
- 136 हफ़्तों से लगातार डॉ. राजेश्वर सिंह गाँव-गाँव जाकर जनता की समस्याएँ सुन और हल कर रहे हैं।
- बेहटवा शिविर में 31 समस्याओं का समाधान दर्ज हुआ और ग्रामीणों के लिए आयुष्मान कार्ड बनाए गए।
- टीएस मिश्रा हॉस्पिटल के सहयोग से स्वास्थ्य शिविर में ग्रामीणों को मुफ्त जांच और 50 चश्मे प्रदान किए गए।
- गाँव के 4 मेधावी छात्रों को सम्मानित कर शिक्षा को नई प्रेरणा दी गई।
- युवा क्लबों के गठन और खेल किट वितरण से युवाओं को नशे से दूर कर खेल और अनुशासन की राह पर अग्रसर किया गया।


रविवार को ग्रामसभा बेहटवा इस अभियान के 136वें अध्याय का साक्षी बना, जहाँ डॉ. सिंह ने न सिर्फ ग्रामीणों की समस्याएँ सुनीं, बल्कि उनके समाधान का आश्वासन देकर एक बार फिर यह साबित किया कि राजनीति का असली अर्थ लोकसेवा है।
मेधावी छात्रों का सम्मान: गाँव की शान पहल

शिक्षा के क्षेत्र में भी डॉ. सिंह लगातार प्रयासरत हैं। वे मानते हैं कि किसी गाँव की वास्तविक पहचान उसके मेधावी छात्रों से होती है।बेहटवा में आयोजित शिविर में “गाँव की शान” पहल के तहत हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया।सम्मानित छात्रों के नाम और उपलब्धियाँ इस प्रकार हैं-
- वैष्णवी वर्मा – 90.83%
- अनुष्का राजपूत – 77%
- रघुवंश यादव – 75%
- कुणाल वर्मा – (विशिष्ट प्रदर्शन)
इन चारों मेधावियों को साइकिल, घड़ी और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डॉ. सिंह ने कहा- “यदि गाँव का मेधावी सम्मानित होगा, तो पूरी पीढ़ी प्रेरित होगी। शिक्षा से ही समाज को नई दिशा मिल सकती है।”
जनता की समस्याओं को प्राथमिकता

शिविर में बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र हुए और अपनी समस्याएँ लेकर विधायक के सामने पहुंचे। डॉ. सिंह की टीम ने प्रत्येक ग्रामीण की बात सुनी और उन्हें गंभीरता से दर्ज कराया। ग्रामीणों द्वारा सड़क और नाली निर्माण, सोलर एवं स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था, प्रधानमंत्री आवास योजना, पेंशन से जुड़ी समस्याएँ, बिजली कनेक्शन जैसी कुल 31 शिकायतें दर्ज करवाई गईं। इनमें से कई मामलों में मौके पर ही अधिकारियों को निर्देश देकर समाधान प्रक्रिया शुरू कराई गई। साथ ही, शिविर में चार ग्रामीणों के आयुष्मान भारत कार्ड भी बनाए गए, जिससे उन्हें भविष्य में निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल सकें। डॉ. सिंह का यह प्रयास दर्शाता है कि वे समस्याओं को सिर्फ “सुनने” तक सीमित नहीं रहते, बल्कि उनका “समाधान” सुनिश्चित करने की ठोस कार्यवाही करते हैं।
स्वास्थ्य शिविर: जनता की सेहत पर विशेष ध्यान

