ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर लगाए गए टैरिफ पर अपनी प्रतिक्रिया दी. सुनक ने कहा कि हर देश अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए इस पर प्रतिक्रिया देगा. इसके साथ ही उन्होंने भरोसे के आधार पर रिश्ते बनाने पर भी जोर दिया.
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हर देश अपने राष्ट्रीय हितों में काम करेगा और यह बिल्कुल सही भी है.’ उन्होंने लेन-देन पर आधारित राजनीति को शर्मनाक बताया और कहा कि ऐसे रिश्तों से नतीजे बहुत कम हासिल होते हैं.
पुरानी वैश्विक व्यवस्था खत्म हो चुकी है- सुनक
पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025 में कहा, ‘जब आप अपने रिश्तों की नींव भरोसे पर रखते हैं, तो समय के साथ वे और ज्यादा मजबूत हो सकते हैं.’ सुनक ने अपने कार्यकाल के दौरान यूरोपियन यूनियन की प्रमुख उर्सुला वो डेर लियेन के साथ अपने रिश्तों का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने मिलकर ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच ब्रेक्जिट के बाद के बेहद मुश्किल मुद्दों को सुलझाया.
इस दौरान जब भारत के अमेरिकी टैरिफ से उत्पन्न अशांति से निपटने को लेकर सवाल किया गया, तो पूर्व ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने कहा, ‘वह पुरानी वैश्विक व्यवस्था, जिसमें मैं बड़ा हुआ, अब खत्म हो चुकी है. मुझे नहीं लगता कि वह अब वापस आएगी. लेकिन कुछ बातें स्पष्ट हैं, कि मैं मल्टीपोलैरिटी देख रहा हूं और देश अपने-अपने सामर्थ्य पर अपना फोकस केंद्रित करेंगे.’
अमेरिका ने भारत पर लगाया 50 परसेंट टैरिफ
अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले सामानों पर 50 परसेंट टैरिफ लागू किया है. इसमें मुख्य रूप से रूस से कच्चा तेल और गैस की खरीद के लिए सजा के तौर पर 25 परसेंट का अतिरिक्त टैरिफ भी लगाया गया है.
वहीं, दूसरी ओर वॉशिंगटन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस कदम के पीछे तर्क दिया कि ऐसे लेन-देन रूस के यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को वित्तपोषित करते हैं. जबकि भारत ने भू-राजनीतिक संरेखन के बजाए बाजार की ताकतों और राष्ट्रीय सुरक्षा की जरूरतों के आधार पर रूस से कच्चे तेल और ऊर्जा की खरीद को जारी रखा है. भारत अपने नागरिकों के लिए सस्ती और सुरक्षित ऊर्जा सुनिश्चित करने के अपने अधिकार का बचाव करता आ रहा है.