नवरात्रि का पर्व की शुरुआत हो चुकी है। पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा केवल त्योहार नहीं है, यह एक भावना है जो हर गली, आंगन और समुदाय में देखने को मिलती है। ढाक के नगाड़ों की गूंज और पंडालों की मनमोहक कलात्मकता के साथ चमक के साथ, यह राज्य एक जीवंत मंच में बदल जाता है जहां भक्ति और क्रिएटिविटी का मिलन होता है। हर यात्रियों को अपनी त्योहारी यात्रा की योजना बनाने में हम आपकी मदद करने के लिए जा रहे हैं। इस लेख में हम आपको बताएंग बंगाल के 4 फेमस जगहें, जहां पर आप दुर्गा पूजा की भक्ति में डूब सकते हैं।
कोलकाता
इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है क्योंकि कोलकाता दुर्गा पूजा उत्सवों का केंद्र माना जाता है। इस शहर के प्रसिद्ध पंडाल जैसे कुमारतुली पार्क, कॉलेज स्ट्रीट और बल्लीगंज कल्चरल अपनी अद्भुत थीम और विशालकाय मूर्तियों के लिए जाने जाते हैं। उत्तरी कोलकाता में बोनेडी बारी (पैतृक घर) पूजा सदियों पुराने रीति-रिवाजों की झलक पेश करती है। पतझड़ की ठंडी रातों में पंडालों में घूमना और फुचका और काठी रोल जैसे स्ट्रीट फूड का स्वाद लेना एक ऐसा अनुभव है जो इस मौसम की पहचान बन जाता है।
शांतिनिकेतन
रवींद्रनाथ टैगोर की धरती शांतिनिकेतन, दुर्गा पूजा को बेहद ही शांत और क्रिएटिव रूप प्रदान करती है। यहां के फेस्टिवल बंगाल की साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े हुए हैं। यहां पर आपको लोक संगीत, बाउल संगीत और स्थानीय हस्तशिल्प के अनुभव का माहौल देखने को मिलेगा हैं। यहां का शांत वातावरण लोकल और पर्यटकों के लिए शानदार जगह हैं, यहां पर आप भक्ति में डूब जाएंगे। इस नवरात्रि में आप इस जगह पर दुर्गा पूजा आनंद लेने जरुर जाएं।
दुर्गापुर
यहां पर दुर्गा पूजा सामुदायिक सद्भाव और जीवंत आधुनिक थीम के साथ मनाई जाती है। इन पंडालों में आपको पारंपरिक रीति-रिवाजों और शानदार क्रिएटिविटी का मिश्रण देखने को मिलता है, जो इसे परिवारों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाता है। दुर्गा पंडालों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, मेले और खाने-पीने के स्टॉल उत्सव के उत्साह को और बढ़ा देते हैं और बंगाल की सांप्रदायिक भावना को करीब से अनुभव करने के इच्छुक लोगों के लिए एक दुर्गापुर के पंडाल बेहद खास हैं।
सिलीगुड़ी
हिमालय की तलहटी में बसा सिलीगुड़ी में आप दुर्गा पूजा का एक अनोखा अनुभव महसूस करेंगे। शहर के पंडालों में ट्रेडिसनल और लेटस्टे डिजाइन देखने को मिल जाएंगे। यहां के सभी पंडालों से लुभावने पहाड़ी दृश्य दिखाई देते हैं। इस मौसम में दुर्गा पंडालों में घूमने-फिरना एक सुखद अनुभव बना देता है, और यह जगह उन यात्रियों के लिए आदर्श है जो फेस्टिवल के साथ दार्जिलिंग या कलिम्पोंग की एक छोटी सी यात्रा भी करना चाहते हैं। यहां के पंडालों में खूब भक्ति देखने को मिलती है, इसके साथ ही सिंदूर खेला और भी शानदार एहसास कराता है। इसलिए नवरात्रि में सिलीगुड़ी जरुर जाएं।