By Shiv Sagar Singh Chauhan | True News UP

लखनऊ | 22 अक्टूबर 2025 : उत्तर प्रदेश में जनसंख्या वृद्धि और सामाजिक संतुलन के मुद्दे को लेकर भाजपा विधायक एवं पूर्व प्रवर्तन निदेशालय अधिकारी डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक महत्वपूर्ण नीति प्रस्ताव सौंपा है।
इस प्रस्ताव में उन्होंने प्रदेश में “Area-Wise Demographic Policy (ADP)” लागू करने की सिफारिश की है, जिसका उद्देश्य संतुलित जनसंख्या वृद्धि, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक समरसता सुनिश्चित करना है।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने सुशासन, कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा और सामाजिक सुधार के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं। अब समय आ गया है कि उत्तर प्रदेश ‘जनांकिकीय संतुलन’ के क्षेत्र में भी एक मॉडल राज्य के रूप में उभरे।
जनसंख्या संरचना से जुड़े प्रमुख आँकड़े
प्रस्ताव में दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 1951 की जनगणना में हिंदू जनसंख्या 84.4 प्रतिशत और मुस्लिम जनसंख्या 14.0 प्रतिशत थी, जबकि 2011 में यह अनुपात क्रमशः 79.7 प्रतिशत और 19.3 प्रतिशत हो गया।
प्रदेश के कई जिलों में यह असंतुलन और अधिक बढ़ गया है। उदाहरण के तौर पर, रामपुर (50.6%), संभल (56%), मुरादाबाद (47%), तथा मऊ-आजमगढ़ जैसे जिलों में मुस्लिम जनसंख्या 50 प्रतिशत के आसपास पहुँच चुकी है।
राज्य का Total Fertility Rate (TFR) 2.4 से 2.7 के बीच है, जो राष्ट्रीय औसत 2.0 से अधिक है। इस वजह से प्रदेश के कई हिस्सों में जनसंख्या दबाव बढ़ता जा रहा है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी सेवाओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।
ADP नीति के मुख्य प्रावधान
डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा प्रस्तुत Area-Wise Demographic Policy (ADP) में कई ठोस और व्यवहारिक उपाय सुझाए गए हैं। यह नीति प्रदेश के अलग-अलग जिलों की जनसंख्या प्रवृत्तियों को ध्यान में रखकर तैयार करने की सिफारिश करती है।
1. क्षेत्रवार वर्गीकरण प्रणाली
राज्य के सभी जिलों को Green, Amber, और Red श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा।
- Green जिलों में जनसंख्या वृद्धि नियंत्रण के दायरे में है।
- Amber जिलों में सुधार की आवश्यकता है।
- Red जिलों में विशेष जनसंख्या नियंत्रण और स्वास्थ्य कार्यक्रमों की आवश्यकता है।
यह वर्गीकरण प्रत्येक जिले के जनसंख्या घनत्व, TFR, महिला साक्षरता दर और स्वास्थ्य संकेतकों के आधार पर तय किया जाएगा।
2. Girls’ Secondary Mission
बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए “Girls’ Secondary Mission” नाम से विशेष अभियान शुरू करने का प्रस्ताव है, जिससे 12वीं तक 100 प्रतिशत बालिका शिक्षा सुनिश्चित की जा सके।
डॉ. सिंह के अनुसार, शिक्षित महिलाओं में परिवार नियोजन और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अधिक होती है, जिससे जनसंख्या वृद्धि दर स्वतः नियंत्रित होती है।
3. Mission Parivar Vikas 2.0
ADP नीति के तहत “Mission Parivar Vikas 2.0” को और प्रभावी बनाने की सिफारिश की गई है। उच्च-TFR वाले जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए doorstep delivery model लागू किया जाएगा।
आशा कार्यकर्ता और एएनएम के माध्यम से परिवार नियोजन, मातृ स्वास्थ्य और टीकाकरण संबंधी सेवाएं सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाई जाएंगी।
4. UP Demography Dashboard
राज्य स्तर पर एक “UP Demography Dashboard” तैयार किया जाएगा, जिसमें सभी जिलों के जनांकिकीय संकेतकों की सार्वजनिक रूप से निगरानी की जा सकेगी।
यह डैशबोर्ड नीति निर्धारकों और नागरिकों दोनों के लिए पारदर्शिता और डेटा-आधारित नीति निर्माण का साधन बनेगा।
प्रोत्साहन और निरोधक उपाय
ADP नीति में प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन और निरोधक दोनों उपाय शामिल किए गए हैं, ताकि नीति का प्रभाव ज़मीनी स्तर पर दिख सके।
- बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों को विकास योजनाओं में 5 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा।
- दो या कम संतान वाले परिवारों को सरकारी योजनाओं, कर रियायतों और आवास आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी।
- उच्च-TFR वाले जिलों में दो-संतान मानक को सरकारी सेवाओं और पंचायत प्रतिनिधियों की पात्रता से जोड़ा जा सकता है।
इन उपायों का उद्देश्य लोगों को स्वैच्छिक रूप से परिवार नियोजन अपनाने और जिम्मेदार नागरिकता की भावना को प्रोत्साहित करना है।
अपेक्षित परिणाम
इस नीति के लागू होने से प्रदेश में निम्नलिखित सुधार देखने की उम्मीद की जा सकती है —
- जनसंख्या वृद्धि दर में संतुलन स्थापित होगा।
- मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी।
- बालिकाओं की शिक्षा और महिला सशक्तिकरण को नई दिशा मिलेगी।
- अवैध प्रवासन और सामाजिक असंतुलन में कमी आएगी।
- प्रदेश में सामाजिक एकता और विकास का संतुलित ढांचा तैयार होगा।
“यह नीति किसी के विरुद्ध नहीं, बल्कि प्रदेश के सशक्त भविष्य के लिए है” – डॉ. राजेश्वर सिंह
डॉ. राजेश्वर सिंह ने स्पष्ट किया कि यह नीति किसी समुदाय विशेष के विरुद्ध नहीं है। उन्होंने कहा,
“यह नीति उत्तर प्रदेश के संतुलित, शिक्षित और सशक्त भविष्य के लिए है। जब समाज में समान अवसर और समान जिम्मेदारी होगी, तभी राज्य विकास के अगले चरण में प्रवेश करेगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यदि यह नीति लागू होती है, तो उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन सकता है जो जनसंख्या संतुलन और सामाजिक एकता दोनों में एक नया मॉडल प्रस्तुत करेगा।
“क्षेत्रवार जनांकिकीय नीति (ADP)” उत्तर प्रदेश के विकास और सामाजिक स्थिरता की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है।
यह नीति न केवल जनसंख्या वृद्धि दर को नियंत्रित करेगी, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और समान अवसरों के माध्यम से प्रदेश को एक संतुलित और समरस समाज की ओर अग्रसर करेगी।
यदि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं, तो उत्तर प्रदेश आने वाले वर्षों में “Demographic Balance Model State” के रूप में देश के लिए एक उदाहरण बन सकता है।
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