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नोएडा में बैंक का फर्जी मैसेज दिखाकर करता था कार की ठगी: आरसी मिलते ही कार बेचकर हो जाता था फरार, लग्जरी कारों को ही बनाता था निशाना – नोएडा न्यूज़।

नोएडा पुलिस की गिरफ्त में बैंक का फर्जी एसएमएस दिखाकर लग्जरी कार लेने वाला आरोपी।

नोएडा में फर्जी भुगतान का मैसेज दिखाकर लग्जरी कार लेने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इसकी पहचान राजदेब हुई है। हाल ही में इसने टाटा मोटर्स से एक टाटा सफारी कार ऐसे एक फर्जी ट्रांजैक्शन का मैसेज दिखाकर ली थी। जिसे दिल्ली में एक व्यक्ति को 12 लाख

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26 लाख का दिखाया फर्जी मैसेज

डीसीपी राम बदन सिंह ने बताया कि सेक्टर-5 में सागर मोटर्स है। 10 अगस्त 2023 में आरोपी राजदेब और उसकी पत्नी कोमल देब के साथ वहां गया। उसने 11 हजार रुपए ऑनलाइन देकर टाटा सफारी कार बुक कराई। इसके बाद डिलीवरी के समय राजदेब व उसकी पत्नी कोयल देब ने अपने यस बैंक के खाते का चैक सागर मोटर्स के नाम काटा। ये चैक 26 लाख रुपए का था। पेमेंट होने से पहले ही उसने बैंक में फोन कर चैक को वापस करा लिया। एक फर्जी मैसेज बनाकर सागर मोटर्स के खाते में 26 लाख का भुगतान दिखाया। साथ ही टाटा सफारी कार की डिलीवरी ले ली।

जांच पड़ताल में निकला फर्जी

सागर मोटर्स ने जांच पड़ताल करने पर पता चला कि जो चैक सागर मोटर्स के पक्ष में दिया गया था। वह क्लियर नहीं हुआ है। जो मैसेज अपने फोन में एजेंसी को दिखाया गया था वह भी फर्जी है। चैक क्लियरिंग होने के संबंध में कुछ समय के लिए टाटा मोटर्स के बैंक अकाउंट में रुपये का भुगतान प्रदर्शित हुआ। जिसका फायदा उठाकर ही गाड़ी की डिलीवरी प्राप्त कर ली गई। कार दिल्ली में ललित कुमार दीक्षित नाम के व्यक्ति को रुपये 12 लाख में बेच दी। दिल्ली में भी ऐसे खरीदी कार

राजदेब ने पूछताछ में बताया कि उसके द्वारा इसी प्रकार राणा मोटर्स नोएडा व गैलेक्सी टोयोटा नजफगढ़ रोड मोतीनगर दिल्ली से भी ग्रान्ड विटारा कीमत करीब रुपए 22 लाख व टोयोटा हाई लक्स कीमत करीब 30 लाख रुपए धोखाधड़ी कर कार ली थी। वहां भी फर्जी तरीके से चैक दिया गया और ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए रुपए का भुगतान अकाउंट में दिखाकर डिलीवरी ली गई ।

आरसी कैंसिल न हो इसके लिए देता था आश्वासन उसने बताया गया कि ऐसा करने पर जब एजेंसी द्वारा उसको भुगतान के लिए कहा जाता है। तो वह आरसी मिलने तक पैसे देने के लिए मौखिक व लिखित रूप से आश्वस्त करता है। ताकि एजेंसी आरसी कैंसिल करने के लिए आरटीओ को शिकायत न करे। आरसी जारी होने के बाद वह जल्दी ही गाड़ियों को बेचकर फरार हो जाता था।

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