कैंसर के मामले पिछले कुछ साल में तेजी के साथ बढ़े हैं, भारत भी इसकी चपेट में है. महिलाओं से लेकर पुरुषों तक हर कोई इसका आसानी से शिकार बन रहा है. वहीं, इसको लेकर राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम की तरफ से एक स्टडी जारी की गई है, जिसके आंकड़े काफी हैरान कर देने वाले हैं. इस स्टडी के अनुसार, देश के करीब 11 प्रतिशत लोगों को कैंसर हो सकता है. इसमें सबसे चिंता की बात नॉर्थ-ईस्ट को लेकर है. यहां के मिजोरम में कैंसर मामले सबसे ज्यादा देखने को मिल सकते हैं. अकेले मिजोरम में पुरुषों को कैंसर की चपेट में आने का आंकड़ा 21.1 प्रतिशत है तो महिलाओं में यह आंकड़ा 18.9 प्रतिशत के आसपास है. चलिए आपको बताते हैं कि रिसर्च में क्या-क्या खुलासा किया गया है?
इस जगह सबसे ज्यादा और यहां कम खतरा
इस पूरे रिसर्च स्टडी में 43 पॉपुलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री के जरिए पिछले पांच साल के आंकड़ों की जांच की गई है. इसमें 7,08,223 कैंसर मरीज और 2,06,457 कैंसर से हुई मौतों का आंकड़ा शामिल किया गया है. इसमें सबसे ज्यादा कैंसर प्रभावित इलाकों की अगर बात करें तो वह मिजोरम की राजधानी आइजोल है. यहां कैंसर की चपेट में आने वालों लोगों की संभावना 1 लाख पुरुषों में लगभग 256 है. वहीं, महिलाओं में यह आंकड़ा 1 लाख में 217 के आसपास है.
अगर सबसे कम कैंसर के खतरे वाले इलाके की बात करें तो उसमें महाराष्ट्र का नाम शामिल है. यहां उस्मानाबाद और बीड में सबसे कम कैंसर के खतरे की संभावना है. इस तरह अगर सरल शब्दों में समझा जाए तो नॉर्थ ईस्ट के 6 जिले टॉप पर हैं और उसके बाद कश्मीर घाटी और केरल में इसके दर सबसे अधिक हैं. हैदराबाद जैसे महानगरों की बात करें तो यहां कैंसर की स्थिति यह है कि हर एक लाख महिलाओं में 154 कैंसर मरीज थीं.
दिल्ली का क्या हाल?
अगर देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां भी कैंसर की स्थिति काफी चिंता बढ़ाने वाली है. यहां पुरुषों की हर एक लाख आबादी में से 147 लोगों को इसकी चपेट में आने की संभावना है, जिसका औसत 146.7 है. अगर दिल्ली के अंदर महिलाओं में कैंसर की स्थिति की बात करें तो इसका जिक्र रिपोर्ट में नहीं किया गया है. दिल्ली की स्थिति इसलिए भी चिंताजनक है, क्योंकि यहां कैंसर की स्थिति राष्ट्रीय औसत से अधिक है.
क्यों बढ़ रहे हैं कैंसर के मामले?
अपोलो अस्पताल के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर विजय आनंद रेड्डी के अनुसार, कैंसर के बढ़ने के पीछे कई वजह हैं. आइए इनके बारे में बताते हैं.
- बदलती लाइफस्टाइल (जैसे स्मोकिंग, अल्कोहल, जंक फूड)
- प्रदूषण और मिलावटी खानपान
- शारीरिक गतिविधि की कमी
- लोगों की देर से जांच कराना और बीमारी को नजरअंदाज करना
- फैमिली हिस्ट्री और जेनेटिक फैक्टर
कैंसर का खतरा कैसे कम करें?
नियमित हेल्थ चेकअप कराएं
साल में कम से कम एक बार फुल बॉडी चेकअप और उम्र के अनुसार कैंसर स्क्रीनिंग ज़रूर करवाएं.
स्मोकिंग और तंबाकू पूरी तरह बंद करें
तंबाकू से मुंह, फेफड़े और गले का कैंसर होने का सबसे ज़्यादा खतरा होता है.
स्वस्थ आहार लें
हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और फाइबर से भरपूर खाना कैंसर से बचाव में मदद करता है.
शारीरिक गतिविधि बढ़ाएं
रोज़ाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें. इससे हार्मोन बैलेंस और इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग रहती है.
अल्कोहल से दूरी रखें
शराब का सेवन लिवर, ब्रेस्ट और अन्य कई कैंसर से जुड़ा हुआ है.
विटामिन D और धूप लें
सही मात्रा में धूप लेना शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
वैक्सीनेशन कराएं
HPV और हेपेटाइटिस B जैसे वायरस से बचने के लिए समय पर वैक्सीन लें. ये कुछ कैंसर की वजह बन सकते हैं.
फैमिली हिस्ट्री का रखें ध्यान
अगर परिवार में किसी को कैंसर रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर जल्दी जांच शुरू करें. एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर लोग नियमित हेल्थ चेकअप कराएं और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, तो कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


































