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नीतिगत निरंतरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए डॉ. राजेश्वर सिंह का ऐतिहासिक प्रस्ताव : उत्तर प्रदेश स्ट्रैटेजी एवं डेवलपमेंट कमीशन (UP-SDC)” की स्थापना की मांग

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने और भारत @2047 के विज़न में अग्रणी भूमिका दिलाने के लिए, सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर “उत्तर प्रदेश स्ट्रैटेजी एवं डेवलपमेंट कमीशन (UP-SDC)” की स्थापना का प्रस्ताव रखा है।

क्यों ज़रूरी है नीतिगत थिंक-टैंक

डॉ. सिंह का मानना है कि उत्तर प्रदेश आज जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है—कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ई-मोबिलिटी, सेमीकंडक्टर, जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और कृषि सुधार—उनका समाधान केवल पारंपरिक प्रशासनिक ढांचे से संभव नहीं है। इन जटिल और तकनीकी मुद्दों पर दीर्घकालिक दृष्टि और वैश्विक तुलना आवश्यक है। इसके लिए एक स्थायी और विशेषज्ञ-आधारित आयोग अनिवार्य है।

वैश्विक मॉडल से प्रेरणा

पत्र में डॉ. सिंह ने उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका का Council of Economic Advisers (CEA) और Congressional Budget Office (CBO), ब्रिटेन का Office for Budget Responsibility (OBR), सिंगापुर का Committee on the Future Economy (CFE), चीन का National Development and Reform Commission (NDRC) और दक्षिण कोरिया का Presidential Advisory Council on Science & Technology जैसे संस्थान इन देशों की आर्थिक प्रगति में निर्णायक रहे हैं।

भारत में भी नीति आयोग और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद मौजूद है, वहीं राज्यों में केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र इस दिशा में प्रयोग कर चुके हैं।

निजी कंसल्टेंसी से अलग क्यों होगा UP-SDC

डॉ. सिंह ने कहा कि निजी कंसल्टेंसी कंपनियां जैसे PwC, Deloitte, McKinsey अक्सर लाभ-केन्द्रित रिपोर्ट बनाती हैं, जिनमें स्थानीय सामाजिक-सांस्कृतिक वास्तविकताओं की अनदेखी हो जाती है। उत्तर प्रदेश को ऐसी रिपोर्ट-निर्माता एजेंसी नहीं, बल्कि विधिक शक्ति प्राप्त, जवाबदेह और दीर्घकालिक दृष्टि वाली संस्था चाहिए।

प्रस्तावित ढांचा : UP-SDC

संरचना – अर्थशास्त्र, प्रौद्योगिकी, कृषि, कानून, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग व आधारभूत ढांचे के विशेषज्ञों के साथ वरिष्ठ जनप्रतिनिधि व प्रमुख नौकरशाह।

कार्य – UP Vision 2047 दस्तावेज तैयार करना, नीतियों का वित्तीय एवं नियामकीय आकलन करना, विश्वविद्यालयों व उद्योग जगत से सरकार को जोड़ना, योजनाओं के परिणामों की समीक्षा करना, पॉलिसी इनोवेशन लैब बनाना।

स्वतंत्रता – निश्चित कार्यकाल, सुरक्षित बजट और डेटा तक विधिक पहुँच।

संभावित लाभ

  • विश्वस्तरीय और प्रतिस्पर्धी नीतियों का निर्माण।
  • निवेशकों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में यूपी की विश्वसनीयता बढ़ना।
  • राजनीतिक व प्रशासनिक बदलावों से परे नीतिगत निरंतरता बनाए रखना।
  • 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य शीघ्र पूरा होना।
  • योजनाओं का स्वतंत्र मूल्यांकन और सतत सुधार सुनिश्चित करना।
  • “ऐतिहासिक कदम” – डॉ. राजेश्वर सिंह

डॉ. सिंह ने अपने पत्र में इसे ऐतिहासिक पहल बताते हुए मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि आयोग की स्थापना के लिए विधायी प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाए।

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