
लखनऊ, 16 नवंबर 2024: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए भीषण अग्निकांड, जिसमें 10 नवजात बच्चों की दर्दनाक मौत हुई और कई घायल हो गए, ने उत्तर प्रदेश में सियासी बवाल खड़ा कर दिया है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और इसे स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली का परिणाम बताया।
अखिलेश यादव का ट्वीट: सरकार पर हमला

अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए घटना पर दुख जताया और योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने लिखा:
“झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मृत्यु एवं कई बच्चों के घायल होने का समाचार बेहद दुखद एवं चिंताजनक है। सबके प्रति संवेदनात्मक श्रद्धांजलि।”
इसके साथ ही उन्होंने आग लगने के पीछे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खराब गुणवत्ता और प्रशासनिक लापरवाही को दोषी ठहराते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्वास्थ्य मंत्री पर तीखा हमला किया।
मुख्य आरोप:
1. प्रशासनिक लापरवाही:
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि इस घटना का कारण अस्पताल प्रबंधन की चूक और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की घटिया गुणवत्ता है।
2. चुनावी राजनीति में व्यस्तता:
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि,
“मुख्यमंत्री चुनावी प्रचार और झूठे दावों में व्यस्त हैं, जबकि स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं।”
3. स्वास्थ्य मंत्री की आलोचना:
अखिलेश ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि मंत्री न तो अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं और न ही उनके पास स्थिति को सुधारने की इच्छाशक्ति है।
4. आर्थिक मदद की मांग:
अखिलेश ने सरकार से मांग की कि हादसे में अपने बच्चों को खोने वाले परिवारों को ₹1-1 करोड़ की सहायता राशि दी जाए और झुलसे बच्चों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाए।
गोरखपुर त्रासदी की याद दिलाई
अखिलेश यादव ने 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे की भी याद दिलाई, जहां ऑक्सीजन की कमी से कई बच्चों की जान चली गई थी। उन्होंने कहा, “गोरखपुर जैसी घटनाएं बार-बार दोहराई जा रही हैं, जो राज्य सरकार की विफलता का प्रतीक है।”
योगी सरकार की प्रतिक्रिया
फ़िलहाल खबर लिखे जाने तक अखिलेश यादव के इस बयान पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा सरकार की ओर से अभी कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, जो स्वास्थ्य विभाग भी संभालते हैं, ने कहा कि सरकार ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ब्रजेश पाठक ने यह भी कहा कि,
“हमारा फोकस पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद और घायल बच्चों को सर्वोत्तम उपचार प्रदान करने पर है।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और सियासी माहौल
अखिलेश यादव के ट्वीट के बाद अन्य विपक्षी दलों ने भी सरकार पर हमला बोल दिया है:
• कांग्रेस: कांग्रेस ने भी सरकार की आलोचना करते हुए इसे ‘संवेदनहीनता की पराकाष्ठा’ बताया।
• बसपा: मायावती ने ट्वीट कर कहा कि, “सरकार को स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए, न कि सिर्फ चुनावी प्रचार पर।”
क्या कहता है प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग?
स्वास्थ्य विभाग ने शुरुआती जांच में घटना का कारण ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट बताया है। हालांकि, यह भी स्वीकार किया गया कि:
1. फायर अलार्म सिस्टम ने काम नहीं किया।
2. वार्ड में सिर्फ एक ही एंट्री और एग्जिट पॉइंट था, जो आग और धुएं की वजह से ब्लॉक हो गया।
3. अस्पताल में नियमित सुरक्षा जांच नहीं की गई थी।
जनता और ख़ासतौर से परिजनों का आक्रोश
झांसी के स्थानीय निवासियों और पीड़ित परिवारों ने सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि,
“सरकार बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन अस्पतालों की जमीनी हकीकत कुछ और है।”
राजनीति बनाम जिम्मेदारी
झांसी मेडिकल कॉलेज का यह हादसा केवल एक त्रासदी नहीं, बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं का कड़वा सच है। इस पर सियासत जारी है, लेकिन असल सवाल यह है कि क्या सरकार ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगी या यह घटना भी सिर्फ राजनीति का मुद्दा बनकर रह जाएगी?
आशा है कि पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।