
- केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि घरौनी योजना से गांवों में संपत्ति विवादों में कमी आएगी।
- स्वामित्व योजना के तहत घरौनी का डिजिटल वितरण किया गया, जिससे ग्रामीणों को बैंक ऋण प्राप्त करने में आसानी होगी।
- ग्राम पंचायतों की आय में वृद्धि होगी और वे रोजगार सृजन का माध्यम बनेंगी।
- महाकुंभ 2025 को धर्म, संस्कृति और परंपरा का संगम बताते हुए, श्री मौर्य ने डिजिटल महाकुंभ में सभी को भाग लेने का आग्रह किया।
- महाकुंभ मेगा कॉन्क्लेव में श्री मौर्य ने ‘अनेकता में एकता’ के संदेश को रेखांकित किया।

लखनऊ, 18 जनवरी 2025: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने घरौनी योजना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस योजना के माध्यम से गांवों में संपत्ति विवादों में कमी आएगी। श्री मौर्य ने प्रयागराज में आयोजित घरौनी वितरण कार्यक्रम में लाभार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस योजना से ग्राम पंचायतों की आय में वृद्धि होगी और ये पंचायतें रोजगार सृजन के साधन बनेंगी। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को घरौनी के आधार पर आसानी से बैंक ऋण मिल सकेगा, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकेंगे।
स्वामित्व योजना के तहत डिजिटल वितरण
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ने स्वामित्व योजना के अंतर्गत ग्रामीण आवासीय अधिकार अभिलेखों (घरौनी) का डिजिटल वितरण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लाभार्थियों से संवाद किया और मार्गदर्शन दिया। श्री मौर्य ने बताया कि इस योजना से गांव के गरीब लोग अपने घरों पर स्वामित्व का अधिकार प्राप्त कर रहे हैं। यह न केवल बैंक ऋण प्राप्त करने में मददगार है, बल्कि इससे भूमि विवादों में भी कमी आ रही है।
ग्राम पंचायतों की आय में वृद्धि
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि घरौनी योजना से ग्राम पंचायतों की आय के स्रोतों में वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि पंचायतें अब रोजगार सृजन के माध्यम के रूप में उभरेंगी, जिससे ग्रामीणों को आर्थिक विकास के नए अवसर प्राप्त होंगे। श्री मौर्य ने कहा कि यह योजना ग्रामीणों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधारने में भी सहायक होगी।
ग्रामीणों की आर्थिक प्रगति
श्री मौर्य ने बताया कि इस योजना से गांवों में संपत्ति विवाद कम होंगे और ग्रामीणों को अपनी आबादी भूमि पर मालिकाना हक मिलेगा। इससे ग्रामीण लोग अपने आर्थिक विकास में सक्षम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना महिलाओं के संपत्ति अधिकार को सुरक्षित करने में भी सहायक है।
महाकुंभ 2025 का आयोजन
इसके अतिरिक्त, श्री मौर्य ने महाकुंभ 2025 के तहत आयोजित “महाकुंभ मेगा कॉन्क्लेव” में भाग लिया। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ धर्म, संस्कृति और परंपरा का अद्भुत संगम है। यह आयोजन आस्था और आधुनिकता का अद्वितीय समागम है, जहां विभिन्न जातियों और प्रदेशों के लोग एकत्र होकर ‘अनेकता में एकता’ का संदेश देते हैं।
श्री मौर्य ने डिजिटल महाकुंभ के महत्व पर भी जोर दिया और सभी से इसमें भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एकता और समरसता का प्रतीक है, जो भारत की विविधता को एक मंच पर लाता है।