चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत दौरे के बाद पाकिस्तान पहुंचे। उन्होंने पाक विदेश मंत्री इशाक डार से मुलाकात के दौरान औद्योगिक, कृषि और खनन क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई। इस मुलाकात से पाकिस्तान और चीन के बीच रिश्ते और गहरे होने के संकेत मिले हैं, लेकिन यह भारत के लिए चिंता की वजह भी बन सकती है।
विदेश कार्यालय ने बताया कि इस्लामाबाद में विदेश मंत्रियों की रणनीतिक वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग के कई पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श किया। इसमें चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा 2.0 (CPEC 2.0), व्यापार और आर्थिक संबंध, बहुपक्षीय सहयोग और दोनों देशों की जनता के बीच संबंध शामिल थे।
पाक-चीन की गहरी होती दोस्ती
पाकिस्तान और चीन की दोस्ती लगातार मजबूत हो रही है। विदेश कार्यालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने पाकिस्तान-चीन संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की और महत्वपूर्ण क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। डार और वांग ने पाकिस्तान-चीन मित्रता को क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए दोनों देशों की प्रगति और समृद्धि के लिए भी अपरिहार्य बताया। उन्होंने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों पर घनिष्ठ समन्वय और संचार जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।
पाकिस्तान की आर्थिक मजबूती में चीन का समर्थन
मीटिंग के बाद वांग ने पाकिस्तान की आर्थिक मजबूती बढ़ाने के लिए समर्थन व्यक्त किया और कहा कि दोनों देश सीपीईसी के उन्नत संस्करण के उच्च गुणवत्ता वाले विकास पर ध्यान देंगे। उन्होंने ग्वादर बंदरगाह के विकास और संचालन में भी संयुक्त सहयोग की बात कही।
वांग ने पाकिस्तान के आतंकवाद-रोधी प्रयासों की सराहना की और कहा कि चीन आतंकवाद-रोधी और सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए काम करेगा। उन्होंने पाकिस्तान में हाल की बाढ़ से हुए नुकसान पर संवेदना व्यक्त की और बाढ़ पीड़ितों के लिए तुरंत मानवीय सहायता देने की घोषणा की।
डार ने कहा कि दोनों देशों ने पारस्परिक हितों के विविध क्षेत्रों पर उपयोगी और ठोस चर्चा की। उन्होंने अफगानिस्तान के साथ तनाव कम करने में चीन की भूमिका को स्वीकार किया और बताया कि त्रिपक्षीय बैठक भी हुई। रणनीतिक वार्ता के लिए विदेश मंत्रालय पहुंचने पर डार ने वांग का गर्मजोशी से स्वागत किया। वांग, पाकिस्तान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी मुलाकात करेंगे।