बेहटवा शिविर का सबसे विशेष आकर्षण रहा स्वास्थ्य एवं नेत्र चिकित्सा शिविर, जिसे टीएस मिश्रा हॉस्पिटल के सहयोग से आयोजित किया गया।इसमें दर्जनों ग्रामीणों का सामान्य स्वास्थ्य परीक्षण, ब्लड प्रेशर और शुगर की जाँच की गई। साथ ही, नेत्र परीक्षण के बाद 50 ग्रामीणों को नि:शुल्क चश्मे प्रदान किए गए। डॉ. सिंह ने इस अवसर पर कहा- “स्वस्थ नागरिक ही एक मजबूत समाज की नींव रखते हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि गाँव-गाँव में स्वास्थ्य सेवाएँ सुलभ हों।”उनकी यह पहल दिखाती है कि उनका दृष्टिकोण सिर्फ बुनियादी ढाँचे तक सीमित नहीं है, बल्कि मानव कल्याण और स्वास्थ्य सुरक्षा तक विस्तृत है।
युवा शक्ति और खेलों को बढ़ावा

सरोजनीनगर विधायक युवाओं को गाँव की सबसे बड़ी ताकत मानते हैं। उनकी सोच है कि यदि युवाओं को खेल और सकारात्मक गतिविधियों की ओर मोड़ा जाए, तो वे नशे और निराशा से बच सकते हैं।बेहटवा शिविर में उन्होंने 147वाँ और 148वाँ बॉयज़ यूथ क्लब तथा 87वाँ गर्ल्स यूथ क्लब गठित किया। इन क्लबों को क्रिकेट, वॉलीबॉल, फुटबॉल और कैरम की खेल किट प्रदान की गई। डॉ. सिंह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा-“जो खेलता है वही खिलता है, और जो खिलता है वही देश को गढ़ता है। खेल अनुशासन, ऊर्जा और एकता का प्रतीक है।”यह पहल न केवल युवाओं को खेलों से जोड़ती है, बल्कि उन्हें टीम भावना और आत्मविश्वास भी सिखाती है।
ताराशक्ति रसोई: सेवा का अद्भुत उदाहरण
हर जनसंवाद शिविर की तरह बेहटवा में भी ताराशक्ति नि:शुल्क रसोई का संचालन किया गया, जिसमें ग्रामीणों और आगंतुकों को ताज़ा एवं पौष्टिक भोजन प्रदान किया गया। यह रसोई डॉ. सिंह की माता तारा सिंह के नाम से संचालित होती है और हर शिविर में लोगों को भोजन कराकर सेवा और समर्पण का अद्वितीय संदेश देती है। जनप्रतिनिधि और जनता का सीधा जुड़ावशिविर में मंडल अध्यक्ष के.के. श्रीवास्तव, पार्षद राम नरेश रावत, पूर्व मंडल अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम सिर्फ राजनीतिक औपचारिकता नहीं रहा, बल्कि एक ऐसा मंच बना जहाँ जनता, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी एक साथ बैठे और समस्याओं के समाधान की राह खोजी।
लोकतंत्र की नई परंपरा
डॉ. राजेश्वर सिंह का यह अभियान अब केवल सरोजनीनगर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे प्रदेश में एक आदर्श पहल के रूप में देखा जा रहा है। लगातार 136 हफ़्तों से गाँव-गाँव जाकर समस्याएँ सुनना और हल निकालना अपने आप में लोकतंत्र की जीवंत मिसाल है। यह मॉडल दिखाता है कि यदि जनप्रतिनिधि जनता के द्वार तक पहुँचे, तो लोकतंत्र में विश्वास और गहराई दोनों बढ़ती हैं।
सेवा ही राजनीति का सार
बेहटवा का यह जनसंवाद शिविर साबित करता है कि डॉ. सिंह की राजनीति सत्ता की नहीं, बल्कि सेवा की है। उनका विज़न साफ़ है- “विधायक का कार्यालय किसी इमारत में नहीं, बल्कि जनता के द्वार पर होना चाहिए।”136 हफ़्तों से चल रही यह पहल जनता को यह भरोसा दिला रही है कि उनकी आवाज़ अनसुनी नहीं होगी। आने वाले समय में यह अभियान सामाजिक समरसता, विकास और जनता-जनप्रतिनिधि के बीच विश्वास की मजबूत कड़ी बनकर उभरेगा।