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ट्रंप के अचानक परमाणु हथियार परीक्षण के आदेश से मचा बवाल , दुनिया पर मंडराया शीत युद्ध का साया

दक्षिण कोरिया में शी जिनपिंग से मुलाकात से ठीक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को पेंटागन को परमाणु हथियारों के परीक्षण शुरू करने का आदेश दिया. ट्रंप के अनुसार ये कदम इसलिए उठाया गया ताकि अमेरिका रूस और चीन से पीछे न रह जाए. ट्रंप ने कहा कि इसमें दो तीन साल लग जाएंगे लेकिन अब उन्हें इसकी जरूरत लग रही है.

रूस ने हाल ही में पोसाइडन का परीक्षण किया

अमेरिका ने अंतिम परमाणु परीक्षण 1992 में, चीन ने 1996 में और रूस के पूर्ववर्ती सोवियत संघ ने 1990 में किया गया था. कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की ओर से जारी रिपोर्ट में दावा किया गया कि 1998 के बाद से सिर्फ उत्तर कोरिया ने ही 2017 में परमाणु परीक्षण किया है. परमाणु हथियारों पर ताजा मसला तब उठा है जब कुछ दिन पहले रूस ने दावा किया था कि उसने न्यूक्लियर पावर्ड अंडरवाटर टॉरपीडो पोसाइडन का सफल परीक्षण किया.

अमेरिकी नौसेना के अधिकारी ने सीनेटर के दिया जवाब

ट्रंप ने 33 साल बाद परमाणु हथियारों के परीक्षण को फिर से शुरू करने का आदेश दिया है. अमेरिकी नौसेना के वाइस एडमिरल रिचर्ड कॉरेल को सितंबर के शुरू में अमेरिकी सामरिक कमान (स्ट्रैटकॉम) का नेतृत्व करने के लिए नॉमिनेट किया गया था, जो परमाणु निवारण और हमला क्षमताओं की देखरेख करता है. उन्होंने गुरुवार को सीनेट में कई सवालों के जवाब दिए.

सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष लगभग 90 मिनट के सत्र के दौरान रिचर्ड कॉरेल से ट्रंप के परमाणु हथियार परीक्षण वाले निर्णय से जुड़े सवाल किए गए. समिति के शीर्ष डेमोक्रेट सीनेटर जैक रीड ने पूछा, “क्या अमेरिका में परमाणु विस्फोटक परीक्षण फिर से शुरू करने से अस्थिरता पैदा होगी? क्या इससे वैश्विक हथियारों की होड़ शुरू होने का खतरा होगा?”

कोरेल ने कहा, “यदि स्ट्रैटकॉम के कमांडर के रूप में मेरी नियुक्ति की पुष्टि हो जाती है तो मेरी भूमिका परीक्षण के संबंध में आगे की किसी भी चर्चा पर सैन्य सलाह प्रदान करने की होगी.” एक अन्य सीनेटर ने पूछा कि क्या परमाणु हथियारों के परीक्षण के बजाय मिसाइलों की टेस्टिंग हो सकती है.” इस पर कोरेल ने कहा, “मुझे राष्ट्रपति के प्लान की पूरी जानकारी नहीं है.”

उपराष्ट्रपति जेडी. वेंस ने बाद में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि परीक्षण इसलिए किया जा रहा है ताकि यह पता लग सके कि अमेरिकी हथियार काम कर रहे हैं या नहीं. अमेरिका और अन्य परमाणु शक्तियों ने लंबे समय से वास्तविक वारहेड्स का विस्फोट करना बंद कर दिया है.

पुतिन ने पहले ही दी थी चेतावनी 

क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहले ही चेतावनी दी थी कि यदि कोई देश परमाणु परीक्षण पुनः शुरू करता है तो मास्को भी उसी प्रकार जवाब देगा. यूनियन ऑफ कंसर्न्ड साइंटिस्ट्स में वैश्विक सुरक्षा कार्यक्रम की निदेशक तारा ड्रोज़्डेंको ने कहा, “अमेरिका के लिए विस्फोटक परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने का कोई ठोस कारण नहीं है। इससे अमेरिका को बहुत कुछ खोना पड़ेगा.”

कई विश्लेषकों का मानना ​​है कि ट्रंप जो अक्सर ताकत को बातचीत की रणनीति के रूप में पेश करते हैं, वे मॉस्को और बीजिंग को संदेश भेजने की कोशिश कर रहे थे. चीन ने परमाणु हथियारों पर बातचीत के अमेरिकी प्रयासों को बार-बार ठुकराया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि अमेरिका परमाणु परीक्षण पर अपने प्रतिबंध का पालन करेगा.

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