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ढाका: पाकिस्तानी मंत्री व्यापार बढ़ाने पहुंचे, सवाल उठा – “दो कंगाल देश एक-दूसरे की कितनी मदद कर पाएंगे?”

 पाकिस्तान और बांग्लादेश, दो ऐसे मुल्क जो आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, अब एक-दूसरे का हाथ थामकर तरक्की की राह तलाश रहे हैं। शुक्रवार को पाकिस्तान के कॉमर्स मिनिस्टर जाम कमाल खान ने बांग्लादेश में कारोबारी लीडर्स से मुलाकात की और दोनों मुल्कों के बीच व्यापार और आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने की बात कही। जाम कमाल खान ने चटगांव शहर में बिजनेस कम्युनिटी से बात करते हुए कहा कि दोनों देशों के पास खाने-पीने की चीजें, टेक्सटाइल, गारमेंट्स, चमड़ा और जूते जैसे इंडस्ट्रीज में पहले से ही तालमेल है।

‘हमें ज्यादा रिसर्च की जरूरत नहीं है’

खान ने कहा, ‘हमें ज्यादा रिसर्च की जरूरत नहीं है, क्योंकि कई सेक्टर्स पहले से ही एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं।’ उन्होंने प्रेफरेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट (PTA) का आइडिया भी रखा, जिसके तहत दोनों मुल्क कुछ खास सेक्टर्स में एक-दूसरे को खास मौके दे सकते हैं। इससे दोनों देशों को फायदा होगा। यह बयान जाम कमाल ने चटगांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (CCCI) के एक प्रोग्राम में दिया, जो उनकी बांग्लादेश यात्रा के तीसरे दिन हुआ। गुरुवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कॉमर्स सलाहकार शेख बशीरउद्दीन के साथ उनकी मुलाकात हुई थी।

दोनों मुल्क करीब आने की कोशिश कर रहे

पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्तों में पिछले कुछ सालों में खटास आई थी, खासकर 2010 में जब बांग्लादेश की पिछली सरकार ने 1971 की आजादी की जंग में पाकिस्तानी फौज के साथियों के खिलाफ ट्रायल शुरू किया था। लेकिन अब, मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार के आने के बाद दोनों मुल्क करीब आने की कोशिश कर रहे हैं। जाम कमाल गुरुवार को बांग्लादेश पहुंचे थे, और शनिवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार भी ढाका पहुंचने वाले हैं। अधिकारियों के मुताबिक, इन दोनों मंत्रियों की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच पांच समझौता-पत्रों (MoUs) पर दस्तखत होने की उम्मीद है।

2024-25 में हुआ 865 मिलियन डॉलर का व्यापार

पिछले साल दोनों मुल्कों के बीच व्यापार में बढ़ोतरी देखी गई है। 2024-25 में दोनों देशों का कुल व्यापार 865 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। बांग्लादेश का पाकिस्तान को निर्यात 78 मिलियन डॉलर रहा, जो पिछले साल से 20 फीसदी ज्यादा है। वहीं, पाकिस्तान का निर्यात भी 28 फीसदी बढ़ा है। दोनों मुल्कों के इस नए जोश और आपसी तालमेल से उम्मीद है कि आने वाले दिनों में उनके आर्थिक रिश्ते और मजबूत होंगे। क्या यह दोस्ती दोनों कंगाल देशों को आर्थिक तंगी से निकाल पाएगी? यह वक्त बताएगा।

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