
भारत की रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया है। संगठन ने हाल ही में ET-LDHCM (Extended Trajectory Long Duration Hypersonic Cruise Missile) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। यह मिसाइल इतनी तेज है कि इसकी रफ्तार को देखकर पारंपरिक हथियार और आधुनिक डिफेंस सिस्टम भी बेअसर साबित हो रहे हैं।
क्या है ET-LDHCM?
- नाम: Extended Trajectory Long Duration Hypersonic Cruise Missile
- इंजन: स्क्रैमजेट आधारित हाइपरसोनिक तकनीक
- स्पीड: मैक 8 (ध्वनि की गति से आठ गुना तेज)
- रेंज: 1,500 किलोमीटर
- वॉरहेड क्षमता: 2,000 किलोग्राम
- इस मिसाइल को भारत के “स्पीड ब्रह्मास्त्र” की संज्ञा दी जा रही है।
तकनीकी विशेषताएं
- रडार पकड़ से बाहर: कम ऊँचाई पर उड़ान और स्टील्थ डिजाइन।
- दिशा बदलने की क्षमता: उड़ान के दौरान मार्ग बदलने की योग्यता, जिससे दुश्मन का डिफेंस सिस्टम निष्क्रिय।
- बहुउद्देश्यीय वार: कमांड सेंटर, नौसैनिक ठिकाने, बंकर और सामरिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को ध्वस्त करने में सक्षम।
- रक्षा कवच से पार: रूस का S-500 और इज़राइल का आयरन डोम जैसे हाई-टेक सिस्टम भी चुनौती में।
- प्रोजेक्ट विष्णु – आधुनिक युग का सुदर्शन चक्र
- DRDO ने इस मिसाइल को प्रोजेक्ट विष्णु के तहत विकसित किया है। इस प्रोजेक्ट में कुल 12 हाइपरसोनिक सिस्टम तैयार किए जा रहे हैं। इनमें से कुछ हमले के लिए होंगे, जबकि कुछ दुश्मन की मिसाइलों को उड़ान के दौरान ही नष्ट कर देंगे।
स्वदेशीकरण और रोज़गार
ET-LDHCM के निर्माण में देश की MSME यूनिट्स और निजी कंपनियों का भी योगदान रहा है। इसका सीधा लाभ यह है कि मिसाइल तकनीक में आत्मनिर्भरता के साथ-साथ रोज़गार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं।
सामरिक महत्व
भारत की नई मिसाइल से साफ है कि अब देश केवल हथियारों का उपभोक्ता नहीं, बल्कि निर्माता भी बन चुका है। ब्रह्मोस, अग्नि और आकाश जैसी मिसाइलों के बाद ET-LDHCM ने भारत की सैन्य क्षमता को नए आयाम दिए हैं।
नतीजा
यह मिसाइल सिर्फ हथियार नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास का प्रतीक है। अब दुनिया जान चुकी है कि भारत की ओर उठने वाली हर उंगली को पहले यह देखना होगा कि उसकी राजधानी 1,500 किलोमीटर के दायरे में तो नहीं है।